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Weekend Special: एक शो से ऐसे हिट हुए प्रणय रॉय, देखते-देखते ब्रैंड बन गया NDTV
NDTV अब पूरी तरह से गौतम अडानी का होने जा रहा है. प्रणय रॉय और उनकी पत्नी ने अपने शेयर अडानी की कंपनी को सौंपने का फैसला किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड यानी NDTV से प्रणय रॉय (Prannoy Roy) और उनकी पत्नी राधिका रॉय (Radhika Roy) अपना रिश्ता पूरी तरह खत्म करने जा रहे हैं. दोनों ने अपने हिस्से के शेयर गौतम अडानी की कंपनी को सौंपने का फैसला लिया है. उनकी NDTV में 27.26% हिस्सेदारी है.
गौतम अडानी से हुई बातचीत
प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका NDTV के संस्थापक हैं. उन्होंने एक बयान जारी करते हुए बताया है कि ओपन ऑफर के बाद एएमजी मीडिया नेटवर्क एनडीटीवी का सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया है. अब हमने गौतम अडानी से बातचीत के बाद अपने अधिकांश शेयर अडानी समूह को ट्रांसफर करने का फैसला लिया है. उन्होंने आगे कहा कि गौतम अडानी से बातचीत बहुत रचनात्मक रही. उन्होंने जो भी सुझाव दिया उसे अडानी ने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया.
खत्म गया एक अध्याय
यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रणय रॉय और राधिका रॉय के इस फैसले के बाद NDTV का एक अध्याय खत्म हो गया है. रॉय दंपति के नेतृत्व में NDTV जिस तीखे अंदाज में खबरों को परोसता था, वो शायद अब देखने को न मिले. अडानी समूह के NDTV को अपना बनाने के बाद से रविश कुमार सहित कई पत्रकारों ने मीडिया संगठन को अलविदा कह दिया है. टॉप मैनेजमेंट में बदलाव के साथ ही पत्रकारों की वो टीम भी टूट गई है, जो सालों से दर्शकों तक सरकार के गलतियों और नाकामियों को भी पहुंचा रही थी.
1988 में हुई शुरुआत
चलिए, जानते हैं कि आखिर NDTV की शुरुआत कैसे हुई और कैसे इस मीडिया चैनल ने अपनी एक अलग पहचान स्थापित की. बात 1988 की है. केंद्र में राजीव गांधी की सरकार थी. उन दिनों न्यूज देखने का एकमात्र माध्यम दूरदर्शन था. राजीव गांधी ने दूरदर्शन के महानिदेशक भास्कर घोष को TV न्यूज को नए टैलेंट और विचार के साथ आकर्षक बनाने का काम सौंपा था. यही वो समय था जब प्रणय रॉय और उनकी राधिका रॉय ने न्यू दिल्ली टेलीविजन (NDTV) की शुरुआत की थी.
इस शो ने दिलाई पहचान
प्रणय रॉय उस समय तक एक बड़ा नाम बन गए थे. घोष ने दूरदर्शन के एक नए साप्ताहिक कार्यक्रम ‘The World This Week' के लिए प्रणय रॉय और राधिका रॉय को नियुक्त किया. इसके लिए उन्हें करीब 2 लाख रुपए प्रति एपिसोड भुगतान किया जाता था. दूरदर्शन का ये शो जबरदस्त हिट साबित हुआ और इसी के साथ प्रणय रॉय भी चमक गए. प्रणय रॉय का शैली को लोगों को खूब आई. दरअसल, इस शो से पहले दर्शकों को दूरदर्शन पर कोई खास कंटेंट नहीं मिलता था, ऐसे में जब The World This Week आया, तो एकदम से हिट हो गया.
पहले पैसे मिलते थे, फिर देने लगे
सही मायनों में द वर्ल्ड दिस वीक के माध्यम से ही भारतीय दर्शक अंतरराष्ट्रीय टीवी न्यूज चैनल की शैली से रूबरू हो सके, जिसमें एंकर खबरों को आसान और आम बोलचाल की भाषा में पेश करता था. साथ ही विजुअल, वॉयस-ओवर और अच्छी तस्वीरों का इस्तेमाल कर स्टोरी चलाई जाती थी. 1988 में NDTV की शुरुआत दूरदर्शन के लिए शो बनाने से हुई थी, लेकिन अगले ही साल एनडीटीवी इतना बड़ा हो गया कि अपना शो दूरदर्शन पर पैसे देकर चलवाने लगा. उस दौर में भी NDTV को विज्ञापनों से अच्छी-खासी कमाई हो जाती थी. यहीं से रॉय दंपति के मीडिया उद्यमी बनने की शुरुआत हुई थी.
FIR का करना पड़ा सामना
हालांकि, 1997 में एक दौर ऐसा भी आया, जब प्रणय रॉय का नाम विवादों में घिर गया. दरअसल, इसी साल एक संसदीय समिति ने दूरदर्शन के वित्तीय दस्तावेजों की जांच की और दूरदर्शन और NDTV के रिलेशन में उसे कुछ अनियमितताएं मिलीं. मुख्य रूप से दो कथित अनियमितताएं समाने आईं. पहली - दूरदर्शन अपनी टेक्नॉलॉजी का एक्सेस एनडीटीवी को दे रहा था. और दूसरी- विज्ञापन के दरों से जुड़ी थी. एक साल बाद यानी कि 1998 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने प्रणय और दूरदर्शन के कुछ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें 1993 से 1996 तक दूरदर्शन के महानिदेशक रहे रितिकांत बसु का नाम भी शामिल था. ये बात अलग है कि 2013 में सीबीआई द्वारा एक अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई और सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया.
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