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जानिये कैसे भारत के लिए संजीवनी बूटी है Green Hydrogen!
एनर्जी खपत करने के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है और यह भी माना जा रहा है कि आने वाले पांच सालों में इसमें जबरदस्त बढ़त देखने को मिलेगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 11 months ago
भारत लगातार फॉसिल फ्यूल्स (Fossil Fuels) पर अपनी निर्भरता को खत्म करके रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ बदलाव करना चाहता है और भारत के इसी सफर की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen). राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के अनुसार साल 2030 तक भारत प्रतिवर्ष 5 मिलियन मेट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन बनाने की क्षमता तक पहुंचना चाहता है.
क्या होता है ग्रीन हाइड्रोजन?
एनर्जी खपत करने के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है और साथ ही यह भी माना जा रहा है कि आने वाले पांच सालों में भारत की एनर्जी खपत में जबरदस्त बढ़त देखने को मिलेगी. हाइड्रोजन एक यूनिवर्सल फ्यूल है जो बहुत ही हल्का तो होता है लेकिन साथ ही यह बहुत ही रिएक्टिव भी होता है. Electrolysis की प्रक्रिया के माध्यम से एक इलेक्ट्रिकल करंट का प्रयोग करके पानी में ही हाइड्रोजन को ऑक्सीजन से अलग कर दिया जाता है. क्योंकि इस प्रक्रिया में रिन्यूएबल संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इस प्रक्रिया से जो बिजली पैदा होती है उससे वातावरण में कार्बन का उत्सर्जन नहीं होता और इसीलिए इसे ग्रीन हाइड्रोजन का नाम दिया जाता है.
क्या है ग्रीन हाइड्रोजन का फायदा?
अगर ऐसा हो जाता है तो देश को 125 गीगावाट की अतिरिक्त रिन्यूएबल एनर्जी मिलेगी जिससे भारत अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करके ‘नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन’ के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है. मान लीजिये साल 2030 तक भारत ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स में लगभग 8 लाख करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट करने के बारे में विचार कर रहा है. अब आप सोचेंगे ऐसा क्यों? नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की मानें तो हाइड्रोजन का इस्तेमाल रिन्यूएबल एनर्जी को लंबे समय तक स्टोर करने, इंडस्ट्री में फॉसिल फ्यूल्स को रिप्लेस करने, एक साफ और बेहतर ट्रांसपोर्टेशन और संभावित तौर पर पावर जनरेट करने, और एविएशन में इस्तेमाल कर सकते हैं.
गुजरात सरकार ने की पहल
इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन से आम आदमी के लिए रोजगार के मौके भी पैदा होंगे. इसके साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल से लोगों की जिंदगियां भी बेहतर होंगी. इतना ही नहीं भारत दुनिया भर में ग्रीन हाइड्रोजन एक्सपोर्ट करने वाला सबसे बड़ा देश भी बन सकता है. हाल ही में गुजरात सरकार ने एक पॉलिसी की घोषणा की थी जिसमें उसने कहा था कि बेकार पड़ी सरकारी जमीनों को ऐसी कंपनियों को सौंप दिया जाएगा जो रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल से ग्रीन हाइड्रोजन बनाना चाहती हैं. इतना ही नहीं इन कंपनियों को हवा, सोलर और हवा-सोलर हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स की तरह ही सभी फायदे भी प्रदान किये जायेंगे.
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