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Adani Group ने पूरा किया NDTV का टेकओवर, इतने करोड़ में खरीदे रॉय दंपत्ति के शेयर्स
गौरतलब है कि 23 अगस्त को अडानी समूह ने इस बात की घोषणा की थी कि वो समाचार चैनल को खरीदने जा रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः अडानी समूह ने समाचार चैनल NDTV (New Delhi Television) को खरीदने की प्रक्रिया जो पांच माह पहले अगस्त में शुरू हुई थी वो 30 दिसंबर को पूरी कर ली गई है. गौरतलब है कि 23 अगस्त को अडानी समूह ने इस बात की घोषणा की थी कि वो समाचार चैनल को खरीदने जा रही है. ग्रुप ने आज शेयर मार्केट को सूचना दी कि उसने NDTV के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय के 27 फीसदी शेयर्स खरीद लिए हैं.
समूह ने बीएसई को सूचित किया, “हम आपको सूचित करते हैं कि आरआरपीआर, कंपनी की एक अप्रत्यक्ष सहायक कंपनी और एनडीटीवी के प्रमोटर/प्रमोटर समूह के सदस्य, ने प्रणय रॉय और राधिका रॉय (“सेलर्स”) से एनडीटीवी में 27.26% इक्विटी हिस्सेदारी हासिल कर ली है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (शेयरों और अधिग्रहणों का पर्याप्त अधिग्रहण) विनियम, 2011 के तहत ये प्रक्रिया पूरी की गई है.
अडानी समूह के पास आई 56.45 फीसदी हिस्सेदारी
स्टॉक एक्सचेंजों के साथ की गई फाइलिंग के अनुसार, आरआरपीआर के पास अब एनडीटीवी में 56.45% इक्विटी हिस्सेदारी होगी, क्योंकि आरआरपीआर के पास पहले से ही एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी थी. रॉय दंपत्ति से शेयरों का अधिग्रहण 30 दिसंबर को पूरा हुआ.
अडानी एंटरप्राइजेज के बयान में कहा गया है कि कंपनी ने ₹342.65 प्रति शेयर की कीमत पर रॉय दंपत्ति से 27.26% हिस्सेदारी हासिल की. इसका मतलब है कि कंपनी ने शेयरों के लिए रॉय दंपत्ति को ₹600 करोड़ से अधिक का भुगतान किया. एनडीटीवी द्वारा पिछले सप्ताह की गई नियामक फाइलिंग के अनुसार, प्रणय रॉय ने 86,65,209 इक्विटी शेयर और राधिका रॉय ने 89,12,467 शेयर अडानी समूह को हस्तांतरित किए. इसका मतलब है कि दोनों प्रमोटर्स ने कुल 1,75,77,676 इक्विटी शेयर ट्रांसफर किए.
मैनजमेंट और संपादकीय में रहेगी लक्ष्मण रेखा
अडानी ने इंडिया टुडे ग्रुप को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी एनडीटीवी की एडिटोरियल इंडिपेंडेंस में कोई हस्तक्षेप करने की मंशा नहीं है. मैनेजमेंट और एडिटोरियल के बीच एक स्पष्ट लक्ष्मणरेखा होगी. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनियां प्रोफेशनल लोगों के हाथ में है और वह कंपनी को रोजाना के कामों में कोई दखल नहीं देते हैं. यही बात एनडीटीवी पर भी लागू होगी.
'मैं यह साफ करना चाहता हूं कि एनडीटीवी एक विश्वसनीय, स्वतंत्र और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क रहेगा. मैनेजमेंट और संपादकीय में हमेशा एक लक्ष्मण रेखा रहेगी. वक्त के साथ यह साफ हो जाएगी। आप हमें थोड़ा वक्त दें.'
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