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अगर आपके स्टार्टअप में है दम, तो IIT दे रहा है मौका, जीत सकते हैं 10 लाख रुपये
ये कार्यक्रम उन स्टार्टअप्स के लिए है जो कृषि और हेल्थ के क्षेत्र में नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के तहत देश के 15 स्टार्टअप को चुना जाएगा
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
कानपुर: कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप्स को अपने प्रोडक्ट को बनाकर मार्केट तक पहुंचाने का एक बेहतरीन मौका मिलने वाला है. देश के प्रतिष्ठिति संस्थान IIT कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर और भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग मिलकर निर्माण ऐक्सेलरैटर कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं.
15 स्टार्टअप्स को चुना जाएगा
ये कार्यक्रम उन स्टार्टअप्स के लिए है जो कृषि और हेल्थ के क्षेत्र में नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के तहत देश के 15 स्टार्टअप को चुना जाएगा. जिनके प्रोडक्ट्स जो अबतक सिर्फ लैब की टेस्टिंग या प्रोटोटाइप तक ही सीमित हैं, उन्हें उनके सही बाजार तक पहुंचाने में मदद की जाएगी और चुनौती से लड़ने का मार्गदर्शन भी मिलेगा. जो भी स्टार्टअप्स इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं उन्हें इसके लिए पहले आवेदन करना होगा, जिसकी अंतिम तारीख 5 अगस्त तय की गई है.
10 लाख का मिलेगा पुरस्कार
इन 15 स्टार्टअप्स के समूह में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्टार्टअप्स को 10 लाख रुपये तक का पुरस्कार भी मिलेगा. इस प्रोग्राम के इंचार्ज प्रोफेशर अमिताभ बंद्योपाध्याय ने बताया कि “हमारा देश विनिर्माण के क्षेत्र में जबरदस्त चुनौतियों का सामना कर रहा है. हमें भारत में विनिर्माण की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए कुछ प्रासंगिक विकासात्मक चुनौतियों को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य सेवा और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले इनोवेटर्स और स्टार्टअप की तुरंत जरूरत है. उनका मानना है कि निर्माण एक्सेलेरेटर कार्यक्रम क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप्स का सकारात्मक उपयोग करने और उन्हें भुनाने की व्यापक क्षमता के साथ आया है."
6 महीने तक चलेगा प्रोग्राम
फाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (FIRST), आई आई टी (IIT) कानपुर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इनोवेशन ड्रिवेन एंटरप्रेन्योरशिप (AIIDE) के सीईओ डॉ निखिल अग्रवाल ने बताया कि SIIC को होनहार इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स के साथ काम करने का अनुभव है जो सामाजिक प्रभाव का लाभ उठा सकते हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ इस सहयोग का उद्देश्य देश में विनिर्माण क्षेत्र को पुनर्जीवित करना है. यह कार्यक्रम SaaS, AI/ML के समान जुनून और उत्साह के साथ निर्माण को आगे बढ़ाने के लिए इनोवेटर्स के बीच प्रेरणा को प्रेरित करेगा.
ये कार्यक्रम 6 महीने तक चलेगा, इस कार्यक्रम को चार भाग में बांटा गया है. जिसमें
1. प्रिंसिपल ऑफ प्रोडक्ट ग्रोथ
2. इंजीनियरिंग ऐक्सेलरैशन
3.नेविगेटिग द कम्प्लाइअन्स पज़ल
4. लीडिग टू नेक्स्ट-स्टेज ग्रोथ
इसमें नॉलेज वर्कशॉप, वन-ऑन-वन मेंटरिंग सपोर्ट, क्लिनिकल वैलिडेशन के लिए कस्टमाइज्ड सपोर्ट के लिए गहन अध्ययन और बिजनेस और इन्वेस्टर कनेक्ट की भी पेशकश करेगा. इसलिए अगर आपको भी लगता है कि आपके इनोवेशन में दम है तो इस कार्यक्रम में अपना हाथ आजमा सकते हैं.
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