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जानिए आखिर नितिन गडकरी ने कैसे NPA होने से बचाए बैंकों के 3 लाख करोड़ रुपये
देरी से चल रही परियोजनाओं को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ को इसी साल में पूरा कर लिया जाएगा जबकि बाकी बची परियोजनाएं अगले एक साल में पूरी हो जाएंगी. उसके लिए केंद्र , राज्य सरकारों के साथ काम कर रही है.
ललित नारायण कांडपाल 1 year ago
कारोबारियों के कर्ज के चलते बैंकों के NPA हो जाने की खबरें तो अक्सर जाती रहती हैं लेकिन बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि उन्होंने कैसे बैंकों के 3 लाख करोड़ रुपए को NPA होने से बचा दिया. उन्होंने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की 415 सड़क परियोजनाएं 95% तक पूरी हो चुकी हैं. ये वो सड़के हैं जिनका काम पहले से ही देरी से चल रहा था. लेकिन अब सरकार ने उनका 95% काम पूरा करके बैंकों के तीन लाख करोड़ रुपए NPA होने से बचा लिए.
आखिर कैसे हुआ यह काम
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि उन्होंने इस काम को कैसे अंजाम दिया. दरअसल जिन सड़कों का काम नितिन गडकरी ने पूरा करवाया ये वो सड़कें थी, जो देरी से पूरी होने वाली कैटेगरी में शामिल थी. अगर इन्हें समय पर पूरा नहीं करवाया जाता तो आगे चलकर और परेशानी हो सकती थी. लेकिन उन्होंने बताया कि हमने सड़कों की राज्यवार मॉनिटरिंग करके इन्हें जल्द से जल्द पूरा करवाया, जिससे 3 लाख करोड़ रुपया NPA होने से बच गया.
यूपीए सरकार में बंद था इन सड़कों पर काम
राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई उससे पहले 3.85 लाख करोड़ रुपए की कई परियोजनाएं पर काम बंद पड़ा था, जिसके अलग-अलग कारण थे. केंद्र सरकार भविष्य में अब और देरी से पूरी होने वाली परियोजना पर काम करने की तैयारी कर रही है. कुछ सड़कें इसमें ऐसी है जो कि महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों के कारण अपनी डेडलाइन को पार कर चुकी थीं .
क्या रही देरी की वजह
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि उन्होंने बैंकों से बात की तो पता चला कि कई कारण से ये सड़क परियोजनाएं बंद पड़ी है, जिसमें जमीनों का अधिग्रहण एक बड़ा कारण था. इसके बाद उन्होंने राज्य सरकारों से बात करके उनका अधिग्रहण करवाया और बैंकों का तीन लाख करोड़ रुपया NPA होने से बचा लिया. उन्होंने यह भी बताया कि अगले 3 महीने में सरकार उन सभी डिले प्रोजेक्ट को सुपरवाइज करने जा रही है और उन्हें कॉन्ट्रैक्ट बेस पर पूरा करवाने जा रही है. उन्होंने कहा कि पहचान कराने पर पता चला कि देश में तकरीबन 719 परियोजनाएं हैं जो कि अपनी समय सीमा को पार कर चुकी है, जिसकी एक बड़ी वजह कोविड-19 रही है.
उन्होंने कहा कि इनके पूरा होने में कई और समस्याएं भी आ रही थी, जिसमें भूमि अधिग्रहण, स्टेट्यूटरी क्लीयरेंस, अतिक्रमण, मिट्टी ना मिलना, कानून और व्यवस्था, खराब परफॉर्मेंस ऑफ कांट्रेक्टर और कई राज्यों में होने वाला औसत मानसून इन परियोजनाओं की देरी के कारणों में शामिल था. उन्होंने कहा कि सरकार ने 719 परियोजनाओं में से 268 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो कि 1 साल से कम के समय पर पूरे हो जाएंगे जबकि 438 प्रोजेक्ट इसी वित्तिय वर्ष में पूरे होने जा रहे हैं.
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