अगर layoff का है डर, तो लीजिए ये इंश्योरेंस और हो जाइए टेंशन फ्री

यह योजना आमतौर पर उन कंपनियों के कर्मचारियों को कवर करती है जो बंद हो गई हैं या जिनको बिना किसी कारण के नौकरी से अचानक से निकाल दिया गया है.

Last Modified:
Monday, 28 November, 2022
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नई दिल्लीः आज कल बहुत सारी कंपनियां विश्व भर में छंटनी कर रही हैं और हजारों की संख्या में लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है. ऐसे में इन लोगों के सामने परिवार के रोजाना और मासिक खर्चों को चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसका असर व्यक्ति के मानसिक और शारिरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. 

इन कंपनियों से निकाले गए हैं लोग

जहां एक प्रतिभाशाली इंजीनियर शुक्रवार की रात सोशल मीडिया के लिए नई सुविधाओं का निर्माण कर रहा है, सोमवार सुबह तक बेरोजगार हो सकता है. ट्विटर, अमेजन और मेटा से परे, छंटनी ने दुनिया भर में तकनीकी क्षेत्र को प्रभावित किया है. लगभग 1.5 लाख लोगों को 800 से अधिक फर्मों में नौकरी के बिना छोड़ दिया है. यहां तक ​​कि मीडिया स्पेस में भी डिज्नी ने नौकरी में कटौती की घोषणा की है, जबकि एक भारतीय समाचार चैनल जी हिंदुस्तान के बंद होने की खबरों ने 300 कर्मचारियों को परेशानी में डाल दिया है.

जॉब लॉस इंश्योरेंस करता है मदद

जॉब लॉस इंश्योरेंस एक ऐसा इंश्योरेंस है जो ऐसे लोगों के खर्च और बिल भुगतान को कवर करती है, जो अपनी आय का स्रोत खो देते हैं, जब तक कि उन्हें नई नौकरी नहीं मिल जाती है. यह योजना आमतौर पर उन कंपनियों के कर्मचारियों को कवर करती है जो बंद हो गई हैं या जिनको बिना किसी कारण के नौकरी से अचानक से निकाल दिया गया है. आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और रॉयल सुंदरम जैसे आय सुरक्षा प्लान लोगों को ईएमआई का भुगतान करने में मदद करते हैं, भले ही उनकी नियमित आय नौकरी छूटने से रुकी हो.

ऐसे लोगों को मिलता है यह कवर

इसका लाभ केवल उन लोगों द्वारा उठाया जा सकता है, जिनकी बीमारी के कारण नौकरी छूट गई है या जिन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है, लेकिन यह उनके लिए नहीं है जिन्हें खराब प्रदर्शन के कारण निकाल दिया गया है. आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और रॉयल सुंदरम की नीतियां केवल वेतनभोगी लोगों को कवर करती हैं और मौजूदा योजनाओं में ऐड-ऑन के रूप में उपलब्ध हैं.
पॉलिसी बाजार ने बेरोजगारी को कवर करने के लिए एक पॉलिसी भी पेश की थी, जो वेतनभोगी और स्व-नियोजित दोनों लोगों को सुरक्षा प्रदान करती है.

सरकार भी करती है ऐसे लोगों को कवर

जहां तक ​​राज्य समर्थित नीतियों की बात है, 2005 में शुरू की गई राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना, तीन साल से अधिक समय के लिए बीमित लोगों को अधिकतम दो वर्षों के लिए भत्ते के रूप में 50 प्रतिशत वेतन प्रदान करती है. अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना में से एक, जहां बीमित व्यक्ति बेरोजगार होने पर अपने जीवनकाल में तीन महीने के लिए नकद राशि प्राप्त कर सकता है.

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ऑनलाइन बेचिए पेट्रोल-डीजल, सरकार करेगी मदद, सालभर में बन सकते हैं 100 करोड़ के मालिक

अगर आपके कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन पेट्रोल-डीजल बेचकर करोड़ों में कमाई कर सकते हैं.

Last Modified:
Thursday, 02 May, 2024
BWHindia

देश में पेट्रोल डीजल की मांग लगातार बढ़ रही है और अगर आप भी ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह अपना कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो पेट्रोल डीजल की ऑनलाइन बिक्री शुरू कर इसकी होम डिलीवरी शुरू कर सकते हैं. आप ऑनलाइन फ्यूल यानी पेट्रोल-डीजल बेचकर करोड़ों में कमाई कर सकते हैं. इसके लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (BPCL), पेट्रोलियम प्रोसेस इंजीनियरिंग सर्विस (PESCO) जैसी तेल कंपनियां मदद करेगी. इसके अलावा आप सरकार से भी मदद ले सकते हैं. 

ऐसे शुरू करें ऑनलाइन बिजनेस 

साल 2016 के पहले पेट्रोल-डीजल की ऑनलाइन ब्रिकी की अनुमित नहीं थी. इसके बाद सरकार ने ऑनलाइन पेट्रोल-डीजल की ब्रिकी की इजाजत दे दी. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए तेल कंपनियों के पास प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट जमा करनी होगी. आइए जानते हैं कैसे शुरू कर सकते हैं बिजनेस

• यदि आप डीजल की डिलीवरी का बिजनेस शुरु करना चाहते हैं तो सबसे पहले तेल कंपनियों से संपर्क करें. इनमें IOC, BPCL और HPCL शामिल हैं.
• उनके पास आपको एक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करनी होगी.
• प्रोजेक्ट पसंद आने पर तेल कंपनियां आपको ऑनलाइन बिक्री की इजाजत देंगी.
• प्रोजेक्ट रिपोर्ट की एक कॉपी PMO को भी भेजें, ताकि आपको सरकार की तरफ से भी मंजूरी मिल जाए. इससे आपको बिजनेस के लिए लोन लेने में आसानी होगी

वेबसाइट और ऐप से होगी डिलीवरी

लोग आपसे पेट्रोल-डीजल खरीदने के लिए वेबसाइट और ऐप के जरिए संपर्क करेंगे. इसलिए आपको वेबसाइट और ऐप डेवलप करानी होगी, जिस पर आपको ऑनलाइन ऑर्डर मिलेंगे. दूसरी चीज आपको तय करना होगा कि किन इलाकों या शहरों में फ्यूल की डिलिवरी की जाएगी. उसी हिसाब से डिलीवरी का नेटवर्क तैयार करना होगा. लेकिन ध्यान रहे फ्यूल डिलिवरी की एक मिनिमम लिमिट तय है, आप उस लिमिट से कम फ्यूल के लिए ऑर्डर नहीं ले सकते हैं.

कितना करना होगा निवेश

अगर आप Petrol-Diesel Home Delivery Business शुरू करते हैं, तो इसके लिए आपको करीब 12 लाख रूपये का निवेश करना होगा. अगर आपके पास इतनी राशि नहीं है, तो आप इसके लिए किसी भी बैंक से PM Mudra Loan के जरिए 10 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं. कुल मिलाकर इस बिजनेस से मोटी कमाई कर सकते हैं.

सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप

पेपफ्यूल डॉट कॉम (Pepfuel.com) सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप है. पेपफ्यूल्स का इंडियन ऑयल के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट है. यह डोर-टू-डोर डिलीवरी (online diesel delivery) के लिए है. इस ऐप पर ग्राहक ऑनलाइन या मैसेज के जरिए ऑर्डर कर सकते हैं. नोएडा के टिकेन्द्र, प्रतीक और संदीप तीनों ने मिलकर इसे स्टार्ट किया है. कारोबार शुरू के कुछ सालों बाद की इनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ के आसपास पहुंच गया.
 


देश की हर महिला बनेगी धनवान, ये योजना देगी 2 साल में इतना पैसा

केंद्र सरकार महिलाओं को आर्थिक लाभ देने के लिए महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना लाई है इसमें केवल 2 साल तक ही निवेश करना होता है. 

Last Modified:
Thursday, 02 May, 2024
BWHindia

केंद्र सरकार महिलाओं के लिए कई ऐसी योजनाएं लेकर आई है, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम कर रही हैं. ऐसी ही एक योजना ‘महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट’ (Mahila Samman Saving Certificate) को प्रमोट करने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी आगे आई हैं. महिला सम्मान सर्टिफिकेट योजना लॉन्च होने के बाद स्मृति ईरानी ने भी नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित पोस्ट ऑफिस में अपना महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र अकाउंट खोला है. पोस्ट ऑफिस की यह स्कीम महिलाओं को पैसे कमाने के साथ भविष्य को सुरक्षित बनाने में भी मदद करती है. तो चलिए जानते हैं इसमें आप कैसे और कितना निवेश कर सकते हैं?

इतना मिलेगा गारंटी लाभ
पोस्‍ट ऑफिस की महिला सम्‍मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना (Mahila Samman Savings Certificate) महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए काफी जरूरी है. इस योजना में महिलाओं को गारंटी रिटर्न का लाभ मिलता है. ये योजना सरकार ने बजट 2023 में लॉन्च की थी. ये योजना मार्च 2025 तक निवेश के लिए खुली है. इस योजना पर सालाना 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है, जो हर तिमाही पर अकाउंट में आता है, लेकिन ब्याज और पूरा मूल मैच्योरिटी पर ही मिलता है. 

2 लाख तक कर सकते हैं निवेश
अगर आप इस स्कीम में 2 साल में 2 लाख रुरये का निवेश करती हैं, तो उसे मैच्योरिटी में 2.32 लाख रुपये मिलेंगे. दरअसल, यह स्कीम एफडी (FD) की तरह ही काम करता है. इस स्कीम में कम से कम 1,000 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इसकी अधिकतम लिमिट 2 लाख रुपये है.

2 खातों में भी कर सकते हैं निवेश
निवेशक चाहे तो 2 खाते खुलवाकर भी निवेश कर सकते हैं. हालांकि, दोनों खातों के बीच कम से कम 3 महीने का गैप होना चाहिए. अकाउंट ओपन होने के 1 साल के बाद इसमें से 40 फीसदी तक की राशि निकाली जा सकती है.

ऐसे पाएं योजना का लाभ
इस योजना का लाभ पाने के लिए आप अपने नजदीक के पोस्ट ऑफिस में जाकर अकाउंट ओपन कर सकते हैं. अकाउंट ओपन करने के लिए आपको फॉर्म सबमिट करना होगा. इसके अलावा आपको केवाईसी अपडेट करने के लिए आधार कार्ड (Aadhaar Card) और पैन कार्ड (Pan Card) भी देना होगा. आपको चेक के साथ पे-इन-स्लिप भी अटैच करनी होगी. इस स्कीम का लाभ देश के कई बैंकों में मिल रहा है. इसका मतलब है कि आप बैंक में भी जाकर इसके लिए अकाउंट ओपन कर सकते हैं.

नाबालिग बच्ची के लिए भी कर सकते हैं निवेश
इस योजना में कोई भी महिला अपने लिए या फिर अपनी नाबालिग बेटी के लिए अकाउंट खुलवाकर निवेश कर सकती हैं. माइनकर अकाउंट में राशि अभिभावक के जरिये निवेश की जाएगी. इसके अलावा पति अपनी पत्नी के लिए भी इसमें निवेश कर सकते हैं.

टैक्स बेनिफिट का लाभ मिलेगा या नहीं?
महिला सम्‍मान सेविंग सर्टिफिकेट योजना में इनकम टैक्स एक्ट के 80C के तहत टैक्स बेनिफिट का लाभ मिलता है. हालांकि, योजना में कमाए ब्याज पर टैक्स का भुगतान करना होता है. इन्टरेस्ट पर टीडीएस (TDS) काटा जाता है.

 


1 मई से बदल जाएंगे ये नियम, जानें आपकी जेब पर क्या पड़ेगा इसका असर?

इस नए महीने में एलपीजी सिलेंडर की कीमत, एचजीएफसी (HDFC), आईसीआईसीआई (ICICI) और यस (Yes) बैंक में कई नियम बदल रहे हैं. बैंकों ने कई सर्विसेज पर चार्ज बढ़ा दिया है.

Last Modified:
Saturday, 20 April, 2024
Banks

हर महीने की शुरुआत में कुछ न कुछ वित्तीय बदलाव होते हैं, जिनका आपकी जेब पर असर होता है. इस नए महीने में एलपीजी सिलेंडर की कीमत, एचजीएफसी (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और यस बैंक (Yes Bank) से जुड़े नियम सहित कई नियम बदल रहे हैं. अगर आपका भी इन बैंकों में अकाउंट है, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. आपको बता दें, इन दोनों बैंकों ने अपने बचत खातें के सर्विस चार्जिस में बदलाव करने की घोषणा की है. ये बदले हुए नियम (Financial Rules) 1 मई 2024 से लागू होंगे. तो चलिए हम आपको बताते हैं इन बैंकों ने क्या बदलाव किए हैं?  

बढ़ सकते हैं सिलेंडर के दाम 
कुछ ही दिनों में अप्रैल महीना खत्म हो जाएगा और मई महीने की शुरुआत होगी. इस नए महीने में एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भी बढ़ोतरी हो सकती है. तेल कंपनियां घरेलू और कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में हर महीने की पहली तारीख को बदलाव करती हैं. ऐसे में मई की एक तारीख को भी सिलेंडर के दाम बदल सकते हैं.

HDFC बैंक करने जा रहा ये बदलाव

इस बैंक ने सीनियर सिटीजन की स्पेशल एफडी स्कीम सीनियर सिटीजन केयर की डेडलाइन को 10 मई तक बढ़ा दिया है. इस स्कीम में सीनियर सिटिजन को 0.75 प्रतिशत ज्यादा ब्याज दिया जा रहा है. यदि कोई सीनियर सिटिजन 5 से 10 साल तक की एफडी कराते हैं तो उन्हें 7.75 प्रतिशत ब्याज दर का मुनाफ़ा दिया जाएगा. 

मिनिमल एवरेज बैलेंस और बदले हुए चार्जिस
यस बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार बैंक ने सेविंग्स अकाउंट्स के अलग-अलग वैरिएंट्स के मिनिमम एवरेज बैलेंस में बदलाव किया गया है. जिन लोगों का अकाउंट प्रो मैक्स है, उनके लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस 50,000 रुपये का हो जाएगा. वहीं, मैक्सिमम चार्ज के लिए 1,000 रुपये की लिमिट तय की गई है. वहीं, जिन ग्राहकों के पास सेविंग अकाउंट प्रो प्लस, Yes Essence SA और YES Respect SA है, उनके लिए मिनिमम बैलेंस अब से 25,000 रुपये हो जाएगा. अगर किसी ग्राहक के पास Saving Account PRo  है, तो उनके लिए मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपये होगा. इन अकाउंट्स के चार्जिस के लिए अधिकतम लिमिट 750 रुपये कर दी गई है. इसी के साथ यस बैंक ने अपने कुछ अकाउंट्स को बंद करने का फैसला भी लिया है. जानकारी के अनुसार यस बैंक सेविंग एक्सक्यूजिव (Saving Exclusive), यस सेविंग सेलेक्ट (Yes Saving Select) सहित कुछ ऐसे अकाउंट्स बंद किए जाएंगे. 

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ICICI Bank ने किए ये बदलाव
आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ने भी अपनी कई तरह की सर्विस की फीस में बदलाव किया है. इनमें मिनिमम एवरेज बैलेंस, कैश ट्रांजेक्शन चार्ज, एटीएम इंटरचेंज फीस आदि शामिल हैं.  इसी के साथ बैंक ने कुछ अकाउंट्स को बंद करने का ऐलान किया है. जिनमें एडवांटेज वुमन सेविंग अकाउंट (Advantage Woman Savings Account), प्रीविलेज अकाउंट्स एडवांटेज वुमन सेविंग अकाउंट, (Privilege Accounts Advantage Woman Saving Account), अस्सेट लिंक्ड सेविंग अकाउंट ( Asset Linked Saving Account) और ऑरा सेविंग अकाउंट (Aura Savings Account) शामिल हैं. बैंक ने डेबिट कार्ड की एनुअल फीस 2,000 रुपये कर दी है. ग्रामीण इलाकों में यह फीस 1000 रुपये ली जाएगी. एक साल में 25 पन्ने वाली चेक बुक पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा, जबकि इसके बाद हर पन्ने के लिए 4 रुपये चुकाने होंगे. आईएमपीएस के ट्रांजेक्शन अमाउंट पर चार्ज लगेगा, यह 2.50 से 15 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन के बीच होगा, जो ट्रांजेक्शन की वैल्यू पर निर्भर होगा.


ये 7 ट्रिक अपनाइए, घटेगी आपके होम लोन की EMI

होम लोन लेना आसान होता है लेकिन चुकान मुश्किल क्योंकि यह लंबी अवधि का लोन होता है. हालांकि, कुछ बातों का ख्याल रखकर आसानी से होम लोन को समय से पहले चुकाया जा सकता है.

Last Modified:
Friday, 19 April, 2024
Home Loan

हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो. कुछ लोग इसके लिए फ्लैट खरीदते हैं तो कुछ लोग प्लॉट लेकर उस पर अपना घर बनाते हैं. अधिकतर लोग घर बनाने के लिए होम लोन लेते हैं और फिर घर बनाते हैं. नौकरी लगने के बाद शुरुआती दिनों में तो होम लोन की ईएमआई चुकाने में कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन धीरे-धीरे जिम्मेदारियां बढ़ने लगती हैं. जैसे-जैसे जिम्मेदारियां बढ़ती हैं, वैसे-वैसे आपकी सैलरी कम पड़ने लगती है. होम लोन की EMI बोझ लगने लगती है. कुछ लोग तो यहां तक सोचने लगते हैं कि घर बेचकर होम लोन से छुटकारा पा लिया जाए. अगर आप भी होम-लोन की EMI से परेशान हो गए हैं तो आइए जानते हैं इसके बोझ को कैसे कम करें.

1. महीने की किस्त का अमाउंट बढ़ा दें

आपके लोन के टाइप को देखते हुए आप ये पता कर सकते हैं कि आप अपने महीने की किस्त बढ़ा सकते हैं या नहीं. अगर आपका फिक्स्ड रेट लोन है तो इससे आपको मदद मिलेगी. रीफाइनेंस न करा पाने की स्थिति में आप मंथली पेमेंट को बढ़ाकर लोन जल्दी जमा कर सकते हैं. इससे आप ब्याज को बढ़ने का मौका ही नहीं देते हैं और प्रिंसिपल अमाउंट भी घटता रहता है. आप हर महीने एक किस्त बढ़ाकर भी दे सकते हैं.

2. बैलेंस ट्रांसफर करवाने का विकल्प

आप अपने बैंक से इसपर चर्चा कर सकते हैं कि आपका बैंक, लोन की अवधि के बीच आपकी ब्याज दर कम करके राहत दे सकता है या नहीं. अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो आप अपना लोन किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं, जहां आपको कम ब्याज पर लोन चुकाना होगा.

3. लोन की अवधि को छोटा कराना

आप एक लमसम अमाउंट भरकर अपना होम लोन टर्म छोटा करा सकते हैं. अगर आपके पास एक्स्ट्रा कैश है जिसकी आपको लंबे समय तक जरूरत नहीं पड़ने वाली है तो आप अपने बैंक से बात करके एडिशनल पेमेंट कर सकते हैं. लोन टर्म शॉर्ट कराने के लिए आप अपना लोन रीफाइनेंस करा सकते हैं. ये ऑप्शन तब ही लेना चाहिए, जब आप बिल्कुल श्योर हों कि आप हर महीने बढ़ा हुआ पेमेंट कर सकते हैं या नहीं.

EPFO ने ऐसा कौनसा नियम बदल दिया कि हर तरफ हो रही है उसकी चर्चा, आपको है खबर?

4. एक्स्ट्रा लमसम पेमेंट करना

आप एक्स्ट्रा लमसम पेमेंट भरकर भी अपना लोन जल्दी बंद करवा सकते हैं. लमसम पेमेंट मतलब वन टाइम पेमेंट, जिसमें आप बड़ा अमाउंट बैंक को दे देते हैं, इससे आपका ब्याज और प्रिंसिपल अमाउंट कवर हो जाता है. इस तरीके का इस्तेमाल अधिकतर लोग करते हैं.

5. लोन कंसॉलिडेट कराना

अगर आप होम लोन के अलावा, कुछ दूसरे छोटे लोन का खर्च भी वहन कर रहे हैं तो आप अपने लोन कंसॉलिडेट करा सकते हैं. यानी कई सारे लोन को एक में मिलाकर एक ही लोन की तरह भर सकते हैं. इससे आपके ऊपर ज्यादा ब्याज भरने का बोझ भी कम होगा.

6. होम लोने के लिए SIP की मदद लें

होम लोन की लागत काफी अधिक होती है और यह आप पर भारी पड़ सकता है. कई मामलों में ब्याज पर किया जाने वाला भुगतान मूलधन से ज्यादा होता है. ऐसे में हाई रिटर्न वाले निवेश आपके होम लोन को चुकाने में आपकी मदद कर सकते हैं. लंबी अवधि के निवेश से होम लोन की ब्याज दर को काफी हद तक कवर करने में मदद मिलती है. सरल शब्दों में, इन निवेशों पर मिलने वाला रिटर्न अंततः होम लोन पर चुकाए गए ब्याज की भरपाई करेगा.

7. लोन प्रीपेमेंट की ले सकते हैं मदद

अच्छी बात है कि आपके अपना होम लोन जल्दी चुकाकर खत्म करने का विकल्प रहता है. अगर आपका लोन टेन्योर 20 सालों का है, तब भी आप इससे कम टाइम में लोन चुकाकर लाखों रुपये बचा लेंगे. होम लोन ही नहीं, अधिकतर लोन के प्रीपेमेंट के साथ पेनाल्टी की शर्त आती ही है. अगर आप होम लोन टेन्योर खत्म होने से पहले चुकाना चाह रहे हैं, तो पहले आपको अपने बैंक से इसकी जानकारी लेनी चाहिए कि वो प्रीपेमेंट पर किस तरह की पेनाल्टी लेता है. अगर आपको लगता है कि पेनाल्टी चुकाकर लोन भरने में आप फायदे में रहेंगे, तो आप बिल्कुल प्रीपेमेंट का रास्ता अपना सकते हैं.
 


Personal Loan लेते समय इन बातों का रखें ख्याल, तो कम होगी EMI

पर्सनल लोन जिसे कंज्यूमर लोन भी कहा जाता है. इसके लिए अप्लाई करने से पहले आपको अपनी जरूरतों का आकलन करना चाहिए.

Last Modified:
Thursday, 18 April, 2024
personal loan

पर्सनल लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं तो एक सही प्लानिंग ही आगे की राह को आसान कर सकती है. पर्सनल लोन लेने के बाद जो चीज आपको सबसे ज्यादा परेशान करती है वो है बढ़ती EMI. क्योंकि पर्सलन लोन का इंट्रेस्ट रेट दूसरे लोन से बहुत ज्यादा होता है. पर्सनल लोन लेने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है. लोन और लोन की राशि से जुड़े कुछ सवालों का जवाब पहले ही खोज लिया जाए तो कर्ज के बोझ से जल्द से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है. किसी बैंक की पर्सनल लोन की ब्याज दरों को जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि पर्सनल लोन आपको तत्काल भुगतान करने में कैसे मदद कर सकता है. आपको ये 6 जरूरी पॉइंट्स अगले पर्सनल लोन पर सर्वोत्तम ब्याज दर खोजने में मदद कर सकते हैं.

क्रेडिट स्कोर होना चाहिए बेहतर

किसी भी भारतीय बैंक से किसी भी पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास एक अच्छी क्रेडिट रिपोर्ट हो. जब आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा, तो आपको बैंकों से व्यक्तिगत कर्ज मिलने की संभावना बढ़ जाएगी, और आपके पास कई अच्छे विकल्प उपलब्ध होंगे. जब आप कर्ज के लिए बैंक से बातचीत करते हैं तो आपको फायदा भी मिल सकता है.

आपको ऑफर्स का उठाना होगा फायदा

बैंकों को विशिष्ट समय पर मौसमी ऑफर चलाने के लिए जाना जाता है, और इस प्रकार के ऑफ़र आपको व्यक्तिगत ऋण ब्याज दर प्रदान कर सकते हैं जो सामान्य रूप से दी जाने वाली ब्याज दरों से कम होती हैं. लेकिन आपको ये ऑफर सीमित समय के लिए ही मिल सकते हैं, इसलिए आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि बैंक कब ये ऑफर देते हैं.

पर्सनल लोन इंटरेस्ट रेट

पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने से पहले आपको ये चेक कर लेना चाहिए कि कौन सा बैंक कितनी ब्याज दर पर लोन ऑफर कर रहा है. आपके लोन अमाउंट के हिसाब से लोन पर अलग-अलग ब्याज दरें हो सकती है. इंटरेस्ट रेट बड़ा फैक्टर है क्योंकि इसी से यह कैलकुलेट होता है कि आपको प्रिंसिपल लोन अमाउंट पर आपको कितना ब्याज चुकाना होगा.

EMI पर क्या है राहत?

पर्सनल लोन दो तरह के होते हैं. प्रिंसिपल अमाउंट यानी मूलधन और इस मूलधन पर इंटरेस्ट यानी ब्याज दर. आपको इन्हें किस्तों या EMI (Equated Monthly Instalments) में चुकाना होता है. आप लोन ले रहे हैं तो इसका कैलकुलेशन कर लें कि आपको हर महीने कितनी EMI भरनी होगी. कुछ बैंक या NBFCs आपको स्टैंडर्ड EMI अमाउंट के साथ-साथ फ्लेक्सिबल EMI का ऑप्शन भी देते हैं. स्टैंडर्ड EMI के तहत आप हर महीने एक बंधी-बंधाई किस्त चुकाते हैं. वहीं फ्लेक्सिबल EMI में आप कम किस्त से शुरू करके धीरे-धीरे इसे बढ़ाते हैं.

लोन चुकाने की शर्तें क्या हैं?

Personal Loan चुकाने के पहले आपको लोन अमाउंट टेन्योर पूरा होने से पहले चुकाने यानी लोन प्रीपेमेंट की शर्तें भी चेक कर लेनी चाहिए. कई बैंक या NBFCs लोन के प्रीपेमेंट पर पेनाल्टी लगाते हैं. यानी आपको लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही लोन का पैसा चुका देने पर जुर्माना देना पड़ता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक को आपको लोन देकर हर महीने ब्याज मिल रहा है, आप जल्दी लोन चुका देते हैं, तो उसके पास ये पैसा आना बंद हो जाता है. आप लोन जारी करवाने से पहले ये पता कर सकते हैं कि अगर आप वक्त से पहले लोन चुकता करना चाहें तो क्या आपको जुर्माना भरना पड़ेगा.

बैंक का ट्रैक रिकॉर्ड

बैंकों का ट्रैक रिकॉर्ड भी चेक करना जरूरी है. आपको पहले लेंडर का ट्रैक रिकॉर्ड चेक कर लेना चाहिए कि वो बाजार में कितने वक्त से है, कितना मजबूत है, ग्राहकों का अनुभव कैसा रहा है. पर्सनल लोन आपकी कई जरूरतों को पूरा कर सकता है और अब ये अलग-अलग प्लान्ड और अनप्लान्ड जरूरतों के लिए अवेलेबल भी हैं, ऐसे में आपको इसके लिए अप्लाई करने से पहले ऊपर बताई गई बातों पर अच्छे से सोच-समझ लेना चाहिए.
 


टैक्‍स बचाने में कारगर साबित हो सकता है होम लोन, जानते हैं इतने लाख तक कर सकते हैं बचत

टैक्स लायबिलिटी को कम करने के लिए इनकम टैक्स नियमों में प्रावधान किए गए हैं. इसमें होम लोन और अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर टैक्स छूट जैसे बेनेफिट शामिल हैं.

Last Modified:
Thursday, 11 April, 2024
Home Loan Benefit

इनकम टैक्स एक्ट (Income tax act, 1961) के तहत भारतीय टैक्सपेयर्स को कई तरह के टैक्स बेनेफिट (tax benefits) मिलते हैं. अलाउंस और इन्वेस्टमेंट पर तो टैक्स छूट मिलती ही है, साथ ही आपके कुछ बड़े खर्चों को देखते हुए भी टैक्स लायबिलिटी कम हो जाए, इसके लिए इनकम टैक्स नियमों में प्रावधान किए गए हैं. इसमें ही होम लोन (home loan tax benefits) और अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर टैक्स छूट जैसे बेनेफिट आते हैं. तो चलिए हम आपको होम लोन और प्रॉपर्टी कन्स्ट्रक्शन से जुड़े कई सेक्शन और उनकी शर्तें के बारे में बताते हैं.

घर बनवाने पर ये है टैक्स छूट की शर्तें
अगर आप अंडर कन्स्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के लिए टैक्स डिडक्शन क्लेम करना चाहते हैं, तो आप एक साल में जितना ब्याज भरा गया है, उस पर 2 लाख तक के ब्याज और सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख तक टैक्स छूट ले सकते हैं. ब्याज पर ये छूट घर का कन्स्ट्र्क्शन पूरा हो जाने पर लिया जा सकता है, इसके लिए कन्स्ट्रक्शन का 5 साल में पूरा होना जरूरी है. ये डिडक्शन 5 किस्तों में क्लेम की जा सकती है. अगर घर इन 5 सालों में नहीं बन पाता है तो भरे गए ब्याज पर आपको 30,000 रुपये की छूट ही मिल पाएगी. 
 

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ऐसे मिलेगा टैक्स लााभ

1. होम लोन के इंटरेस्ट पर टैक्स छूट (Section 24) मिलेगी. अगर आपने घर बनवाने के लिए लोन लिया है, तो आप लोन के ब्याज पर किए गए भुगतान पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. यह छूट अपने इस्तेमाल में ली जा रही प्रॉपर्टी के लिए भी ले सकते हैं, इसमें अधिकतम छूट 2 लाख सालाना की छूट ली जा सकती है. हालांकि, प्रॉपर्टी को किराये पर दिया है, तो पूरे ब्याज पर आपको टैक्स छूट मिल जाती है.

2.इसके अलावा प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्स छूट (Section 80C) मिल होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट के रीपेमेंट पर आप टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. यह छूट सालाना 1.5 लाख की कुल छूट की लिमिट में आती है.

3. रजिस्ट्रेशन फीस पर टैक्स छूट (Section 80C)- संपत्ति को खरीदते समय दिया गया रजिस्ट्रेशन फीस भी 80C के तहत आयकर छूट दिलाता है.

4 पहली बार घर खरीदने वालों के लिए (Section 80EE)- पहली बार घर खरीदने वाले लोगों को भी अतिरिक्त छूट मिल सकती है. सेक्शन 24b के तहत जो 2 लाख की छूट मिली है, उसके ऊपर से आप अपने होम लोन के ब्याज पर 50,000 की एक्स्ट्रा छूट ले सकते हैं.

5. जॉइंट-ओनर्स के लिए टैक्स छूट- अगर आप संपत्ति के जॉइंट ओनर हैं या फिर किसी के साथ जॉइंट बॉरोअर बनकर जॉइंट होम लोन लिया है तो दोनों ही मालिक अलग-अलग भागीदारी के लिए टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
 

 


कैश निकालने के लिए ATM जाने का झंझट खत्म, घर पहुंच जाएंगे पैसे, जानते हैं कैसे?

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने पैसे निकालने के लिए अब एटीएम (ATM) जाने का झंझट खत्म कर दिया है. यानी अब आप घर बैठे ही आपको अपने हाथ में कैश मिल जाएगा. 

Last Modified:
Thursday, 11 April, 2024
Cash

अब आपको बार बार कैश निकालने के लिए ATM या बैंक जाना अच्छा नहीं लगता या आपके पास इतना समय नहीं है, तो अब आपकी इस समस्या का हल निकाल लिया गया है. आपको कैश लेने एटीएम जाने की जरूरत नहीं, कैश खुद चलकर आपके घर आएगा. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने पैसे निकालने के लिए एक गजब की सुविधा शुरू की है, जिसका नाम ‘ऑनलाइन आधार एटीमएम सर्विस’ (AAAS) है. तो आइए जानते हैं कि ये सुविधा क्‍या है और कैसे काम करती है.
 

क्या है ऑनलाइन आधार एटीएम सर्विस?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आधार इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने ऑनलाइन आधार एटीएम सर्विस की सुविधा शुरू की है. इसे आधार इनेबल्‍ड पेमेंट सिस्‍टम (एईपीएस) के जरिये दिया जा रहा है. आधार एटीएम ऐसी सुविधा है, जो आपको घर बैठे कैश निकालने की सुविधा देती है. इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले अपने बैंक खाते को आधार नंबर से लिंक करना होगा. इस आधार एटीएम सर्विस की मदद से खाताधारक के बायोमेट्रिक का इस्तेमाल कर बैंकिंग सर्विस दी जाती है. बायोमेट्रिक डिटेल के जरिए उन्हें बेसिक बैंकिंग सर्विस की सुविधा जैसे कैश विड्रॉल, बैलेंस इंक्वायरी, कैश विड्रॉल, मिनी स्टेटमेंट जैसी सर्विस घर पर मिल जाती है.  इतना ही नहीं इस सर्विस की मदद से आप आधार टू आधार फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं.

कैसे आएंगे पैसे?
एटीएम (Aadhaar ATM)  की मदद से आपको घर बैठे पैसे मिल जाएंगे. पोस्टमैन आपके घर तक कैश पहुंचाएगा, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए आप बिना बैंक या एटीएम गए ही कैश निकाल सकते हैं. आज की तेजी से भागती दुनिया में बैंक या एटीएम जाने के लिए समय निकालना एक परेशानी हो सकती है. खासकर तब जब आपको कैश की तुरंत जरूरत हो, ऐसे में अब आप अपने घर से बाहर निकले बिना आसानी से कैश हासिल कर सकते हैं.आपको बता दें, अगर आपने अपने एक आधार नंबर से कई बैंक खातों को लिंक कर रखा है, तो ट्रांजैक्शन के वक्त आपको अपना बैंक खाता चुनना होगा, जिससे आप कैश निकालना चाहते हैं.  इस सर्विस के जरिए आप  10,000 रुपये तक का कैश ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

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कितना चार्ज, कैसे करें इस्तेमाल?  
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए कैश घर पर मंगवाने पर आपको कोई शुल्क नहीं देना है, लेकिन डोर स्टेप सर्विस के लिए बैंक आपसे चार्ज करेंगा.  इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आपको सबसे पहले आईपीपीबी  की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा.  वहां जाकर  डोर स्टेप का ऑप्शन चुनें, फिर अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, एड्रेस, पिन कोड जैसी डिटेल भरें.  उस बैंक का नाम भरें, जहां आपका खाता हैं.  I Agree पर क्लिक कर सब्मिट कर दें. थोड़ी देर में पोस्टमैन आपके घर कैश लेकर आएगा.  

ट्रांजैक्‍शन के नियम और सीमाएं
अगर गलत आधार विवरण दर्ज किया गया है या गलत बैंक चुना गया है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा. सिर्फ प्राइमरी खाते से ही रकम को डेबिट किया जाएगा. आधार कार्ड ले जाना जरूरी नहीं है. लेकिन, आधार-बैंक खाता लिंक होना जरूरी है. ग्राहकों को लेनदेन की सफलता की सूचना माइक्रोएटीएम और एसएमएस अलर्ट के जरिये दी जाएगी. आईपीपीबी एक्‍सेस पॉइंट पर या डोरस्टेप सेवाओं के लिए लेनदेन शुल्क नहीं लेता है. हालांकि, डोरस्टेप सेवा शुल्क लागू होता है. एनपीसीआई ने प्रति एईपीएस लेनदेन पर अधिकतम लेनदेन सीमा 10,000 रुपये तय की है.


इस डेट तक हर हाल में भर दें आईटीआर,  टैक्स में मिलेगी इतने लाख रुपये की छूट

वित्त वर्ष 2024-25 में नई कर व्यवस्था में केवल 50 हजार की मानक कटौती का ही लाभ मिलता है. वहीं, Old Tax  Regime में 80 सी के तहत कर में काफी छूट मिलती है.

Last Modified:
Monday, 08 April, 2024
Tax  Return

वित्त वर्ष 2024-25 (एसेसमेंट ईयर ) के लिए आयकर रिटर्न भरने वाले करदाता (Tax Payers)  सचेत हो जाएं. 1 अप्रैल 2024 से आयकर रिटर्न भरने की शुरुआत हो गई है. आपको बता दें, आईटीआर दाखिल करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. अब जो भी करदाता पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax  Regime)  को अपना कर आईटीआर (ITR) भरना चाहते हैं, उन्हें हर हाल में 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करना होगा. अगर आपने इसमें चूक कर दी तो पुरानी व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा और नई प्रणाली के आधार पर आयकर का लाभ मिलेगा. 

ये हुआ है बदलाव
नए नियम के तहत जो करदाता बिना जुर्माना चुकाए 31 जुलाई 2024 तक की अंतिम समय सीमा के अंदर आयकर रिटर्न दाखिल करेंगे, उन्हें पुरानी कर व्यवस्था का लाभ दिया जाएगा. इसके बाद न्यू टैक्स रिजीम की डिफॉल्ट प्रणाली लागू हो जाएगी. पुरानी व्यस्थआ में 2.5 लाख रुपये की कर छूट मिलती है. इसमें 80 सी तहत 1.5 की कर छूट, 50 हजार की मानक कटौती और 50 हजार रुपये एनपीएस में योगदान शामिल है. वहीं, नई व्यवस्था में कवल 50 हदार की मानक कटौती का ही लाभ मिलता है.  

विलंबित आईटीआर में लाभ नहीं मिलेंगे
टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार 31 जुलाई समयसीमा समाप्त होने के बादस करदाताओं को जुर्माने के साथ विलबिंत आईटीआर दाखिल करने का मौका दिया जाता है. इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर होती है. अगर कोई करदाता इस अवधि में आईटीआर दाखिल करता है, तो उस पर न्यू टैक्स रिजीम के अनुसार आयकर देय होगा. उसे पुरानी व्यवस्था में मिलने वाली कर छूट और अन्य कटौतियों का लाभ नहीं मिलेगा. इससे बचने के लिए एक्सपर्ट्स ने 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करने की सलाह दी है. 

अपने एम्प्लॉयर दो दें सूचना
आयकर कानून के अनुसार न्यू टैक्स रिजीम डिफॉल्ट व्यवस्था है. यानी करदाता के लिए यह पहले से लागू है. यदि कोई वेतनभोगी करदाता ओल्ड रिजीम को चाहता है, तो उसे नए वित्त वर्ष की शुरुआत में अपने एम्प्लॉयर को इस संबंध मे सूचित करना होगा. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो वह अपने आप नई कर व्यवस्था में आ जाएगा और इसके तरह तय इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर उसके वेतन से टैक्स काटा जाएगा. आयकर रिफंड का दावा करने के लिए उन्हें अगले वत्त वर्ष का इंतजार करना होगा. 

केवल इन्हें मिलेगी टैक्स बदलने की छूट
अगर कोई टैक्सपेयर अपने एम्प्लॉयर को सूचित करने में विफल रहता है, तब भी आयकर रिटर्न दाखिल करते समय टैक्स सिस्टम को बदल सकता है. लेकिन केवल यह समय सीमा के अंदर किया गया हो. टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार करदाता अपनी सुविधा और लाभ को देखते हुए आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इसे बदल भी सकता है. हर साल कर व्यवस्था बदलने की यह सुविधा केवल वेतन भोगियो के लिए है. कारोबारी या व्यापारी सिर्फ एक बार ही इसे बदल सकते हैं. 
     
 


सुरक्षित जगह करना चाहते हैं निवेश, ये 5 बैंक 1 साल की एफडी पर दे रहे अच्छा रिटर्न

बीते कुछ सालों से  बैंक फिक्स्ड डिपोजिट (FD) पर जबरदस्त ब्याज ऑफर कर रहे हैं. ये बैंक अपने ग्राहकों को 1 साल की एफडी पर सबसे अधिक ब्याज ऑफर कर रहे हैं.

Last Modified:
Saturday, 06 April, 2024
Fixed Deposite

सुरक्षित निवेश के लिए अधिकतर लोग बैंकों में फिक्स्ड डिपोजिट (Fixed Deposite) की ओर रुख करते हैं.  अगर आप भी निकट भविष्य में फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने की कोई प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह खबर आपके काम आ सकती है. फिक्स्ड डिपोजिट करने पर ग्राहकों को एक निश्चित अवधि के बाद बंपर रिटर्न के साथ गारंटीड पैसा मिलता है. बीते कुछ सालों से एफडी करने वाले ग्राहकों को बैंक अच्छा रिटर्न ऑफर कर रहे हैं, ऐसे में  हम भी आपको ऐसे पांच बैंकों के बारे में बताने वाले हैं, जो ग्राहकों को 1 साल की अपडेट पर सबसे अधिक रिटर्न दे रहे हैं.

इन दो बैंकों में मिलेगा 7.25 प्रतिशत रिटर्न
डीसीबी बैंक (DCB Bank) अपने जनरल ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7.25 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है. वहीं, बैंक इसी अवधि के लिए अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को 7.75 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है. वहीं, तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक (Tamilnad Mercantile Bank) अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7.25 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। दूसरी ओर बैंक इसी अवधि के लिए एफडी करने पर अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को 7.75 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है.

इन तीन बैंकों में  7 प्रतिशत रिटर्न

केनरा बैंक (Canara Bank) अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है. दूसरी ओर बैंक अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को इसी अवधि के लिए 7.75 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहा है. कर्नाटक बैंक (Karnataka Bank) अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। वहीं, बैंक इसी अवधि के लिए अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को 7.40 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है. डॉयचे बैंक (Deutsche Bank) अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की एफडी करने पर 7 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। दूसरी ओर बैंक अपने सीनियर सिटीजन ग्राहकों को भी इसी अवधि के लिए एफडी करने पर 7 प्रतिशत का ही ब्याज ऑफर कर रहा है. अपने सामान्य ग्राहकों को 1 साल की अवधि करने पर 7 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है.

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जानते हैं क्या है प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, ऐसे उठा सकते हैं इसका लाभ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का ऐलान किया था. इस योजना के तहत सरकार घर में सोलर सिस्टम लगवाने पर सब्सिडी प्रदान कर रही है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 03 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 03 April, 2024
Solar Plant

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के नागरिकों के लिए बहुत सारी योजनाएं शुरू की गई हैं. ऐसे ही एक योजना का ऐलान प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी को किया था, जिसका नाम है प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, इस योजना के तहत सरकार घर में सोलर सिस्टम लगवाने पर सब्सिडी प्रदान कर रही है. इस योजना के लिए आप बैंकों से लोन भी ले सकते हैं. तो चलिए जानते हैं पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए कितनी सब्सिडी मिल रही है और कौन-कौन से बैंक कितना लोन दे रहे हैं. 

इतनी मिल रही है सब्सिडी 
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिए अलग-अलग तरह के रूफटॉप सोलर सिस्टम के लिए सब्सिडी दी जा रही है. इसमें अगर कोई 1 kw का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाता है, तो उसे 30,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. वहीं, अगर 2 kw का सिस्टम लगवाते हैं, तो 60,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. इसी तरह अगर कोई वह 3 kw का सिस्टम लगवाता है तो उसे 78,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. 

ये लोग ले सकते हैं योजना का लाभ
इस योजना के लिए आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए. सोलर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त छत वाला घर होना चाहिए. परिवार के पास वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए. परिवार ने सौर पैनलों के लिए किसी अन्य सब्सिडी का लाभ नहीं उठाया हो. 

लोन का लाभ उठाने के लिए न्यूनतम आय मानदंड
अगर लोग 3 किलोवाट क्षमता तक सोलर रूफ टॉप की स्थापना के लिए है, तो कोई मानदंड नहीं है. वहीं, 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक की क्षमता की स्थापना के लिए लोन लेने के लिए वार्षिक आय 3 लाख रुपये और उससे अधिक होनी चाहिए.

ये बैंक दे रहे हैं लोन
एसबीआई 3 किलोवाट क्षमता तक सोलर रूफ टॉप की स्थापना के लिए 2 लाख और 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट क्षमता तक सोलर रूफ टॉप की स्थापना के लिए 6 लाख रुपये तक का लोन दे रहा है. वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया 3 kw का तीन सिस्टम लगवाने के लिए  अधिकतम 6 लाख रुपये तक लोन दिया जा रहा है. पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 10 kw के सोलर सिस्टम के लिए 6 लाख का लोन दिया जा रहा है.