होम / हेल्थ / सिर्फ 2 मिनट में आ जाएगा हेल्थ टेस्ट का रिजल्ट, वैज्ञानिकों ने कर दिया कमाल
सिर्फ 2 मिनट में आ जाएगा हेल्थ टेस्ट का रिजल्ट, वैज्ञानिकों ने कर दिया कमाल
नया डायग्नोस्टिक टूल हेल्थेकयर सर्विस सेक्टर में एक क्रांति ला सकता है, क्योंकि ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग एप्लीकेशन पर आधारित है
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: अभी हेल्थ चेकअप के नतीजे आने में कुछ घंटे या दिन लगते हैं, लेकिन बहुत जल्द हेल्थ टेस्ट के नतीजे सिर्फ 2 मिनट में ही आ जाएंगे. वो भी घर बैठे.
Swansea University के वैज्ञानिक एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं जो बायो फ्लूड्स में बायोमार्कर का पता लगाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करेगा, इसने ये दिखाया है कि ये कॉन्सेप्ट काम कर सकता है.
क्या है हेल्थ टेस्ट का नया प्लेटफॉर्म
इसका ये मतबल ये होगा कि दिल संबंधी रोग, जोड़ों की गुणवत्ता और अल्जाइमर से जुड़े टेस्ट के नतीजे तेजी से आएंगे. ये पेपर Analytical Chemistry में छपा है. यह नया डायग्नोस्टिक टूल हेल्थेकयर सर्विस सेक्टर में एक क्रांति ला सकता है, क्योंकि ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग एप्लीकेशन पर आधारित है. मशीन लर्निंग के शामिल होने के मतलब है कि पहली बार टेस्ट के नतीजे कुछ मिनटों में ही जारी हो सकते हैं.
घर पह ही सेल्फ स्क्रीनिंग मिलेगी
बायोफ्लुइड्स जैसे श्लेष द्रव, ब्लड प्लाज्मा और लार में प्रोटीन होते हैं जो कई स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के लिए जरूरी बायोमार्कर हैं. बीमारी के इलाज की प्रगति और निगरानी में मदद के लिये इन प्रोटीनों की एकाग्रता (concentration) का पता लगाने के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किए गए प्लेटफ़ॉर्म को प्रोग्राम किया गया है. रिसर्च का प्रस्ताव है कि इससे अस्पताल के वेटिंग टाइम में भारी कटौती की जा सकती है और आने वाले समय में घर पर ही एक डायग्नोस्टिक किट के जरिये सेल्फ-स्क्रीनिंग और सेल्फ-मॉनिटरिंग का विकल्प भी अब संभव हो सकता है.
2 मिनट में ही नतीजे
प्रोजेक्ट लीड, डॉ फ्रांसेस्को डेल गिउडिस का कहना है कि बायोफ्लुइड्स में मैक्रोमॉलिक्यूल्स के माप के लिए मौजूदा टेक्नोलॉजी सीमित हैं, उन्हें लंबे समय तक बदलाव की आवश्यकता होती है, या जटिल प्रोटोकॉल की जरूरत होती है, इस तरह के माप के उद्देश्य से वैकल्पिक, ज्यादा उपयुक्त, पद्धतियों की जरूरत होती है.
फ्रांसेस्को आगे कहते हैं, "हमारे रिसर्च में, हमने देखा कि क्या हम केवल 100 ml नमूने (खून की 2 बूंदों के बराबर) का इस्तेमाल करके अलग अलग तापमानों पर सॉल्यूशन में मैक्रोमॉलिक्यूल्स की अलग अलग सांद्रता (concentrations) का तेजी से पता लगा सकते हैं. ये नया इनोवेशन 2 मिनट के अंदर ही नतीजे दे रहा है. जो स्टैंडर्ड टेस्टिंग के मुकाबले एक बड़ी सफलता है, जिसमें अभी कई घंटे लग सकते हैं.
टैग्स