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जानते हैं कौन सा शहर है देश का सबसे किफायती शहर, ये है इसकी वजह
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई ऐसा शहर है जो सबसे कम किफायती है. इसका मतलब है कि मुंबई देश के महंगे शहरों में शामिल है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
देश में भले ही आम आदमी की तनख्वाह में इजाफा हो रहा हो लेकिन महंगाई में भी उतना ही इजाफा हो रहा है. इसके कारण होता ये है कि आज आम आदमी सेविंग नहीं कर पाता है. ऐसे में हर आदमी किफायती शहर में रहना पसंद करता है. इसी कड़ी में रियल स्टेट कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार देश में अहमदाबाद ऐसा शहर है जो सबसे किफायती शहर है. ये रिपोर्ट इन शहरों में रहने वाले लोगों की मंथली ईएमआई (इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट) और उनकी मंथली इनकम के अनुपात के आधार पर निकाली गयी है. इस सूची के अनुसार मुंबई सबसे कम किफायती शहर है. इसका मतलब हुआ कि मुंबई देश के महंगे शहरों में शामिल है.
क्या कहती है ये रिपोर्ट?
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट कहती है कि इस साल के पहले 6 महीनों में अहमदाबाद का अनुपात देश के बाकी आठ शहरों के मुकाबले सबसे कम रहा है. ये 23 रहा है. इसके बाद सूची में कोलकाता और पूणे आता है. जिनकी रैंकिंग 26 है. ये उनकी सैलरी से जाने वाली ईएमआई के अनुपात को दिखाता है. इस सूची में मुंबई सबसे ज्यादा 55 नंबरों के साथ सबसे कम किफायती शहर है. ये इस सूची में देश की राजधानी दिल्ली 30 प्रतिशत और हैदराबाद 31 प्रतिशत के बाद आता है.
रेपो रेट का भी पड़ा है इस पर असर
पिछले साल मई महीने से लेकर इस साल फरवरी तक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में इजाफा किया है. इसका सीधा असर लोगों की ईएमआई पर पड़ा है और उसमें इजाफा हुआ है. इसने शहरों के किफायती स्तर पर 2.5 प्रतिशत और ईएमआई पर 14.4 प्रतिशत का असर डाला है. हालांकि इससे मांग में कोई असर नहीं पड़ा है और ये 2023 की पहली तिमाही में उच्च स्तर पर बनी हुई है.
क्या बोले नाइट फ्रैंक के एमडी
नाइट फ्रैंक के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा कि आरबीआई देश में महंगाई की स्थिति से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है. इसका ये असर देखने को मिला है कि रेजीडेंसियल डिमांड में इजाफा हुआ है जबकि ऑफिस स्पेसेस की डिमांड में उतना इजाफा नहीं देखने को मिला है.
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