होम / BW HealthCare / नए साल का जश्न मनाएं, लेकिन सावधानी के साथ; बढ़ रहे हैं JN.1 के मामले
नए साल का जश्न मनाएं, लेकिन सावधानी के साथ; बढ़ रहे हैं JN.1 के मामले
कोरोना का नया वैरिएंट आसानी से इम्यूनिटी को चकमा देकर संक्रमित करने में सक्षम है. ऐसे में नए साल पर भीड़-भाड़ के कारण वायरस फैलने का खतरा और भी बढ़ सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
कोरोना (Corona Virus) के प्रकोप से हम सभी वाकिफ हैं. कुछ साल पहले इस जानलेवा वायरस ने जो कहर बरपाया था, उसे शायद ही कोई भूल सके. चिंता की बात ये है कि कोरोना अब अपने नए रूप में सामने आ चुका है और इसके JN.1 वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में अब तक इससे संक्रमित 83 मरीज मिल चुके हैं. कोरोना के इस नए वैरिएंट से सबसे ज्यादा प्रभावित गुजरात हुआ है. यहां इसके 34 मामले सामने आए हैं.
कहां, कितने मिले मामले?
मीडिया रिपोर्ट्स में कोविड सैंपल का जीनोम सीक्वेंसिंग करने वाले संघ INSACOG के हवाले से बताया गया है कि JN.1 की सबसे ज्यादा मार गुजरात पर पड़ रही है. राज्य में अब तक इसके 34 केस मिले हैं. गुजरात के बाद गोवा का नंबर है, यहां 18 मामले सामने आ चुके हैं. इसी तरह. कर्नाटक में 8, महाराष्ट्र में 7, केरल में 5, राजस्थान में 5, तमिलनाडु से 4 और तेलंगाना में 2 पॉजिटिव केस मिले हैं. वहीं, कोरोना के कुल मामलों की बात करें, तो संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,170 हो गई है. इसमें अकेले केरल में ही 3,096 मामले मिले हैं. कर्नाटक में COVID-19 के 122 केस हैं.
पहले 3 हफ्ते में बढ़े केस
गुजरात में कोरोना के नए वैरिएंट के केस ज्यादा मिलने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा ही कि वहां टेस्टिंग बढ़ा दी गई है. केरल में भले ही COVID-19 के अधिक केस दर्ज हो रहे हों, लेकिन जेएन.1 के अब तक केवल 5 मामले ही सामने आए हैं. INSACOG का डेटा बताता है कि JN.1 वैरिएंट के मामले दिसंबर के पहले तीन हफ्ते में बढ़े हैं. 24 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में 29 नए मामलों का पता चला है. वहीं, अमेरिका और सिंगापुर जैसे देशों में भी नए वैरिएंट से जुड़े मामलों में उछाल आया है.
वायरस फैलने का खतरा
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वैरिएंट में एक अतिरिक्त म्यूटेशन है, जिसके कारण यह तेजी से फैल रहा है. यह आसानी से इम्यूनिटी को चकमा देते हुए व्यक्ति को संक्रमित करने में सक्षम है. ऐसे में नए साल पर भीड़-भाड़ के कारण वायरस फैलने का खतरा और भी बढ़ सकता है. एम्स के पूर्व डायरेक्टर और सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना का नया सब-वैरिएंट जेएन.1 तेजी से फैल रहा है, लेकिन इससे मरीजों की स्थिति गंभीर होने के मामले सामने नहीं आए हैं और ना ही हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ा है. वहीं, कुछ अन्य एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि सावधानी बरतने की जरूरत है न कि घबराने की. बुजुर्ग और गंभीर बीमारी वाले लोग मास्क इस्तेमाल करें.
टैग्स