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Indian Tourist की नाराजगी ने मालदीव को ये कहने पर क्यों कर दिया मजबूर, जानिए पूरी वजह
भारत से मालदीव जाने वाले लोगों की संख्या में बड़ा अंतर आया है. पिछले साल से जहां 70 हजार से ज्यादा लोग मालदीव गए थे वहीं इस साल इन तीन महीनों में सिर्फ 40 हजार लोग मालदीव गए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 week ago
मालदीव के साथ भारत के संबंधों का असर भले ही भारत पर कुछ खास न पड़ा हो लेकिन मालदीव पर इसका गहरा असर पड़ा है. हालत ये हैं कि मालदीव का पर्यटन कारोबार बुरी तरह से चरमरा गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि मालदीव के पर्यटन मंत्री को ये कहना पड़ा कि वो भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है. भारतीय पर्यटकों के विरोध के कारण असर ये हुआ पर्यटकों की संख्या 40 प्रतिशत तक गिर गई है. इतनी बड़ी संख्या में कमी होने के कारण वहां के पर्यटन मंत्री को अपील करने पर मजबूर कर दिया है.
आखिर क्या बोले पर्यटन मंत्री?
मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहीम फैसल ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि हम भारतीयों का गर्मजोशी से स्वागत करेंगे. उन्होंने भारतीयों से अपील की कि आप लोग मालदीव आएं. उन्होंने ये भी कहा कि हमारी जो अर्थव्यवस्था है उसका मुख्य आधार पर्यटन ही है. दरअसल पिछले साल पीएम मोदी के लक्ष्यद्वीप दौरे के बाद जिस तरह से वहां के तीन मंत्रियों ने उनके खिलाफ बयानबाजी की थी उसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था. हालांकि बाद में वहां की सरकार ने तीनों मंत्रियों को हटा दिया था लेकिन तब तक उनके बयान बड़ा नुकसान कर चुके थे.
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क्या कह रहे हैं पर्यटकों की संख्या के आंकड़े?
दरअसल मालदीव बीते एक दशक में ऐसे पर्यटक स्थल के रूप में उभर कर आया है जहां भारतीय सबसे ज्यादा जाना पसंद करते हैं. लेकिन उस विवाद के बाद से मालदीव जाने वाले पयर्टकों की संख्या में बड़ी कमी आई है. अगर आंकड़ों की तरह देंखें तो जनवरी से लेकर अप्रैल तक इस साल 42638 हजार लोग मालदीव जा चुके हैं. जबकि पिछले साल के इन्हीं महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वो 73785 हजार लोग मालदीव गए थे. Sun.mv के आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल मालदीव जाने वाले यात्रियों की संख्या में 42 प्रतिशत तक कमी आई है.
इस साल अप्रैल में मालदीव को मिली थी बड़ी राहत
इस साल अप्रैल में मालदीव को उस वक्त बड़ी राहत मिली थी जब भारत ने इस साल भी उसे जरूरी सामान की आपूर्ति निर्बाध तरीके से करने की बात कही थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मालदीव के हाईकमीशन की ओर से कहा गया था कि आने वाले दिनों में भारत 1981 से भी ज्यादा सामान मालदीव को देता रहेगा. सबसे बड़ी बात ये है कि मालदीव को भारत चावल, अंडे, आलू, आटा और दाल जैसे जरूरी सामान की सप्लाई करता है. इसमें भारत सरकार की ओर से इस बार 5 प्रतिशत का इजाफा भी किया गया है. भारत पूरी दुनिया में सबसे बड़ा चावल का एक्सपोर्टर है.
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