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TRAI के इस नए नियम के बाद आपके पास नहीं आएगा कोई फर्जी मैसेज, जानिए क्या है नियम
TRAI के इस नए नियम के बाद आपके पास फर्जी मैसेज आने पूरी तरह से बंद होने की उम्मीद है. ट्राई ने इन नियमों को पहले भी लागू किया था लेकिन किसी तकनीकी खामी के कारण ये लागू नहीं हो पाई.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
आपके मोबाइल पर आने वाले अनचाहे कमर्शियल मैसेज हर किसी के लिए बड़े सिरदर्द का कारण होते हैं. इसके कारण ग्राहकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार इस तरह के फर्जी मैसेज के कारण किसी के साथ बैंक फ्रॉड हो जाता है तो किसी के साथ दूसरे तरह का फ्रॉड हो जाता है. ऐसी समस्या का समाधान करने के लिए टेलीकॉम मंत्रालय अब एक बार फिर से उस नियम को लागू करने जा रहा है, जिससे आपके मोबाइल पर कोई भी ऐसा फर्जी मैसेज नहीं आएगा. टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ने ग्राहको को फर्जी कमर्शियल मैसेज से होने वाली समस्या के लिए बनाए गए नियम को एक बार फिर लागू करने जा रहा है.
क्या है ये नियम
मौजूदा समय में आपके मोबाइल पर कोई भी मैसेज के आने के लिए किसी तरह का रेग्यूलेशन नहीं है. लेकिन अब ट्राई एक डीएलटी सिस्टम लागू करने जा रहा है, जिसके तहत अब कोई भी कमर्शियल मैसेज DLT सिस्टम से गुजरते हुए आएगा. आपके मोबाइल पर वही मैसेज डिलीवर होगा जो पहले से डेटा सेंटर में मौजूद होगा. इससे मोबाइल यूजर्स को वहीं मैसेज आएगा जो पहले से वेरिफाई होगा. ट्राई इस तरह की व्यवस्था करने वाला दुनिया का पहला रेग्यूलेटर है.
सभी कमर्शियल प्रमोटर के लिए होगा अनिवार्य
ट्राई के इस नियम के अनुसार ये व्यवस्था सभी कमर्शियल मैसेज प्रोवाइडर के लिए लागू होगी. इस व्यवस्था के लागू होने के बाद उन्हें सारे मैसेज वैरिफाई करवाने होंगे जो वो किसी भी ग्राहक को भेजने की तैयारी कर रहे हैं. उसे उन्हें ट्राई से वैरिफाई करवाना होगा.
मौजूदा समय में कितने मैसेज हैं रजिस्टर्ड
ट्राई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अभी 250000 प्रिंसिपल एनटिटी रजिस्टर्ड हैं. जिनके 600000 से ज्यादा हेडर और 55 लाख से ज्यादा अप्रूव मैसेज हैं. ये वो मैसेज हैं जो डीएलटी सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त परेशान कने वाली कॉल भी आम आदमी के लिए बड़ी परेशानी का सबब है.
पहले भी किया गया था लागू
इस नियम को पहले भी लागू किया गया था लेकिन कई तकनीकी परेशानियों के कारण इसे बंद कर दिया गया था. लेकिन उसके बाद कई स्तरीय समिति के साथ मीटिंग करने के बाद अब उसको फाइनल किया गया है.
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