होम / यूटिलिटी / इंश्योरेंस से जुड़े लंबित मामलों का जल्द हो निपटारा, 1.61 लाख मामले हैं पेंडिंग
इंश्योरेंस से जुड़े लंबित मामलों का जल्द हो निपटारा, 1.61 लाख मामले हैं पेंडिंग
हमारे देश में पॉलिसी से जुड़े उपभोक्ताओं के लंबित मुद्दों के कारण लाखों केस पेंडिंग हैं. इनकी संख्या 1.61 लाख है जबकि कुल पेंडिंग मामलों की संख्या 5 लाख से ज्यादा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
सरकार ने बुधवार को रेग्यूलेटर IRDAI और अन्य हितधारकों के समक्ष बीमा अनुबंधों में पारदर्शिता और नीति शर्तों में लचीलेपन सहित छह प्रमुख मुद्दों को हरी झंडी दिखा दी. सरकार ने ये भी कहा कि सभी लोग उपभोक्ताओं से संबंधित लटके मामलो को जल्द से जल्द निपटाएं. सरकार की ओर से जिन मुद्दों को प्रमुख हितधारकों के साथ उठाया गया उनमें बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को अदालत के बाहर निपटारे के दौरान निर्णय लेने के लिए दी गई शक्तियों की कमी और एजेंट समय पर उपभोक्ताओं के साथ पूरी पॉलिसी दस्तावेज साझा न करने जैसी परेशानियां प्रमुख तौर पर शामिल रही. वर्तमान में, देश भर में कुल उपभोक्ता शिकायतों का पांचवां हिस्सा बीमा क्षेत्र से संबंधित है.
क्या बोले उपभोक्ता मामलों के सचिव
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीटिंग के बारे में बताते हुए कहा कि हमने IRDA और अन्य हितधारकों के सामने इन चिंताओं को उठाया है. हमें उम्मीद है कि बीमा कंपनियां स्वेच्छा से इनका समाधान करेंगी. अगर जरूरत पड़ी तो हम नियामक से भी इसे अनिवार्य रूप से लागू करने का अनुरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर उद्योग 8 प्रतिशत ग्रोथ हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए महत्वपूर्ण है कि हम शिकायतों की पेंडेंसी से बचने के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स लगाएं.
पॉलिसी की शर्तों को बनाया जाए आसान
सचिव ने जोर देकर कहा कि यदि बीमा पॉलिसी के नियमों और शर्तों को सरल, स्पष्ट और समझने योग्य भाषा में बनाया जाए तो उपभोक्ता मामलों में कमी लाई जा सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि हमें पॉलिसी धारक को इस बात के लिए भी जागरूक करना चाहिए कि वो पॉलिसी को साइन करने से पहले जरूर पढ़े.
कौन-कौन रहा इस मीटिंग में शामिल
आज हुई इस मीटिंग में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की प्रमुख निधि खरे, मंत्रालय के साथ-साथ भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के वरिष्ठ अधिकारी, सार्वजनिक और निजी बीमा कंपनियां, उपभोक्ता अदालत आयोग और उपभोक्ता संगठन इस सम्मेलन में उपस्थित रहे. सचिव ने कहा कि आज उपभोक्ता अदालतों में पेंडिंग पड़े 5.53 लाख मामलों में से 1.61 लाख मामले आज इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम मध्यस्थता के माध्यम से बहुत सारे मुकदमों को सुलझाना चाहते हैं. हालांकि, बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि प्रतिबंध से बंधे हैं और निर्णय लेने के लिए उन्हें उचित अधिकार नहीं दिए गए हैं. हम कंपनियों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे उन्हें अधिकार सौंपें ताकि मामलों का समाधान तेजी से हो सके। यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने अपने प्रतिनिधि को शक्ति सौंपने पर सहमति व्यक्त की है और उम्मीद है कि अन्य कंपनियां भी ऐसा करेंगी,
टैग्स