होम / हेल्थ / Corona: डॉक्टर Sandeep Budhiraja ने बताया क्या चीन के हालात भारत के लिए खतरे की घंटी हैं?
Corona: डॉक्टर Sandeep Budhiraja ने बताया क्या चीन के हालात भारत के लिए खतरे की घंटी हैं?
कोरोना को लेकर एक बार फिर से डर का माहौल है. चीन में सामने आए नए वैरिएंट ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
पड़ोसी चीन में कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते मामलों ने भारत को चिंता में डाल दिया है. क्या भारत एक नई कोरोना लहर के लिए तैयार है? क्या पहले जैसे हालत फिर से उत्पन्न हो सकते हैं? इन सवालों के जवाब मैक्स हेल्थकेयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर और इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर Dr. Sandeep Budhiraja ने BW Healthcare World एवं BW Wellbeing World के सीईओ हरबिंदर नरूला के साथ बातचीत में दिए.
काफी कुछ सीखा है
कितना खतरनाक है BF7?
डॉक्टर बुधिराजा का मानना है कि यह पूरी दुनिया के लिए एक वेकअप कॉल थी. इस तरह के वायरस आते रहेंगे, हमें बस तैयार रहना होगा. चीन में सामने आए कोरोना के नए वैरिएंट से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें कोरोना के वुहान, अल्फा, डेल्टा ओमिक्रोन वैरिएंट देखे हैं. नए वैरिएंट से नई लहर आती है. आमतौर पर कोई वैरिएंट 4 से 6 महीने तक रहता है, लेकिन ओमिक्रोन 13 महीने रहा. वायरस में म्यूटेशन होते रहते हैं और नए-नए वैरिएंट आते रहते हैं. म्यूटेशन से संक्रमण बढ़ता है. जहां तक बात चीन में फैल रहे BF7 संक्रमण की है, तो इससे पीड़ित व्यक्ति कम से कम 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है. इस अपर वैक्सीन का असर भी कम होता है और हम आसानी से संक्रमित हो सकते हैं. हालांकि, ये डेल्टा जितना खतरनाक नहीं है.
क्या भारत को घबराना चाहिए?
उन्होंने आगे कहा कि BF7 तेजी से फैलता है, लेकिन ये पहले के वैरिएंट जितना घातक नहीं है. खासकर भारत को चीन की स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है. चीन में वैक्सीनेशन कवरेज खास अच्छा नहीं है, इसलिए वहां संक्रमण के मामले बढ़े हैं. डॉक्टर बुधिराजा ने कहा कि पिछले 3 सालों में वायरस के कई म्यूटेशन हुए हैं. कोरोना के लक्षणों में भी बदलाव आया है. उदाहरण के लिए, कोरोना पीडित में लॉस ऑफ टेस्ट के मामले अब देखने में नहीं आते. हालांकि, इससे निमोनिया आदि इन्फेक्शन भी हो सकता है. डायबटीज या कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को जरूर सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लोगों को ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सावधान रहना चाहिए. क्योंकि भले ही वायरस आपको कुछ न करे, लेकिन वो गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को आपके माध्यम से नुकसान पहुंचा सकता है. यदि सरकार कोई एडवाइजरी जारी करती है, तो उसका पालन करें. कुछ नहीं होगा वाली मानसिकता से काम नहीं चलेगा.
सर्दी-जुकाम में क्या करें?
इस सवाल के जवाब में कि सर्दी-जुकाम और कोरोना के लक्षणों में अंतर कैसे करें? क्या लोगों को सर्दी-जुकाम पर कोरोना का टेस्ट करवाना चाहिए? डॉक्टर संदीप बुधिराजा ने कहा, 'यह कह पाना कि सर्दी-जुकाम सीजनल फ्लू की वजह से है या कोरोना है, कहना मुश्किल है. सर्दियों के मौसम में फ्लू फैलता है. सामान्य फ्लू 3 से 5 दिन रहता है और इसमें ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती. वो अपने आप ठीक हो जाता है. अब चूंकि, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं, इसलिए बेहतर होगा कि सर्दी-जुकाम की स्थिति में कुछ दिन आराम करें, खुद को आसोलेट कर लें. मास्क लगाएं. यदि लक्षण बने रहते हैं, तो फिर टेस्ट करें. आजकल घर पर भी टेस्ट किया जा सकता है.
बूस्टर डोज जरूर लगवाएं
चीन में मिले नए वैरिएंट पर वैक्सीन का प्रभाव कम बताया जा रहा है, तो क्या नई वैक्सीन का इंतजार करें या बूस्टर डोज लगवाएं? इसके जवाब में डॉक्टर बुधिराजा ने कहा, 'भारत में तीन वैक्सीन लगाने की सलाह दी गई है. कुछ देशों में चौथा और पांचवां डोज भी लगाया जा रहा है, इसके बावजूद वहां मामले सामने आए हैं. हमें 3 डोज से ज्यादा की जरूरत नहीं है. तीसरी डोज का मतलब है बूस्टर डोज. चिंता की बात ये है कि देश में केवल 27 फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज लिया है, इस बारे में जागरुकता फैलाए जाने की जरूरत है.
क्या अस्पताल तैयार हैं?
डॉक्टर बुधिराजा ने बताया कि देश के अस्पताल कोरोना की अगली लहर के लिए पूरी तरह तैयार हैं. सरकार के निर्देशों पर सभी तैयारियां कर ली गई हैं. मॉक ड्रिल हुई हैं, कोरोना बेड्स तैयार किए गए हैं, फ्लू क्लीनिक शुरू हुई हैं. हम पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन मुझे लगता है कि चीन जैसे हालात भारत में नहीं होंगे. सर्दियों में कोरोना के केस जरूर बढ़ सकते हैं, पर वो पहले जैसे घातक साबित नहीं होंगे. मैं ये नहीं कहूंगा कि हर समय मास्क पहनें, मगर जब भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाएं तो मास्क का इस्तेमाल करें.
पूरी बातचीत यहां देखें
टैग्स