होम / पॉलिटिकल एनालिसिस / कम Voting प्रतिशत: BW हिंदी के 'गणित' पर SBI रिसर्च ने भी लगाई मुहर!
कम Voting प्रतिशत: BW हिंदी के 'गणित' पर SBI रिसर्च ने भी लगाई मुहर!
BW हिंदी ने अपनी पिछले महीने की रिपोर्ट में ही स्पष्ट कर दिया था कि पहले 2 चरणों की वोटिंग को कम नहीं कहा जा सकता.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के तीसरे चरण की वोटिंग आज यानी 7 मई को चल रही है. 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ था. वहीं, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 88 सीटों पर वोटिंग हुई थी. दोनों ही चरण के वोटिंग प्रतिशत को 2019 के मुकाबले कम बताया गया है. पहले चरण में औसत मतदान 65.5% रहा, जबकि 2019 में इन्हीं सीटों के 70% से अधिक मतदान हुआ था. इसी तरह, दूसरे चरण में 62% वोटिंग हुई, जो 2019 के मुकाबले करीब 7% कम है. इन आंकड़ों को लेकर कयासों का दौर भी शुरू हो गया. किसी ने कम वोटिंग प्रतिशत को बीजेपी के पक्ष में बताया, तो किसी ने इसे BJP की चिंता करार दिया. लेकिन BW Hindi ने अपने 30 अप्रैल के आकलन में स्पष्ट कर दिया था कि 2 चरणों के वोटिंग परसेंटेज को 2019 के मतदान प्रतिशत से कम नहीं कहा जा सकता.
पहले से अधिक वोटर्स ने डाले मत
BW हिंदी ने पूरा गणित समझाया था कि क्यों इस बार के 2 चरणों के लोकसभा चुनाव के मतदान प्रतिशत की तुलना पिछले लोकसभा चुनाव से नहीं की जा सकती. अब हमारे 'गणित' पर एसबीआई रिसर्च ने भी मुहर लगा दी है. भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही प्रतिशत के लिहाज से 2019 की तुलना में 2024 में मतदान अनुपात में कमी की बात कही जा रही हो, लेकिन सच्चाई यह है कि 2019 की तुलना में अब तक हुए चुनावों में अधिक मतदाताओं ने वोट डाले हैं.
हमने लगाया था ये गणित
2019 में देश में कुल मतदाता थे 89.6 करोड़ और 2024 में यह संख्या है 97 करोड़. यानी पिछली बार के मुकाबले रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या इस बार ज्यादा है. अब सवाल ये उठता है कि जब इस बार मतदाताओं की कुल संख्या 2019 से ज्यादा है, तो दोनों चुनावों के आंकड़ों की तुलना के आधार पर कम वोटिंग % की बात कहना क्या जायज है? इसे एक उदाहरण के तौर पर समझते हैं. मान लीजिए की पिछले चुनाव में 1 लाख पंजीकृत मतदाता थे और 50 प्रतिशत मतदान हुआ. इस बार 2 लाख मतदाता हैं और 48 प्रतिशत मतदान हुआ, तो क्या उसे पहले से कम वोटिंग प्रतिशत कहा जा सकता है? कुल मतदाताओं के हिसाब से मतदान का प्रतिशत कम या ज्यादा हो सकता है, लेकिन इसे 2019 की तुलना में कम नहीं कहा जा सकता.
ये है SBI रिसर्च का कहना
इस बार के लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में 2019 के पहले दो चरणों में हुए चुनाव के कुल वोटरों से 8.7 लाख अधिक मतदाताओं ने वोट डाले हैं. एसबीआई रिसर्च की 'व्हाइट नॉइज़: ए जे-शेप्ड वोटिंग ऑन द एनविल' शीर्षक वाली रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले दो चरणों में कम मतदान की बात मिथक थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मतदान के स्पष्ट और बेहतर पैमाने का आकलन मतदाताओं की पूर्ण संख्या से किया जा सकता है न कि डाले गए मतों के प्रतिशत पर. यानी एक तरह से SBI की इस रिपोर्ट ने BW हिंदी के 'गणित' पर मुहर लगा दी है.
टैग्स