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IBLF:अपने ज्ञान का इस्तेमाल कीजिए और उसे प्रजेंट में इस्तेमाल करिए :राधाकृष्णन पिल्लई
मैं अपने स्टूडेंट से कहता हूं कि आप पास्ट से ज्ञान लीजिए और उसे अपने प्रजेंट में अप्लाई करिए, उसके बाद आपको अपना पास्ट और भी बेहतरीन नजर आएगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
दिल्ली में हुए बिजनेस वर्ल्ड ग्रुप के इवेंट IBLF(indian Business litreture festival) के शानदार आयोजन के बाद अब मुंबई में आयोजित हो रहा है। इस कार्यक्रम के एक सेशन में अपनी बात रखते हुए कॉरपोरेट चाणक्य के लेखक राधाकृष्णन पिल्लई ने कहा कि जैसा आप जानते हैं कि यह लिटरेचर फेस्टिवल है लेकिन मेरे पास सुनाने के लिए ना तो कोई बहुत अच्छी कहानी है या कोई बुरी कहानी है. मैं अब तक नहीं 21 किताबें लिख चुका हूं. वह सब मैंने इसलिए लिखी क्योंकि पब्लिशर्स की डिमांड थी. मेरी पहली किताब कॉरपोरेट चाणक्य आई थी, जिसमें मैंने चाणक्य के बारे में बताया था.
कैसे आई कॉरपोरेट चाणक्य
कॉरपोरेट चाणक्य के लेखक राधाकृष्णन पिल्लई ने कहा कि एक दिन कुछ लोग मेरे पास आए और बोले कि बहुत अच्छा बोलते हो आप लिख भी लेते हो क्या? मैंने कहा हां बिल्कुल चाणक्य पर लिख लेंगे. उसके बाद मेरी पहली किताब कॉरपोरेट चाणक्य सामने आई. जो कि बाद में बेस्ट सेलर में भी शामिल हुई और अभी वह लगातार जारी है. कई और किताबों पर भी काम चल रहा है. मैं खुश हूं कि उनकी डिमांड अभी भी बनी हुई है. कल मैं जयपुर में था वहां भी एक लिटरेचर फेस्टिवल हो रहा है.
अमेजन के साथ सफल रही किताब
राधाकृष्णन ने कहा कि मैंने अमेज़न के साथ भी किताब पब्लिश की है. मैं खुश हूं कि वहां पर भी बुक्स के बहुत अच्छे नंबर निकल कर सामने आए हैं. उन्होंने डाटा शो किया और बताया कि आप एक और किताब क्यों नहीं लिखते हैं. 21 किताब अभी तक हो चुकी है और आगे चल रहा है.
आखिर कैसे आई कॉरपोरेट चाणक्य
राधाकृष्णन पिल्लई ने कहा कि कॉरपोरेट चाणक्य के बारे में शॉर्ट में बताना चाहूंगा. यह हुआ इसलिए क्योंकि मैं पिछले 22 साल से कारोबारी हूं. मैंने एक कॉरपोरेट कंपनी के साथ अपना करियर शुरू किया. मैंने ज्वेलरी इंडस्ट्री, क्रिकेट इंडस्ट्री, म्यूजिक इंडस्ट्री सभी जगह काम किया. मेरे आध्यात्मिक गुरु ने मुझसे कहा कि आप नौकरी की तरफ मत देखो बल्कि नौकरी देने वाले बनो. मेरे फादर ने मुझसे कहा कि अगर कुछ गलत करके आएगा तो छोडूंगा नहीं. जाओ मेरा आशीर्वाद आपके साथ है. उसके बाद मैंने बड़ी सक्रियता के साथ अपना कारोबार शुरू किया. उसके बाद मैंने ओरिजिनल चाणक्य को सर्च किया. जिसमें कि 6000 सूत्रों को मैंने दक्षिण भारत में जाकर पढ़ा. उन्हें मैंने अपने कारोबार में अप्लाई किया, जिसके बाद मुझे बहुत सारी आर्थिक सफलता हासिल हुई. बाद मेरी जितनी भी किताबें आई वह मेरा अपना अपना अनुभव था. हमारे देश में बहुत ज्ञान है दूसरे देशों में भी है. मैं इसमें कोई कंपैरिजन नहीं कर रहा हूं.अगर कोई आदमी कॉरपोरेट चाणक्य को बार-बार पढ़ता है तो वह कोई और नहीं बल्कि राधा-कृष्ण पिल्ले है.
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