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Blenders Pride व Chivas Regal बनाने वाली कंपनी Delhi सरकार के खिलाफ क्यों पहुंची कोर्ट?
फ्रांसीसी कंपनी पर्नो रिका के लिए भारत एक प्रमुख बाजार है, क्योंकि यहां कंपनी की 17% बाजार हिस्सेदारी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
यदि आप शराब (Liquor) का सेवन करते हैं, तो शीवाज रीगल (Chivas Regal) और ब्लेंडर्स प्राइड (Blenders Pride) का नाम जरूर सुना होगा. ये मशहूर व्हिस्की ब्रैंड हैं, जिसके चाहने वालों की लंबी-चौड़ी फौज. फिलहाल ये ब्रैंड एक अलग ही वजह से चर्चा में हैं और वो है दिल्ली सरकार से विवाद. बात इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि मामला अदालत की चौखट तक जा पहुंचा है. इन सबके चलते दिल्ली में शीवाज रीगल और ब्लेंडर्स प्राइड के चाहने वाले परेशान हैं, क्योंकि दुकानों पर उनका फेवरेट ब्रैंड उपलब्ध नहीं है.
फ्रांसीसी कंपनी का है ब्रैंड
दिल्लीवालों को इस गर्मी में बीयर की किल्लत का सामना पहले से ही करना पड़ रहा है और अब शीवाज रीगल एवं ब्लेंडर्स प्राइड भी दुकानों से आउट हो गई हैं. इसकी वजह है शीवाज रीगल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी पर्नो रिका (Pernod Ricard) को लाइसेंस नहीं मिलना. दरअसल, दिल्ली प्रशासन ने कंपनी के खिलाफ जांच का हवाला देते हुए उसका लाइसेंस रिन्यू करने से इनकार कर दिया है. जिसके चलते कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री दिल्ली में नहीं कर पा रही है. अब कंपनी इसके खिलाफ अदालत चली गई है.
आरोप नहीं हुए हैं सिद्ध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पर्नो रिका ने दिल्ली हाई कोर्ट से मामले में दखल देने का अनुरोध किया है. कंपनी का कहना है कि दिल्ली के अधिकारी आपराधिक आरोपों का हवाला देते हुए उसे शराब बिक्री का लाइसेंस नहीं दे रहे हैं, जबकि अभी तक कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है. बिना आरोप सिद्ध हुए किसी को दोषी कैसे करार दिया जा सकता है?
कंपनी ने दिया ये तर्क
पर्नो रिका ने तर्क दिया है कि केवल इसलिए कि कुछ आरोप लगाए गए हैं, हमें अपराधी की तरह नहीं देखा जा सकता या हमें एक आपराधिक पृष्ठभूमि वाला नहीं समझा जा सकता. हमारे ऊपर लगाए गए आरोप अभी सिद्ध नहीं हुए हैं. कंपनी ने कहा कि लाइसेंस नहीं मिलने से उसे काफी नुकसान हो रहा है. पिछले 6 महीने से दिल्ली में उसका कोई भी ब्रैंड उपलब्ध नहीं है. बता दें कि पर्नो रिका पर अधिकारियों को गलत सूचना देकर अवैध रूप से मुनाफा कमाने का आरोप लगा है. इसके अलावा, कंपनी पर ये आरोप भी है कि उसने रिटेलर्स को उसके ब्रैंड्स का ज्यादा स्टॉक रखने के बदले में पैसे दिए थे. हालांकि, कंपनी ने इससे इनकार किया है.
भारत है प्रमुख बाजार
ये फ्रांसीसी कंपनी पिछले 20 सालों से भारत में मौजूद है. कंपनी को शराब लाइसेंस राज्यों द्वारा दिया जाता है और इसे हर साल रिन्यू कराना पड़ता है. पर्नो रिका के लिए भारत एक प्रमुख बाजार है, क्योंकि यहां कंपनी की 17% बाजार हिस्सेदारी है. भारत में उसकी कुल कमाई में दिल्ली का काफी योगदान होता है, लिहाजा राजधानी में बिक्री न कर पाने के चलते कंपनी को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसलिए कंपनी चाहती है कि कोर्ट इस मामले में दखल दे.
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