होम / एक्सप्लेनर / 'महज एक शख्सियत नहीं, पूरा मैनेजमेंट स्कूल थे सुमन सिन्हा'

'महज एक शख्सियत नहीं, पूरा मैनेजमेंट स्कूल थे सुमन सिन्हा'

हालांकि इससे भी अधिक, मुझे एक बेहद खास स्कूल में सीखने और प्रशिक्षण लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ - सुमन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

(प्रकाश अय्यर)

21 दिसंबर 2022 को एक युग का अंत हो गया. पेप्सिको इंडिया के पूर्व अध्यक्ष, हिंदुस्तान लीवर के पूर्व निदेशक और भारत में पेप्सी को स्थापित करने और बिजनेस लीडर्स की फौज तैयार करने वाले सुमन सिन्हा इस दिन दुनिया से रुखसत हो गए. मुझे हिंदुस्तान लीवर और पेप्सिको दोनों में सुमन के साथ मिलकर काम करने का सौभाग्य मिला. हालांकि इससे भी अधिक, मुझे एक बेहद खास स्कूल में सीखने और प्रशिक्षण लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ - सुमन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट. और यही मेरी सुमन सिन्हा को विनम्र श्रद्धांजलि है, जो अपने आप में एक संस्थान थे.

याद है पहली मुलाकात

सुमन से पहली मुलाकात मुझे आज भी याद है. उनकी प्रतिष्ठा उनसे पहले ही हर जगह पहुंच जाया करती थी. हमने उनके बारे में सुन रखा था कि वह बेहद सख्त बॉस हैं, उन्हें हर हाल में परिणाम चाहिए होते हैं. वह हार्ड टास्क मास्टर हैं, गुस्सा भी आता है और यदि किसी बात से नाखुश हैं, तो उसे तुरंत व्यक्त भी कर देते हैं. लेकिन यह सबकुछ अद्भुत था! सुमन से बस एक मुलाकात हुई थी और मुझे यकीन हो गया कि मैंने उनके बारे में जो कुछ सुना था, वो सब सच था.

एयरलाइन पंक्चुअलिटी और पेप्सिको

सुमन दिल से सेल्समैन थे. उन्हें मार्केट का दौरा करना, सेल्सकर्मियों, रिटेलर्स और ग्राहकों से मिलना पसंद था. और यदि उन्हें निष्पादन में कोई ढिलाई, या परफेक्शन से कुछ कम नजर आता था, तो वह नाराज हो जाते थे. और सुमन की हर मार्केट विजिट के बाद रीजनल मैनेजर निजी तौर पर मैसेज भेजकर एक-दूसरे से पता लगाते थे कि कितनों पर गाज गिरी. वास्तव में, उन दिनों एयरलाइन पंक्चुअलिटी और पेप्सिको के मैनेजरों की परेशानी बढ़ने के बीच एक रिश्ता सा बन गया था. जब भी फ्लाइट में देरी होती, सुमन बाजार का औचक दौरा करना चाहते थे और फिर धमाका होना लाजमी था.

जंग जीतने का सबक

जिस तरह युद्ध का हिस्सा रहे फौजी अपने शरीर पर गोलियों के निशान दिखाते हैं, उसी तरह सुमन के साथ काम करने वाले ज्यादातर सेल्समैन के पास दिखाने के लिए कुछ न कुछ जरूर होता था और मैं भी इससे अछूता नहीं रहा. लेकिन यह एक डील थी. सुमन का वास्तव में मानना था कि बाजार में हम खुद को किस तरह से पेश करते हैं, यह बड़ी जंग जीतने की दिशा में पहला कदम होता है. वह यह भी मानते थे कि टीम के पास जीतने के लिए सबकुछ है, और उनका काम टीम को आगे बढ़ाना, उसमें कठिन लक्ष्य प्राप्त करने का जज्बा जगाना, सशक्त बनाना और अपनी क्षमताओं को खोजने में उसकी मदद करना था. सुमन से मिली सीख को हम सभी ने पेप्सिको और दूसरे संस्थानों में लागू किया और सफलता अर्जित की.

सुमन ने हमें पांचवां P दिया

उन्होंने हमें सामने से नेतृत्व करना, फ्रंटलाइन का सम्मान करना और फुट सोल्जर्स की देखभाल करना सिखाया. उन्होंने हमें वह जादू भी दिखाया जो भावुक लोगों के समूह द्वारा किया जा सकता है. Kotler ने भले ही हमें मार्केटिंग के 4P की सभी शक्तियों के बारे में बताया, लेकिन सुमन ने हमें पांचवां P दिया - जिसने अन्य चार को पीछे छोड़ दिया – पैशन. उन्होंने बताया कि कैसे किसी व्यक्ति की उपलब्धियां केवल उसके बड़े सपने देखने की क्षमता तक सीमित होती हैं. वह उस पुरानी कहावत का जीता-जागता उदाहरण थे, "लीडर की स्पीड, झुंड की स्पीड निर्धारित करती है". उन्होंने हमेशा हमें ज्यादा की ख्वाहिश रखना और उसे प्राप्त करने की कोशिश करना सिखाया. मुझे अक्सर लगता है कि आइकोनिक पेप्सी कैंपेन "ये दिल मांगे मोर" देश के युवाओं की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं का एक संक्षिप्त विवरण मात्र नहीं था. यह पेप्सी के लीडर के माइंडसेट का आईना था. एक व्यक्ति जो दिल से हमेशा अधिक चाहता था. एक व्यक्ति जो खुश रह सकता है. लेकिन संतुष्ट नहीं.

ईमानदारी का गुण सिखाया

और उन्होंने हम सब में एक लीडर की सभी शारीरिक रचना का पुनर्निर्माण किया, ताकि हम सभी जान सकें कि एक अच्छा लीडर बनने के लिए क्या करना पड़ता है. आपके पास विस्तार के लिए एक आंख, नसों में जुनून, पेट में आग, स्टील की हिम्मत, हाथ हमेशा गंदे होने के लिए तैयार, पैर जो कभी नहीं थकते और लोगों के लिए चिंता से भरा एक विशाल दिल होना चाहिए और सिर ऊंचा रखना, हमेशा ऊंचा. सुमन ने हम सभी को ईमानदारी का गुण सिखाया. कभी भी ऐसा कुछ न करें जिसके लिए आपको शर्मिंदा होना पड़े, यह उनकी सलाह थी और वास्तव में एक महान संगठन के निर्माण का यही मंत्र होना चाहिए. मुझे याद है कि कैसे हमारे सामने एक ऐसी स्थिति आई थी जहां टीम के एक सदस्य ने झूठा खर्च का दावा किया था - 85 रुपये के लिए. जो उन दिनों भी एक छोटी राशि थी. सहकर्मी स्टार परफॉर्मर था, इसलिए जब यह घटना सामने आई तो मैंने सोचा कि हमें कड़ी चेतावनी जारी करनी चाहिए. जब सुमन को इस बारे में पता चला तो उन्हें बहुत गुस्सा आया और वह निराश हो गए. उनका संदेश था, 'उसे जाना चाहिए, जब ईमानदारी से समझौता किया जाता है तो हमें जीरो टॉलरेंस दिखाना होगा'. और फिर, उन्होंने कहा 'आप - लीडर - को कैसे ऐसे कृत्यों की अनदेखी करते हुए देखा जा सकता है?' यह एक ऐसा रैप है जिसे मैं नहीं भूला हूं.

महज स्लाइड नहीं, नेतृत्व दर्शन

और फिर यह सबक मैंने सुमन द्वारा बनाई जा रही प्रस्तुति की एक स्लाइड से सीखा. यह संगठन संरचना की एक स्लाइड थी - शीर्ष पर बॉस के साथ परिचित पिरामिड, उसके नीचे वीपी, उसके नीचे जीएम, और बाकी हम नीचे. लेकिन यहां - सुमन की प्रस्तुति में स्लाइड उलटी थी. तो हमने जो देखा वह शीर्ष पर फ्रंटलाइन सेल्समैन, उनके नीचे प्रबंधक, उनके नीचे वीपी और नीचे सीईओ के साथ एक स्लाइड थी. और जब मैंने सोचा कि कुछ युवा प्रबंधन प्रशिक्षु स्लाइड गलत होने के कारण अपनी नौकरी खो देंगे, तो सुमन ने समझाया कि यह कोई गलती नहीं थी. यह वास्तव में वह संगठन था जिसे वह बनाने की कोशिश कर रहे थे. एक संगठन जहां सेल्समैन - ग्राहक के सबसे करीबी लोग शॉट्स बुलाएंगे और तय करेंगे कि व्यवसाय क्या करेगा. और व्यवसाय में बाकी सभी लोग ग्राहक को खुश करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, उसे करने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. लोगों को यह देखने के बजाय कि बॉस क्या चाहता है, लोग उस पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो ग्राहक चाहता है.  सुमन का यह दिखाने का तरीका था कि वह एक सशक्त, बाहरी दिखने वाला संगठन बनाना चाहते हैं. अचानक, यह सिर्फ एक स्लाइड नहीं थी. यह एक नेतृत्व दर्शन था. और यह मेरे लिए और उनके साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त करने वाले अन्य लोगों के लिए एक नेतृत्व मंत्र बन गया.

मुझे याद हैं उनके कई कॉल

मुझे सुमन के कई फोन कॉल याद हैं. हर बार जब हमें उनका फोन आता, तो नब्ज कुछ और तेज हो जाती. अब क्या, आप तुरंत सोचने लगेंगे. क्या कोई गुणवत्ता का मुद्दा था? नई तरकीबों तक प्रतियोगिता? क्या किसी ने पेप्सी के अपने पड़ोस में उपलब्ध नहीं होने की शिकायत की? और मुझे एक खास कॉल याद है. मैं कोलकाता में बाजार की यात्रा पर निकला था. और सुमन ने फोन किया. उस दिन को बनाने के लिए उनका अनुरोध था जो मुझे अजीब लगा. वह चाहते थे कि मैं किसी के लिए साड़ी खरीदने जाऊं. अचंभित होकर, मैंने इन चीजों में बहुत अच्छा नहीं होने के बारे में कुछ कहा. मैंने कहा कि मैं अपनी पत्नी को कुछ लेने के लिए लूंगा. इस पर उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि तुम एक साड़ी खरीदो. आठ-दस हजार रुपये में. अभी इस वक्त. और मैं चाहता हूं कि तुम घर जाओ, इसे अपनी पत्नी को दे दो और उन्हें बताओ कि उनके पति की अभी-अभी पदोन्नति हुई है.

नेतृत्‍व का पाठ पढ़ाता है ये स्कूल

किसी भी दिए गए टास्‍क के कठिन एक्‍सटीरियर के पीछे एक इंसान की बड़ी मेहनत होती है. एक शख्‍स जो चाहता है कि आप सफल हों, वही आपको उसके लिए बार-बार प्रेरित करता है. हमारे जीवन में कभी हमें ऐसे इंसान की जरूरत होती है, जो हममें विश्‍वास करता हो, और उसके बाद हमारे जीवन में बदलाव शुरू हो जाता है. हम सभी ने अपने स्‍कूल में जो कुछ सीखा है उस पर बड़ा गर्व होता है. जबकि हर स्‍कूल के पास दुनिया भर में फैले हुए उसके विभिन्‍न पेशेवर एल्युमिनी का समूह है, जो सुमन स्‍कूल ऑफ मैनेजमेट से प्रशिक्षित हो. एक स्‍कूल जो आपको जीवन और नेतृत्‍व का पाठ पढ़ाता है. जो आपको सिखाता है कि आप कैसे अपने जुनून से एक विनिंग टीम बनाते हैं. स्‍कूल जो आपको सिखाता है कि कैसे आपको फ्रंटलाइन में खड़े लोगों का सम्‍मान करना है. जो आपको ये भी सिखाता है कि आखिर कैसे आप लीडरशिप को एक जिम्‍मेदारी के तौर पर देखते हैं न कि किसी पोजीशन के तौर पर. जो आपको एक्‍सीलेंस को अपना उददेश्‍य बनाना सिखाता है. जो आपको किसी भी काम को बेहतर तरीके से करना सिखाता है, अपनों की केयर करना सिखाता है. यही नहीं एक स्‍कूल जो आपको सिखाता है कि ईमानदारी से कभी समझौता नहीं किया जा सकता है. वो ईमानदारी जिसे तब भी निभाया जाए जब कोई देख न रहा हो.

सुमन का जाना एक युग का अंत

सुमन के निधन के बाद एक लीडर और एक मेंटर जो लोगों के लिए बहुत मायने रखता था वो जा चुका है. धरती से एक संस्‍थान रूपी व्‍यक्तित्‍व रुखसत हो चुका है. ये एक तरह से युग के समाप्‍त होने जैसा है. एक लीजेंड जो अब नहीं रहा, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी.

कल कही एक धूलभरे बाजार में एक लीडर जो सेल्‍स टीम से अधिक की मांग करेगा, उन्‍हें प्रेरित करेगा कि वो बेहतर करके दें, जिससे वो अपने अंदर की ताकत और गुणों को पहचानेंगे जो उनके अंदर मौजूद हैं. क्‍योंकि उन सभी लीडरों ने यही सुमन से सीखा है.

साधारण के साथ कभी संतोष नहीं

यही नहीं कल सत्‍ता के गलियारों में कही एक लीडर गलत का विरोध करेगा, क्‍योंकि गलत का विरोध करना यही उसने सुमन से सीखा है. देश के किसी कोने में एक लीडर अपनी सेल्‍स टीम के साथ रात गुजारेगा और अपने गुरू की कहानियों को सुना रहा होगा जो उसने अपने गुरू के चरणों में रहते हुए सीखी हैं. एक शख्‍स जिसे वो सुमन कहकर पुकारते हैं. वो अपनी टीम को बताएगा कि कैसे कठिन परिश्रम करते हैं, उच्‍च लक्ष्‍यों को बनाया जाता है, साधारण के साथ कभी संतोष नहीं किया जाता और जीवन में हमेशा अच्‍छा करने का सबक, जो उसने अपने गुरु सुमन से सीखा है.  लीडर्स की भावी पीढ़ियां उन व्‍यवहारों का प्रदर्शन करेगी, जिन्‍हें सुमन के जादू के तौर पर देखा जा सकेगा, वास्‍तव में सुमन स्‍कूल ऑफ मैनेजमेंट के साथ.

धन्‍यवाद सुमन, आपकी यादों और जो सबक हमने आपसे सीखा उसके लिए बहुत बहुत धन्‍यवाद. आप सदा हमारे दिल में रहेंगे.

मुझे गर्व है कि मैं सुमन स्‍कूल ऑफ मैनेजमेंट का एल्युमिनी हूं.

(लेखक एक ऑथर, वक्ता, लीडरशिप कोच और किम्बर्ली क्लार्क के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं)


टैग्स
सम्बंधित खबरें

यूपी के बंटवारे की माया की इच्छा यदि पूरी हुई, तो कितना बदल जाएगा उत्तर प्रदेश?

मायावती ने लोकसभा चुनाव के बीच एक बार फिर से अवध और पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मुद्दा छेड़ा है.

2 days ago

HNG Insolvency: जस्टिस नरीमन ने कहा कानून के विपरित है AGI रिज्युलेशन प्लान

COC ने CCI की मंजूरी से पहले AGI ग्रीनपैक की समाधान योजना को मंजूरी दे दी, जो दिवाला दिवालियापन संहिता के अनुसार अनिवार्य है.

5 days ago

आखिर Indigo की चिंगारी Vistara होते हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस तक कैसे पहुंच गई?

टाटा समूह की एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सिक लीव पर जाने वाले अपने 25 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.

1 week ago

अगर BJP नहीं पहुंची 400 के पार, तो कैसा होगा शेयर बाजार का हाल?

विदेशी निवेशक लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय बाजार में पैसा लगाने के प्रति सावधानी बरत रहे हैं.

1 week ago

यूएस प्रेसिडेंट ने Bharat को बताया Xenophobic, आखिर क्या है इसका मतलब?

यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन का कहना है कि भारत जैसे देश जेनोफोबिक हैं और इसका उनकी इकॉनमी पर असर पड़ा है.

03-May-2024


बड़ी खबरें

स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए Jio ने जमा किए करोड़ों रुपये, Airtel और VI हैं इतने पीछे

6 जून को होने वाली नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा. इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी.

30 minutes ago

अब इस दिग्गज निवेशक ने बताया, BJP गई 400 पार तो कैसी होगी बाजार की चाल 

लोकसभा चुनाव के 4 चरण पूरे हो चुके हैं, जबकि तीन चरण का मतदान होना अभी बाकी है. इसके नतीजे 4 जून को आएंगे.

1 hour ago

मार लिया मैदान, कपिल सिब्बल अब सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष 

करीब दो दशक बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ने वाले कपिल सिब्बल को जीत हासिल हुई है.

2 hours ago

आ गई गले में पहनने वाली स्मार्ट वॉच, जानिए कीमत और फीचर?

आईटेल (Itel) भारत में अपनी यूनिकॉर्न सीरिज के साथ एक नई यूनिकॉर्न स्मार्टवॉच लॉन्च करने जा रहा है. ये खासतौर पर नई जेनरेशन के लिए तैयार की गई है.

16 hours ago

Reckitt में कनिका कालरा को मिली ये अहम जिम्‍मेदारी, अब हेल्‍थ पर रखेंगी नजर 

कनिका कालरा मैकिन्से से पहले कनिका स्नैपडील, पर्सनल केयर में यूनिलीवर और पेप्सिको के साथ-साथ जीएसके कंज्यूमर के साथ काम कर चुकी हैं.

17 hours ago