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Explainer: आखिर विशाखापट्टनम को क्यों बनाया गया आंध्र प्रदेश की राजधानी?
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्य की नई राजधानी की घोषणा कर दी है. विशाखापट्टनम अब राज्य की नई राजधानी होगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
आंध्र प्रदेश की राजधानी बदल गई है. मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को बताया कि विशाखापट्टनम को राज्य की राजधानी बनाया गया है. मार्च में विशाखापट्टनम में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी संबंधी बैठक को संबोधित करते हुए CM ने कहा कि वह आने वाले महीनों में अपना ऑफिस बंदरगाह शहर विशाखापट्टनम में शिफ्ट करेंगे. बता दें कि तेलंगाना के अलग होने के बाद से लगातार प्रदेश की नई राजधानी घोषित करने की मांग हो रही थी.
बेहतर कनेक्टिविटी
आंध्र प्रदेश की राजधानी अभी अमरावती है. इसकी जगह विशाखापट्टनम कैपिटल क्यों बनाया गया है, इसकी कई वजह हैं. दरअसल, विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है. इसे प्रदेश की वित्तीय राजधानी भी कहा जाता है. ये शहर हाईवे, रेल और जलमार्ग से जुड़ा है. कनेक्टिविटी बेहतर होने के साथ शहर की आर्थिक क्षमता भी ज्यादा है. यहां संपन्न बंदरगाह, इस्पात संयंत्र और IT उद्योग है.
बेहतर निवेश की संभावना
राज्य सरकार विशाखापट्टनम के बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए निवेश कर रही है, ताकि इसे व्यवसायों और निवेशकों के लिए ज्यादा सुलभ और आकर्षक बनाया जा सके. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि विशाखापट्टनम को राजधानी बनाने से प्रदेश में निवेश की बेहतर संभावना है. प्रदेश के अन्य शहर की तुलना में ये शहर पहले से सुविधा संपन्न है. ऐसे में इसे राजधानी बनाने के लिए सरकार को सिर्फ बुनियादी ढांचा बढ़ाना होना.
कैसे शुरू हुई कवायद?
गौरतलब है कि तेलंगाना के अलग होने के बाद तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को प्रदेश की ग्रीनफील्ड राजधानी बनाए जाने का ऐलान किया था. जब इस पर विवाद हुआ तो राजधानी की पहचान के लिए शिवरामकृष्णन समिति गठित की गई. समिति ने भी विजयवाड़ा और गुंटूर के बीच स्थित अमरावती को प्रदेश की राजधानी न बनाने की सिफारिश की. लेकिन CM ने समिति की रिपोर्ट को दरकिनार कर अमरावती को सिंगापुर की तर्ज पर विकसित करने का ऐलान किया और भूमि अधिग्रहण की तैयारी शुरू कर दी थी. हालांकि बीच में सरकार चली गई और जगन मोहन रेड्डी ने सीएम बनने के बाद इस फैसले को पलट दिया.
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