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गायब जुल्फी के दोस्तों ने शब्दों में बयां किया दर्द, PM मोदी से की ये अपील
जुल्फी ने कुछ दिन पहले ही अपने कुछ दोस्तों से बात की थी और उन्हें वाइल्ड लाइफ के बारे में बताया था. उसके बाद अचानक वह गायब हो गए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
जुल्फिकार अहमद खान, जिन्हें लोग प्यार से 'जुल्फी' कहते हैं, नई दिल्ली के हंसराज कॉलेज और नैनीताल स्थित सेंट जॉन्स स्कूल के पूर्व छात्र हैं. 48 साल के जुल्फी का मीडिया करियर शानदार रहा है. वह बालाजी टेलीफिल्म्स के COO के रूप में काम कर चुके हैं. इससे पहले, वह OTT प्लेटफॉर्म HOOQ के प्रबंध निदेशक और Eros Now के बिजनेस हेड और चीफ रिवेन्यु ऑफिसर भी रहे हैं. जुल्फी ने अपने मीडिया करियर की शुरुआत 'स्टार इंडिया' के साथ एक ट्रेनी के रूप में की और सफलता की सीढ़ी चढ़ते हुए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ एडवरटाइजिंग सेल्स बन गए. जहां उन्होंने स्टार प्लस, स्टार गोल्ड, स्टार स्पोर्ट्स, नेशनल ज्योग्राफिक और चैनल V जैसे चैनलों का प्रबंधन किया.
स्पोर्ट्समैन, फूडी, ट्रैवलर
जुल्फी स्पोर्ट्समैन, फूडी, ट्रैवलर, क्लाइमर और एक्सप्लोरर रहे हैं. क्रिकेट के प्रति उनका जुनून किसी से छिपा नहीं है. वह दोस्तों के साथ अपने हर रन, हर बॉल और यहां तक कि पिच से जुड़ीं बातें शेयर करना भी नहीं भूलते. जुल्फी जब भी कहीं घूमने जाते हैं, तो एक सामान्य टूरिस्ट बनकर नहीं रहते. वह उस देश या स्थान को गहराई से समझने, उसकी संस्कृति को पहचानने में हफ़्तों व्यतीत कर देते हैं. पिछले साल उन्होंने कश्मीर और लद्दाख की यात्रा की थी. इस दौरान, उन्होंने एक महीने से अधिक समय दोस्तों के साथ कैंपिंग और ट्रेकिंग में बिताया. जुल्फी का सोशल मीडिया अकाउंट हमें बताता है कि उन्हें यूपी के जौनपुर के पास अपने पैतृक गांव जाना कितना पसंद है. वहां जाकर वह अपनों के बीच सबकुछ भूल जाते हैं.
केन्या में हो गए गायब
कुछ वक्त पहले वह केन्या गए थे. जहां उन्होंने 'मसाई मारा' की एडवेंचर से भरी ट्रिप का आनंद उठाया और अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद भी चखा. सबसे अच्छी बात यह थी कि वह अपने इस अनुभव को सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरों तक भी पहुंचा रहे थे. दोस्तों के साथ टेलीफोन पर बातचीत में, उन्होंने कहा था कि वह 24 जुलाई को लौट रहे हैं, लेकिन वह मारा नदी पर होने वाले ग्रेट माइग्रेशन को देखने के लिए साल के अंत में यहां वापस लौटेंगे. मगर 21 जुलाई के बाद पूरी तरह सन्नाटा पसर गया. जुल्फी का न कोई सोशल मीडिया अपडेट आया, न कोई फोन कॉल. उनके दोस्त तब और घबरा गए जब जुल्फी को व्हाट्सऐप पर भेजे उनके मैसेज भी 'रिसीव्ड' नज़र नहीं आए.
पुलिस को नहीं कोई खबर
जुल्फी ने कुछ दिन पहले ही अपने कुछ दोस्तों से बात की थी और उन्हें वाइल्ड लाइफ के बारे में विस्तार से बताया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि सभी को एक न एक बार मसाई मारा ज़रूर आना चाहिए. और उसके बाद अचानक जुल्फी गायब हो गए. न किसी दोस्त से उन्होंने संपर्क किया और न घरवालों को उनकी कोई खबर मिली. अब लगभग 80 दिन बीत चुके हैं और उनकी कोई जानकारी नहीं है. केन्या की स्थानीय पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है. केन्या के हाई कोर्ट ने पुलिस से जुल्फी को पेश करने के लिए कहा है, लेकिन पुलिस अधिकारियों को उनकी कोई खबर नहीं है.
सुरक्षित घर वापसी की अपील
सबसे ज्यादा दुखद बात यह है कि केन्याई मीडिया जुल्फी के बारे में गलत खबर चला रहा है. स्थानीय मीडिया ने किसी दूसरे जुल्फिकार अहमद खान के लिंक्डइन प्रोफाइल के आधार पर गायब हुए जुल्फी को साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बता दिया. केन्या मीडिया में उनके बारे में अधिकांश जानकारी पूरी तरह से निराधार है और बिना किसी उचित शोध के चलाई जा रही है. हमें नहीं पता कि जुल्फी को खोजने के लिए कोई तलाशी अभियान चल रहा है या नहीं. हमें नहीं पता कि भारत सरकार ने केन्याई सरकार से अपने लापता नागरिक के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है या नहीं. हम यह भी नहीं जानते कि केन्या में हमारा उच्चायोग किसी भी तरह से मदद कर रहा है या नहीं. इस लेख के माध्यम से हम 'FRIENDS OF ZULFIQAR KHAN' लोगों को बताना चाहते हैं कि जुल्फी वास्तव में कौन हैं, हम जुल्फी की गुमशुदगी पर सवाल पूछना चाहते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं. हम चाहते हैं कि PM मोदी केन्या सरकार से जुल्फी की सुरक्षित घर वापसी के लिए तलाशी अभियान शुरू करने के लिए कहें.
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