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फ्रांस के इस बैंकिंग समूह ने बताया Bharat के लिए क्यों जरूरी है Modi 3.0
देश इस समय लोकसभा चुनाव से गुजर रहा है. 7 चरणों के इस चुनाव के 2 चरण हो चुके हैं. इसके नतीजे 4 जून को आएंगे.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 weeks ago
मोदी सरकार (Modi Govt) की वापसी यानी Modi 3.0 की आस केवल बीजेपी या उसके समर्थकों को ही नहीं है, बल्कि तमाम एक्सपर्ट्स और वैश्विक संस्थाएं मानते हैं कि भारत के आर्थिक विकास के लिए मोदी का सत्ता में लौटना जरूरी है. उन्हें लगता है कि आर्थिक सुधारों की दिशा में मोदी सरकार ने अब तक जो काम किए हैं, उन्हें गति देने के लिए उनका सत्ता में लौटना जरूरी है.
इस तरह मिलेगा फायदा
मोदी सरकार भारत को मैन्युफैक्चरिंग बनाने की दिशा में काम कर रही है. विदेशी कंपनियों को लुभाने के साथ ही सरकार स्थानीय कंपनियों के हितों का भी ख्याल रख रही है और उसमें उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI Scheme) योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. तमाम निवेशकों को लगता है कि इस योजना को और बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए मोदी को तीसरा कार्यकाल मिलना चाहिए. फ्रांस के बैंकिंग समूह सोसियाते जेनेराली (Societe Generale) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पीएलआई बेहतर ढंग से लागू होने पर भारत एक्सपोर्ट हब बन सकेगा. साथ ही सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में वृद्धि होगी और सरकार संचालित उद्यमों का निजीकरण होगा.
...तो आ सकती है गिरावट
सोसियाते जेनेराली को भी लगता है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिलेगी. उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि जनमत सर्वेक्षणों में आम सहमति से BJP के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की उम्मीद जताई गई है. शेयर बाजार भी इसी उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहा है. लेकिन यदि सरकार में बदलाव होता है, तो 2004 की तरह अल्प अवधि में शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है. ऐसे में महत्त्वपूर्ण यह है कि मध्यम अवधि के लिए सरकार स्थिर रहे.
सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि
फ्रांस के बैंकिंग समूह ने कहा कि 2018-19 के बाद निवेश चक्र में बदलाव जारी है. हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान 2020 और 2021 में इसमें जरूर बाधा आई थी. Societe Generale में कहा गया है कि यह मोदी सरकार की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है कि उसने पिछले चार साल में पूंजीगत व्यय को करीब 100% बढ़ा दिया है. आने वाले समय में सरकार को राजकोषीय घाटे को 3% के दायरे में रखने के लिए वृद्धि की दर को कम करना पड़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलआई योजना से करीब 100 अरब डॉलर की बिक्री की गई है. हालांकि, यह बिक्री इस योजना की शुरुआत के अनुमान से करीब 20 फीसदी कम है. वैसे Apple आईफोन के अच्छे निर्यात और टेस्ला से संभावित बातचीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार की कुछ उल्लेखनीय सफलताएं हैं.
2020 में हुई थी शुरुआत
बता दें कि भारत एक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के प्रमुख स्थान के रूप में उभर रहा है. इस क्षेत्र से जुड़ीं दुनियाभर की कंपनियां भारत आ रही हैं. मोबाइल फोन के लिए PLI योजना की सफलता को देखते हुए पिछले साल आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 को मंजूरी दी गई थी. देश में मोबाइल फोन उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली बार 2020 में PLI योजना की शुरुआत की थी. इससे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिला है. भारत आज दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है और इसमें PLI योजना का बड़ा योगदान है. मोबाइल फोन का निर्यात इस साल 11 अरब अमेरिकी डॉलर यानी करीब 90 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है.
आखिर क्या है PLI योजना?
मोदी सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात बिल कम करने के लिए 2020 में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम यानी PLI योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत सरकार कंपनियों को भारत में बने उत्पाद की बिक्री के आधार पर इंसेंटिव देती है. योजना का उद्देश्य घरेलू कंपनियों को देश में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस योजना के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए विशेष रियायत दी जाती है. विदेशी कंपनियों को कैश इंसेंटिव प्राप्त होता है.
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