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जीवन बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्‍यान

किसी पॉलिसी को 3 साल से पहले बंद करने पर उसका प्रीमियम बर्बाद हो जाता है. तीन साल बाद भी, सरेंडर चार्जेस जमा करने के बाद भुगतान की गई राशि का बमुश्किल 30-35% ही वापस पाता है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

जीवन बीमा सबसे महत्वपूर्ण फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट है, क्योंकि यह किसी व्यक्ति के सभी लक्ष्यों की रक्षा कर सकता है. लेकिन यह सबसे ज्यादा बिकने वाला और निवेशकों को कम समझ में आने वाला फाइनेंशियल उत्‍पाद भी है. बीमा नियामक IRDAI को हर साल 1.5 लाख से अधिक शिकायतें मिलती हैं और जारी की जाने वाली हर 10 पॉलिसी में से 3 को पहले वर्ष के बाद रिन्‍यू नहीं किया जाता है. एक आंकड़ें के अनुसार एक साल में लागू होने वाली 2.8 करोड़ पॉलिसी में से करीब 80 लाख एक साल के बाद सक्रिय नहीं रह पाती हैं. यही नहीं कुछ सालों के बाद 60 प्रतिशत से ज्‍यादा पॉलिसी या तो सरेंडर हो जाती हैं या लैप्‍स हो जाती हैं. 
ऐसा होने पर आप या तो उसके लिए एजेंट को दोष देते हैं या बीमा कंपनी को दोषी ठहराते हैं. पॉलिसी एजेंट उसके अंदर के फायदों के बारे में बढ़ा-चढ़ा कर बताने के लिए जाने जाते है. इसके लिए बैंकों के रिलेशनशिप मैनेजर भी दोषी हैं. उनके हाई टॉरगेट और इंश्‍योरेंस पॉलिसी पर मोटे कमीशन ने उन्हें सेल्समैन बना दिया है. वे जानते हैं कि खरीदारों को मौखिक तौर किए गए वायदों का उनके पास कोई सबूत नहीं है.


किन बातों का रखना चाहिए ध्‍यान 
एक पॉलिसी खरीदार के रूप में, चेक पर हस्ताक्षर करने से पहले यह समझना आपकी जिम्मेदारी है कि आप क्या कर रहे हैं. टैक्स प्लानिंग सीजन जोरों पर है, ऐसे में कई लोगों ने लाइफ इंश्योरेंस खरीदने की योजना पक्की कर ली होगी. आप भी अगर कोई ऐसी प्‍लानिंग कर रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगें कि आप कैसे एक अच्‍छी पॉलिसी खरीद सकते हैं. एक पॉलिसी खरीदने से पहले आपको कौन से सवाल पूछने चाहिए.


क्‍या आपको पॉलिसी की जरुरत है
भारत में बहुत कम लोग अपनी पॉलिसी को जारी रख पाते हैं. पाँचवें वर्ष तक, जारी की गई लगभग 60% पॉलिसियाँ या तो समाप्त हो जाती हैं या सरेंडर कर दी जाती हैं. जीवन बीमा महत्वपूर्ण है, यदि आपकी आय पर आपका जीवनसाथी, बच्चे, माता-पिता और यहाँ तक कि आश्रित भाई-बहन, निर्भर हैं तो यह बिल्कुल आवश्यक है. लेकिन अगर आप शादीशुदा नहीं हैं और कोई भी आपकी आय पर निर्भर नहीं है, तो आपको बीमा कवर की जरूरत नहीं है. साथ ही, यदि आपने अच्छी-खासी संपत्ति बना ली है और आपका जीवनसाथी भी कमाने में सक्षम है तो आपको भी इसकी जरूरत नहीं है. अगर आप रिटॉयर हो गए हैं और आप पर कोई निर्भर नहीं है तो भी आपको कोई जरूरत नहीं है. 

क्‍या आपका कवर पर्याप्‍त है 
पॉलिसी के लिए योग्‍यता जानने के बाद जरूरी है कि आप ये जानें कि क्या आप पर्याप्त लाइफ कवर खरीद रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार इसे आपकी वार्षिक आय का लगभग 8-10 गुना होना चाहिए. लेकिन यह एक बड़ा अनुमान है और हो सकता है कि यह आपकी बीमा आवश्यकताओं की सही तस्वीर न दे. हमेशा जीवन बीमा कवर आय उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए जो आपके आश्रितों के आत्मनिर्भर होने और सभी बकाया लोन, विशेष रूप से बड़े होम लोन को निपटाने तक परिवार के खर्चों का ध्यान रख सके.

अगर कोई व्यक्ति मोटी ईएमआई चुका रहा है और कुछ अनहोनी हो जाती है तो ऐसे में बैंक घर ले लेगा और आपके परिवार को बाहर होना पड़ेगा. इसके अलावा दूसरी जिम्‍मेदारी निभाने में भी सक्षम होना चाहिए. ये न सोचें कि 1 करोड़ रुपये का कवर ही काफी है. लगातार बढ़ती महंगाई उसकी कीमत को कम कर रही है. जीवन बीमा पॉलिसी को व्यक्ति की आय का स्थान लेना चाहिए, सभी ऋणों का निपटान करना चाहिए और भविष्य के खर्चों के लिए प्रावधान करना चाहिए.


कैसे करें पॉलिसी का चयन 
यह देखते हुए कि जीवन बीमा सुरक्षा एक लॉन्‍ग टर्म सुरक्षा का आभास देता है, लोगों के लिए यह आम बात है कि जब वे किसी पॉलिसी के लिए साइन अप करते हैं, तो वे जितना खर्च कर सकते हैं, उससे कहीं अधिक हो जाते हैं. किसी भी पॉलिसी के प्रीमियम का चयन आप आज के अनुसार नहीं बल्कि आने वाले वर्षों के आधार पर करें. ये देख लें कि आप पूरी अवधि के लिए पॉलिसी का प्रीमियम वहन कर सकते हैं या नहीं कर सकते हैं.


मैच्‍योरिटी एमाउंट से न बहके 
 जानकारों के अनुसार टैक्स बचाने का लाइफ इंश्योरेंस सबसे खराब तरीका है. बीमा 20-25 वर्षों के लिए होता है ऐसे में ग्राहक बीमा एजेंट द्वारा अनुमानित मैच्‍योरिटी एमाउंट से बहक जाते हैं. उदाहरण के लिए, 50,000 रुपये के वार्षिक प्रीमियम और 25 वर्षों के बाद 30 लाख रुपये की मैच्‍योरिटी एमाउंट वाली पॉलिसी आकर्षक लग सकती है, लेकिन रिटर्न केवल 6.22% पर काम करता है.


क्‍या आपने सही जानकारी दी है
आपके स्वास्थ्य और सामाजिक आदतों के बारे में महत्वपूर्ण को न बताने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. अगर बीमाकर्ता को पता चलता है कि पॉलिसीधारक ने ऐसी जानकारी छुपाई है जो उसके जीवन के जोखिम को प्रभावित करती है, तो दावा समाप्त हो जाता है. हर साल, लगभग 2% दावे ऐसे ही समाप्‍त हो जाते हैं. 2020-21 में, लगभग 954 करोड़ के लगभग 12,500 मृत्यु दावों को खारिज कर दिया गया था. सबसे आम झूठों में से एक तंबाकू सेवन के बारे में है. किसी भी रूप में तंबाकू का उपयोग प्रीमियम को 25-50% तक बढ़ा देता है, इसलिए इस पर टिक करना काफी लुभावना है.


 


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