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निर्धारित डेडलाइन पर नहीं होगा Zee-Sony Merger, सामने आई ये बड़ी खबर!
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के मर्जर की डेडलाइन एक बार फिर बढ़ने वाली है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के मर्जर (Zee-Sony Merger) की डेडलाइन एक बार फिर बढ़ने वाली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Zeel ने सोनी से मर्जर प्लान को प्रभावी बनाने के लिए 21 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन आगे बढ़ाने के लिए कहा है. ZEEL के सीईओ पुनीत गोयनका (Punit Goenka) ने उम्मीद जताई है कि सोनी इस अनुरोध की समीक्षा करेगा. बता दें कि Zee और Sony ने 22 दिसंबर, 2021 को एक मर्जर एग्रीमेंट समझौता किया था, लेकिन तमाम कारणों के चलते ये मर्जर अब तक पूरा नहीं हो सका है.
कई वजहों से अटकी प्रक्रिया
ZEEL ने सोनी, जिसे अब कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के नाम से जाना जाता है, से डेडलाइन बढ़ाने को कहा है, लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि उसने मर्जर की डेडलाइन कितने समय के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया है. दोनों कंपनियों के मर्जर की प्रक्रिया कई वजहों से कई बार अटकी है. इसमें रेगुलेटरी जांच, कानूनी मुकदमे, SEBI की सख्ती आदि प्रमुख रहे हैं. हालांकि, माना जा रहा था कि 21 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन को पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन अब मामला एक फिर लटक गया है. अब देखने वाली बात ये होगी कि ZEEL के इस अनुरोध पर सोनी की क्या प्रतिक्रिया होती है.
दोनों कंपनियों में विवाद!
कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया है कि Zee और Sony के बीच मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी के नेतृत्व को लेकर भी विवाद है. जहां सोनी के पास विलय की गई इकाई पर बोर्ड के अधिकांश सदस्यों को नामांकित करने का अधिकार है. वहीं, अग्रीमेंट में एक शर्त यह भी जोड़ी गई है कि पुनीत गोयनका नई कंपनी के MD और CEO होंगे. चूंकि, गोयनका को सेबी की जांच का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए सोनी उन्हें नई कंपनी के एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्त करने को लेकर सावधान है.
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NCLAT से मिली है राहत
हाल ही में जी-सोनी मर्जर (Zee-Sony Merger) को लेकर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से एक बड़ी खबर आई थी. NCLAT ने इस मर्जर पर रोक लगाने का आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. Axis Finance और IDBI बैंक ने 10 बिलियन डॉलर की दिग्गज मीडिया कंपनी बनाने के इस मर्जर पर रोक के लिए NCLAT का दरवाजा खटखटाया था. याचिका पर सुनवाई के दौरान, आईडीबीआई बैंक की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने तर्क दिया कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) ने Essel एंटिटी को दिए गए कर्ज के लिए गारंटी दी थी और यदि मर्जर होता है, तो बैंक कर्ज की वसूली नहीं कर पाएगा. इसलिए मर्जर की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए.
अधिकार पर ही उठाए सवाल
वहीं ZEEL की तरफ से पेश वकीलों ने कहा था कि मर्जर पर रोक का कोई आधार नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कानून के अनुसार एक्सिस फाइनेंस और IDBI बैंक इसके खिलाफ याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं रखते. NCLAT ने कहा कि चूंकि ये मर्जर अदालत के आदेशों के अधीन है, लेकिन वे मेरिट के आधार पर मामले की सुनवाई किए बिना इस पर रोक नहीं लगा सकते. इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने मामले की सुनवाई को 8 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया.
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