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ZEE के अनुरोध पर क्या बढ़ेगी Merger की डेडलाइन? आ गया Sony का जवाब
ZEE और Sony के मर्जर की फाइनल डेट क्या होगी, इस पर अब तक संशय बना हुआ है. ZEE ने डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है, लेकिन सोनी अब तक कोई फैसला नहीं ले पाया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के डेडलाइन बढ़ाने के अनुरोध पर सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. सोनी की तरफ से मंगलवार को बताया गया कि मर्जर की डेडलाइन बढ़ाने के ZEEL के अनुरोध पर अभी तक सहमत नहीं बनी है. बता दें कि 10 अरब डॉलर की नई मीडिया एवं एंटरटेनमेंट कंपनी बनाने के लिए ZEE और Sony मर्जर की मौजूदा समय सीमा 21 दिसंबर है.
Punit Goenka को है उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने एक बयान में कहा कि उसने ZEEL के अनुरोध पर अब तक कोई फैसला नही लिया है. हम ZEE से उसके प्रस्ताव और योजनाओं के बारे में जानेंगे कि उसका लक्ष्य शेष महत्वपूर्ण समापन शर्तों को कैसे पूरा करना है. जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के अनुरोध और उस पर अब Sony के इस जवाब से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ZEE-Sony मर्जर जल्द पूरा होने की संभावना बेहद कम है. रविवार को Zeel ने Sony से मर्जर प्लान को प्रभावी बनाने के लिए 21 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था. ZEEL के सीईओ पुनीत गोयनका (Punit Goenka) ने उम्मीद जताई है कि सोनी इस अनुरोध की समीक्षा करेगा.
2021 में बनी थी मर्जर की सहमति
Zee और Sony ने 22 दिसंबर, 2021 को एक मर्जर एग्रीमेंट समझौता किया था, लेकिन तमाम कारणों के चलते ये मर्जर अब तक पूरा नहीं हो सका है. ZEEL ने सोनी, जिसे अब कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के नाम से जाना जाता है, से डेडलाइन बढ़ाने को कहा है, लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि उसने मर्जर की डेडलाइन कितने समय के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया है. दोनों कंपनियों के मर्जर की प्रक्रिया कई वजहों से कई बार अटकी है. इसमें रेगुलेटरी जांच, कानूनी मुकदमे, SEBI की सख्ती आदि प्रमुख रहे हैं. हालांकि, माना जा रहा था कि 21 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन को पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन अब मामला एक फिर लटक गया है.
नेतृत्व को लेकर है विवाद?
कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया है कि Zee और Sony के बीच मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी के नेतृत्व को लेकर भी विवाद है. जहां सोनी के पास विलय की गई इकाई पर बोर्ड के अधिकांश सदस्यों को नामांकित करने का अधिकार है. वहीं, अग्रीमेंट में एक शर्त यह भी जोड़ी गई है कि पुनीत गोयनका नई कंपनी के MD और CEO होंगे. चूंकि, गोयनका को सेबी की जांच का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए सोनी उन्हें नई कंपनी के एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्त करने को लेकर सावधान है.
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