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कारों की मरम्मत करने वाली GoMechanic की सेहत कैसे हुई नासाज, पढ़ें पूरी कहानी
गोमैकेनिक पर फंडिंग जुटाने के लिए गलत तरीके से आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
यदि आप TV देखते हैं, तो बीते कुछ समय में गोमैकेनिक (GoMechanic) के विज्ञापन जरूर देखे होंगे. एक विज्ञापन में तो पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान भी नजर आते हैं. ये कंपनी घर आकर गाड़ी की सर्विस करती है और भरोसा दिलाती है कि आपकी गाड़ी हमेशा दौड़ती रहेगी, लेकिन कंपनी की खुद की स्पीड पर ब्रेक लग गया है. कारों की सेहत दुरस्त करने वाली गोमैकेनिक की अपनी सेहत नासाज हो गई है. दरअसल, गोमैकेनिक की फाइनेंस रिपोर्ट में गड़बड़ी मिली है, जिसके बाद निवेशकों ने फॉरेंसिक ऑडिट कराने का फैसला लिया है.
70% की गई नौकरी!
कहा तो यहां तक जा रहा है कि गोमैकेनिक में वित्तीय अनियमितता इतनी ज्यादा है कि कंपनी का चलता रहना भी मुश्किल है. संकट से जूझ रही कंपनी अब 70 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है. जिन 30% की नौकरी बचेगी, उन्हें भी तीन महीने तक सैलरी नहीं मिलेगी. गोमेकैनिक के को-फाउंडर अमित भसीन (Amit Bhasin) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर खुद माना है कि कंपनी से गलती हुई है.
क्या हैं कंपनी पर आरोप?
गोमैकेनिक पर फंडिंग जुटाने के लिए गलत तरीके से आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप है. कंपनी ने अपनी फाइनेंशियल रिपोर्ट में राजस्व को काफी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है. कंपनी के निवेशकों को जैसे ही इसका पता चला, उन्होंने फाइनेंशिल गड़बड़ी का पता लगाने के लिए ऑडिट के आदेश दे डाले हैं. वहीं, अमित भसीन ने मान लिया है कि उनसे गलती हुई है. उन्होंने कहा है कि किसी भी कीमत पर आगे बढ़ने की चाहत में हमसे गलती हुई और हम इसकी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं.
कैसे सामने आई गड़बड़ी?
एक मीडिया रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वाले शख्स के हवाले से बताया गया है कि गोमैकेनिक में वित्तीय अनियमितताएं तब उजागर हुईं, जब सॉफ्टबैंक सहित कुछ अन्य निवेशक इस कंपनी में 7.5 करोड़ डॉलर पूंजी लगाने के लिए बात कर रहे थे. सॉफ्टबैंक गोमैकेनिक में 3 करोड़ डॉलर निवेश करना चाहती थी, लेकिन निवेशकों को कंपनी की वित्तीय स्थिति पर शक हुआ और फिर पूरा मामला सामने आ गया. बता दें कि इस कंपनी में सिकोया कैपिटल का भी पैसा लगा हुआ है. सिंगापुर की जिलिंगो और फिनटेक यूनिकॉर्न भारतपे के बाद अब गोमैकेनिक सिकोया के समर्थन वाली तीसरी कंपनी बन गई है, जो वित्तीय गड़बड़ी की शिकार हुई.
100 कस्टमर्स से 7 लाख तक
अमित भसीन ने 2016 में अपने 3 दोस्तों कुशल कारवां, नितिन राणा और ऋषभ कारवां के साथ मिलकर इस स्टार्टअप कंपनी की शुरू की थी. शुरुआत में कंपनी के पास मात्र 100 कस्टमर्स थे. आज यह संख्या बढ़कर 7 लाख हो गई है. कंपनी ने सिकोया, चिराटे वेंचर्स और ऑरियस वेंचर्स पार्टनर्स जैसे निवेशकों से 6.2 करोड़ डॉलर से अधिक की पूंजी जुटाई है. इस समय देश के 60 शहरों में कंपनी के 1,500 वर्कशॉप हैं. गोमैकेनिक के प्रतियोगियों में पिटस्टॉप, गोबंपर, कारपैथी और महिंद्रा फर्स्ट चॉइस जैसी कंपनियां हैं.
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