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BW TechTORS:हमें डीप टेक्नोलॉजी पर काम करने की ज्यादा जरूरत है, जैसे इजराइल कर रहा है
अगर फिनटेक में फंडिंग की बात करें तो शुरुआती तौर में इसकी समस्या नहीं है. लेकिन जैसे-जैसे ये आगे बढ़ता है उसमें फंडिंग की समस्या आती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
BW Techtors 5th Edition के पहले सेशन में स्टार्टअप सेक्टर के एक्सपर्ट रहे विशेषज्ञों ने कई अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि दरअसल स्टार्टअप (Startup) के लिए किसी तरह की फंडिंग की कमी नहीं है, दरअसल फंडिंग का ये सारा काम अमेरिकन एलपी के जरिए होता है. उन्हें लगता है कि अभी रिटर्न अच्छा नहीं मिलेगा इसलिए अभी वो फंड नहीं कर रहे हैं. इसी तरह से कई अन्य विशेषज्ञों ने स्टार्टअप को लेकर कई और बातें कहीं. इस कार्यक्रम में BW Businessworld के एडिटर-इन-चीफ और एक्सचेंज4मीडिया के फाउंडर डॉ. अनुराग बत्रा भी मौजूद रहे.
स्टार्टअप को माइक्रो लेवल पर जज नहीं करना चाहिए
Deciml के CEO और फाउंडर सत्यजीत कुंजूर ने कहा कि मैं मानता हूं कि ये तो हमें तय मानना चाहिए हमारी कंट्री का भविष्य उज्जवल है. हमारे देश में तेजी से डिजिटलाइजेश हो रहा है. लेकिन अभी इसकी पहुंच बहुत ज्यादा नहीं हुई है. आज जरूरत ये है कि हमें खुद को 10 साल का समय देना चाहिए. इन 10 सालों में हम बहुत आगे होंगे.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जब हम एक लॉन्ग टर्म गेम की बात कर रहे हैं तो हमें इतना शॉर्ट नहीं सोचना चाहिए. आज हमारे वहां देखने को मिलता है कि हम स्टार्टअप की ग्रोथ को क्वार्टर लेवल पर जांच रहे हैं, लेकिन ये ऐसा नहीं है. इसे ग्रो करने के लिए हमारे पास 10 साल हैं हमें इतना माइक्रो लेवल पर इसका आंकलन नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर फिनटेक में फंडिंग की बात करें तो शुरुआती तौर में इसकी समस्या नहीं है. लेकिन जैसे-जैसे ये आगे बढ़ता है उसमें फंडिंग की समस्या आती है.
भारत में कभी कोई कंपनी बंद नहीं होती है
Queuebuster के Founder और CEO, वरुण टांगरी ने कहा कि हमारे देश में शुरू होने वाली कंपनी कभी बंद नहीं होती है. हमारे यहां कभी कोई कंपनी बंद नहीं होती है. अगर किसी कंपनी से दो या तीन फाउंडर कम भी हो जाते हैं तो भी 2 लोगों में कंपनी चलती रहती है. भारत को किसी से कंपेयर करने की जरूरत नहीं है.
आप अगर ग्रोथ की बात करते हैं तो आपको ये जानना पड़ेगा कि हमारे देश में 20 बिग सिटी हैं, जबकि चाइना में ऐसी ही 200 सिटी हैं. उनके वहां किसी भी स्टार्टअप की ग्रोथ के ज्यादा चांसेस हैं. वरुण ने कहा कि जहां तक बात है फंडिंग की कमी की तो दुनिया में फंडिंग की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा हमें समझने की जरूरत है कि निवेश करने वाले यूएस एलपी हैं. जिस दिन एलपी, इनवेस्टरों को कह देंगें कि जाओ निवेश करो उस दिन ये फंडिंग की ड्राईनेस खत्म हो जाएगी. स्टार्टअप को आसानी से फंडिंग मिलने लगेगी.
इजराइल में डीप टेक पर काम हो रहा है
Biz2credit के Co-founder और CEO रोहित अरोरा ने कहा कि हमारे देश में टेक स्टॉर्टअप पर उतना काम नहीं हो रहा है जितना कि इजराइल आज डीप टेक पर काम कर रहा है. हमें ये समझने की जरूरत है कि यूएस डॉमिनेट कर रहा है. अगर आप अमेरिका में जाएंगे और वीसी से मिलेंगे तो वो लोग पे रोल के टर्म पर काम करते हैं. मैं दो चीजें कहना चाहूंगा. कई कंपनियों के लिए फंडिंग ड्राई हो चुकी है.
हमें डिजिटाइजेशन को बढ़ाना होगा
QuoDeck की Co-founder और CEO कमालिका भट्टाचार्य ने कहा कि आज अगर मैं टियर 2 सिटी में हूं तो वहां पर लोग घर पर ही खाना बनाते हैं. अगर हम Zomato जैसे स्टॉर्टअप की बात करें तो उनके लिए काम करने के लिए लिमिटेड एरिया है. इस सेक्टर के लिए सबसे बड़े चैलेंज के तौर पर ये है कि आज हमारी इंडस्ट्री में प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों को सामने लाना होगा. हमारी इंडस्ट्री में उनकी बड़ी कमी है. उन्होंने इसके लिए मीशो का उदाहरण दिया. उन्होंने फंडिंग को लेकर कहा कि ज्यादातर फंड 12 साल के लिए होते हैं. उनमें पहले 3 साल में आपको ज्यादा खर्च करना होता है. एआई अगले 10 साल बाद ज्यादा सक्रिय होगा जब ये बड़ी आबादी को प्रभावित करेगा.
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