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जानिए अब किस क्षेत्र में महिलाओं ने पुरुषों को किया पीछे, हो रही है चर्चा
इस सर्वे में ये निकलकर सामने आया है कि महिलाएं सिर्फ लाइफ इंश्योरेंस लेने में ही आगे नहीं हैं बल्कि बचत करने में भी आगे हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
दिल्ली एनसीआर से लेकर देश के दूसरे मेट्रो शहरों के लिए मौजूदा समय में फाइनेंशियल सिक्योरिटी एक बड़ा पहलू है. लेकिन पिछले कई सालों से ये देखा जा रहा था कि फाइनेंसियल सिक्योरिटी को लेकर पुरूष ज्यादा चिंतित रहते हैं और वहीं इसे ज्यादा अडॉप्ट करते हैं. लेकिन हाल ही में एक सर्वे में ये बात निकलकर सामने आई है कि अब इसमें भी महिलाओं ने पुरूषों को पछाड़ दिया है. इस आंकड़े में पिछले पांच सालों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. जहां पहले सर्वे में इसका प्रतिशत 33 था वहीं अब पांचवे सर्वे में ये 40 प्रतिशत तक पहुंच गया है. ये सर्वे मैक्स लाइफ इंश्योरेंस और कंतार के द्वारा किया गया था.
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के पास ज्यादा है लाइफ इंश्योरेंस
पांचवें दौर के इस सर्वे में ये बताया गया है कि पिछले पांच वर्षों में यह पहला मौका है जब इस समूह ने पुरुषों को इस मामले में पछाड़ा है. 77% कामकाजी महिलाओं के पास लाइफ इंश्योरेंस है जबकि पुरुषों के स्तर पर यह आंकड़ा 74% दर्ज किया गया है. घरेलू महिलाओं का प्रोटेक्शन मार्क 38 दर्ज किया गया है जो कि नॉलेज इंडेक्स में 11 अंकों की बढ़त से प्रेरित है. पहले सर्वे में ये 38 था जबकि पांचवे में ये 49 तक पहुंच गया है. इसके अलावा, घरेलू महिलाओं में लाइफ इंश्योरेंस ओनरशिप भी 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. आईपीक्यू 1.0 में 58% की तुलना में आईपीक्यू 5.0 में 68% दर्ज की गई.
सर्वे पर क्या बोले मैक्स लाइफ के एमडी
इस सर्वे पर मैक्स लाइफ के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत त्रिपाठी ने कहा, इस एडिशन के नतीजों से भारतीय महिलाओं की वित्तीय तैयारियों की झलक काफी उत्साहजनक है. यह इस बात का भी सूचक है कि वित्तीय समावेशन के स्तर पर समाज बराबरी की तरफ बढ़ रहा है. लाइफ इंश्योरेंस ओनरशिप के मामले में कामकाजी महिलाओं ने पहली बार पुरुषों को पटखनी दी है और यह उज्ज्वल भविष्य का इशारा है. अब जबकि हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं, हमें समाज में अपने प्रियजनों के लिए सुरक्षा के इंतजाम करने में हमेशा जुटी रहने वाली महिलाओं की वित्तीय जागरूकता और समानता सुनिश्चित करने के प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए.
प्री कोविड लेवल पर पहुंच चुका है स्तर
इस सर्वे के अनुसार महिलाओं में वित्तीय सुरक्षा का स्तर तेजी से सुधर रहा है. महामारी के बाद, शहरी भारत में महिलाएं अपने वित्तीय मामलों को लेकर लगातार सुरक्षित महसूस कर रही हैं और उनके सुरक्षा का स्तर भी महामारी पूर्व के स्तरों पर पहुंच चुका है. यह आईपीक्यू 3.0 यानी तीसरे सर्वे में ये स्तर 57% था जबकि आईपीक्यू 5.0 के सर्वे में ये 62% तक पहुंच चुका है. इसी तरह, लाइफ इंश्योरेंस ओनरशिप आईपीक्यू 3.0 में 67% की तुलना में आईपीक्यू 5.0 सर्वे में 71% तक पहुंच चुका है.
बचत करने में भी महिलाएं हैं आगे
ये सर्वे बताता है कि कामकाजी महिलाएं अपनी 45% आमदनी को बचत और निवेश पर लगाती हैं जबकि 43% पुरुष ऐसा करते हैं. महिलाएं मूलभूत और लग्जरी चीजों पर भी कम खर्च करती हैं, वे 40% मूलभूत चीजों पर खर्च करती हैं जो कि पुरुषों की तुलना में 3% कम है. इसी तरह, यह समूह अपनी 14% आमदनी लग्जरी पर खर्च कर रहा है जो कि पुरुषों के मुकाबले 1% कम है, इससे यह ज़ाहिर होता है कि महिलाएं अपने खर्चों को लेकर काफी सजग रहती हैं और इच्छापूर्ति की बजाय बचत को प्राथमिकता देती हैं.
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