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10 करोड़ डॉलर खर्च वाले G-20 शिखर सम्मेलन से भारत को क्या हासिल होगा?
G-20 समिट के लिए ग्लोबल लीडर्स के भारत पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है. यह शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को आयोजित होगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
भारत की अध्यक्षता में G-20 समिट का आयोजन कल यानी 9 सितंबर से होने जा रहा है. दो दिवसीय इस समिट के लिए 20 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत आ रहे हैं. भारत ने इससे पहले कभी भी एक साथ इतने अंतरराष्ट्रीय नेताओं की मेजबानी नहीं की, लिहाजा हर छोटी बात पर भी हजार बार ध्यान दिया गया है, ताकि किसी गलती की कोई गुंजाइश न रहे. बता दें कि पिछले साल दिसंबर में भारत को G-20 की अध्यक्षता मिली थी.
समिट से पहले 200 बैठकें
G-20 समिट के लिए राजधानी दिल्ली किसी छावनी में तब्दील हो गई है. राजधानी के रूप को निखारने पर भी अच्छा-खासा खर्चा किया गया है. इस समिट के आयोजन पर 10 करोड़ डॉलर से अधिक के खर्चे का अनुमान है. 50 से अधिक शहरों में G-20 शिखर सम्मेलन से पहले लगभग 200 बैठकों का आयोजन हुआ था. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इस खर्चीले और भव्य आयोजन से भारत को क्या हासिल होगा? क्या दुनिया के समक्ष भारत एक मजबूत ताकत के रूप में उभरेगा?
भारत के पास ये मौका
एक्सपर्ट मानते हैं कि G-20 भारत के लिए न केवल अपनी बात वैश्विक मंच पर मजबूती के साथ रखने का एक मौका है, बल्कि 20 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्षों को देश की डेवलपमेंट स्टोरी से रूबरू कराने का एक अवसर भी है. यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया भारत की ग्रोथ से आकर्षित है, चीन से ज्यादा भारत को तवज्जो दी जाने लगी है. हमारी इकॉनमी पर दुनिया का विश्वास बढ़ा है और G-20 समिट होस्ट करके भारत उस विश्वास को और मजबूत कर सकता है. इसके अलावा, भारत के पास एक मौका दुनिया को यह बताने का भी है कि अब समय आ गया है कि उसे विकासशील देशों की जमात से निकालकर विकसित देशों में शुमार किया जाए.
विदेशी निवेश होगा आकर्षित
जानकार यह भी मानते हैं कि इस आयोजन के चलते पूरी दुनिया की नजरें भारत पर हैं, ऐसे में भारत का विकास, विभिन्न सेक्टर्स में उसकी मजबूती से दुनिया खुद-ब-खुद परिचित हो जाएगी. इससे तेज गति से भाग रहे क्षेत्रों में विदेशी निवेश के आकर्षित होने की संभावना काफी ज्यादा है. पिछले कुछ समय में भारत ने मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एविएशन सेक्टर में काफी अच्छा काम किया है. लिहाजा, भारत आ रहे विदेशी मेहमान, इन सेक्टर्स की ग्रोथ से अपनी ग्रोथ की संभावनाओं पर गौर जरूर करेंगे. इसके अलावा, इस आयोजन से भारतीय शेयर बाजार को भी गति मिल सकती है.
भारत की छवि में आएगा निखार
यदि यह आयोजन पूरी तरह सफल होता है, जिसकी पूरी संभावना है, तो वैश्विक स्तर पर भारत की छवि में और निखार आना लाजमी है. दुनिया को यह अहसास हो जाएगा कि भारत एक साथ इतने अंतरराष्ट्रीय नेताओं की मेजबानी करने में भी सक्षम है. इससे भविष्य में होने वाले बड़े आयोजनों की मेजबानी भारत के खाते में आने से किसी को ऐतराज नहीं होगा. इसके साथ ही, चीन और पाकिस्तान को पूरी तरह साइडलाइन करने के भारतीय अभियान को भी बल मिल सकेगा.
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