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सरकार का एयर इंडिया को निर्देश, इन कर्मचारियों की सैलरी में करें कटौती
एयर इंडिया को टाटा के हाथों में दिए जाने के बाद सरकार ने दिल्ली और मुंबई में रह रहे कर्मचारियों को आवास खाली करने के लिए नोटिस जारी कर चुकी है. ये आदेश उसी के बाद दिया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
एयर इंडिया को टाटा के हाथों में दिए जाने के बाद अब सरकार ने एक नया फरमान जारी कर दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि दिल्ली के वसंत विहार में रहने वाले एयर इंडिया के जो कर्मचारी मकान खाली न करें तो टाटा उनकी सैलरी में कटौती करें. ये कटौती अक्टूबर से की जाएगी.
कितनी होगी कटौती
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एयर इंडिया के कर्मचारी ने बताया कि जो वसंत विहार वाले आवास में रह रहे हैं उनके वेतन से प्रतिमाह ₹95000 तक की कटौती की जाएगी, जिसके बाद कई कर्मचारी तो ऐसे हैं कि उन्हें वेतन तक नहीं मिलेगा. जहां यह कटौती की जा रही है वह कॉलोनी एयर इंडिया के साथ सरकार के विनिवेश का भाग नहीं थी. इसे भी अन्य रियल स्टेट संपत्तियों के साथ एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग लिमिटेड के तहत स्थानांतरित कर दिया गया था. इन कॉलोनियों को सरकार को दिए जाने वाले 60,000 करोड़ रुपए के भुगतान को चुकाने के लिए बेचा जाएगा.
कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका
फिलहाल एयर इंडिया के 58 कर्मचारियों ने मकान खाली करने के नोटिस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. दिल्ली हाईकोर्ट में वहां रहने वाले लोगों के द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि उन्हें फिलहाल वहां रहने का और समय मुहैया कराया जाए. क्योंकि अगले साल कई कर्मचारियों के बच्चों के बोर्ड एग्जाम में शामिल होने जा रहे हैं.
सरकार ने एयर इंडिया को दिया है सुझाव
सूत्रों के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग लिमिटेड के माध्यम से एयर इंडिया के प्रबंधन को आवास खाली करने के लिए एक योजना का सुझाव दिया है. इस योजना को लागू करने के लिए किसी भी तरह का स्टे नहीं है. जबकि ये मामला अब सबजूडिस हो चुका है. इससे पहले सरकार ने तकरीबन एयर इंडिया के 2,000 कर्मचारियों को जो कि दिल्ली के वसंत विहार कॉलोनी और मुंबई के कलिना में रहते हैं उन्हें 26 जुलाई 2022 को आवास खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें या तो यह मकान खाली करना होगा या फिर 10 से 15 लाख रुपए तक की पेनल्टी को चुकाना होगी. लोगों का कहना है कि अक्टूबर में उस आदेश को पालन करने के लिए सरकार की ओर से पानी सप्लाई को भी काट दिया गया था. ताकि वहां रहने वाले लोग जल्द से जल्द आवाज को खाली करें.
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