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मोदी कैबिनेट से कौन होगा बाहर, किसकी होगी एंट्री?
मोदी कैबिनेट में कुछ बड़े मंत्रालयों को देख रहे मंत्रियों को पार्टी संगठन में भेजा जा सकता है. क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव को लेकर उन्हें अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
पिछले लंबे समय से मोदी कैबिनेट में होने वाले बदलाव को लेकर चर्चा तो चल रही है लेकिन अभी तक ये हो नहीं पाया है. हालांकि आज बुधवार को माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में ये बदलाव हो सकता है. बदलाव में बड़े नामों को राज्यों में जिम्मेदारी देने के साथ-साथ कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि सहयोगी दलों को भी कैबिनेट में बर्थ मिल सकती है.
किसको भेजा जा सकता है संगठन में
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों का असर मोदी कैबिनेट में होने वाले बदलाव पर दिख सकता है. ऐसे में जिन नामों को संगठन में भेजे जाने की बात सामने आ रही है. उनमें सबसे बड़ा नाम धर्मेन्द्र प्रधान का है. धर्मेन्द्र प्रधान मौजूदा समय में शिक्षा मंत्रालय जैसा भारी भरकम मंत्रालय देख रहे हैं, लेकिन उन्हें पार्टी ने यूपी का प्रभारी भी बनाया है. क्योंकि यूपी एक बड़ा राज्य है ऐसे में पार्टी उस पर फुल टाइम फोकस करने को लेकर गंभीरता से सोच रही है.
इसी तरह से जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को भी पार्टी संगठन के कामों में लगा सकती है. अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं लेकिन उससे पहले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. सबसे दिलचस्प बात ये है कि पांच राज्य जिनमें चुनाव होने हैं वो पार्टी का बड़ा बेस हैं. ऐसे में शेखावत को मंत्रिमंडल से निकालकर उनके गृह राज्य से लेकर दूसरे किसी राज्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है. अनुराग ठाकुर का नाम भी चर्चा में है. वो मौजूदा समय में सूचना प्रसारण मंत्री हैं. क्योंकि पार्टी अभी हिमाचल का चुनाव भी हारी है ऐसे में उन्हें उनके राज्य में या किसी दूसरे राज्य में भेजा जा सकता है. इसी कड़ी में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का भी नाम चर्चा में है कि उन्हें भी कैबिनेट से निकालकर संगठन में लाया जा सकता है. उन्हें हाल ही में मध्य प्रदेश का सह-प्रभारी बनाया गया है.
सहयोगी दलों को मिल सकता है मौका
मोदी मंत्रिमंडल से जहां कई मंत्रियों को सरकार से निकालकर संगठन में भेजने की तैयारी हो रही है. वहीं, दूसरी ओर कुछ सहयोगी दलों को कैबिनेट में भेजने की तैयारी भी लगभग हो चुकी है. इनमें शिंदे गुट को एक कैबिनेट बर्थ मिल सकती है, जबकि चिराग पासवान को भी मंत्री बनाया जा सकता है. साथ ही पार्टी अन्य सहयोगियों को भी मौका दे सकती है.
अब तक कई बार हो चुका है मंत्रिमंडल विस्तार
इससे पहले मोदी कैबिनेट में 2014 से लेकर अब तक कई बार कैबिनेट में बदलाव हो चुका है. इनमें सबसे पहले 9 नवंबर 2014 को मंत्रिमंडल में पहला विस्तार किया गया, इसमें 21 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. जबकि उसके बाद 5 जुलाई 2016 को 19 नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया. उसके बाद 3 सितंबर 2017 और 7 जुलाई 2021 को कैबिनेट में बदलाव किया जा चुका है. साथ ही इसके बाद 18 मई को भी कैबिनेट में बदलाव देखने को मिला था, जब किरण रिजिजू को केन्द्रीय कानून मंत्री और उनके सहयोगी एस.पी.एस बघेल को हटाकर दूसरे मंत्रालय भेज दिया गया था. अर्जुन राम मेघवाल को नया कानून मंत्री बना दिया गया था.
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