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छात्रों की कर्ज माफी पर इतना हंगामा है क्यों बरपा? जानिए क्या है पूरा मामला
मार्च में राष्ट्रपति बाइडेन ने बिलेनेयर मिनिमम इनकम टैक्स (BMIT) का प्रस्ताव दिया था, जिसमें अमेरिका के रईसों पर कम से कम 20 परसेंट टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया गया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: भारत में एक और जहां बड़े बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ करने का मुद्दा गर्माया हुआ है, 'मुफ्त की रेवड़ियां' जैसी डिबेट से टीवी चैनल कान फाड़ रहे हैं. तो दूसरी तरफ अमेरिका है, जो इसके ठीक उलट अमीरों पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स लगाने की वकालत कर रहा है और छात्रों का कर्ज माफ कर रहा है. विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी राष्ट्रपति बाइडेन के छात्रों का कर्ज माफ करने के ऐलान का जमकर विरोध कर रही है और उसे कानूनी चुनौती देने की रणनीति तैयार कर रही. मजे की बात ये है कि दोनों मामले ठीक उलटे हैं, लेकिन विवाद इधर भी हो रहा है और विवाद उधर भी हो रहा है.
क्या है छात्रों की कर्जमाफी योजना
दरअसल, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले हफ्ते ऐलान किया था कि शिक्षा विभाग उन छात्रों के लिए 10,000 डॉलर तक के संघीय स्टूडेंट लोन कैंसिल कर देगा, जो सालाना $1.25 लाख से कम कमाते हैं और विवाहित जोड़े या परिवारों के मुखिया जो सालाना $2.5 लाख से कम कमाते हैं. इसके अलावा वो छात्र जिन्हें कॉलेज में नामांकन के दौरान पेल अनुदान भी मिला था, वे उन्हें $20,000 तक की कर्ज माफी मिलेगी. दरअसल अमेरिका में पढ़ाई बहुत महंगी है, बिना लोन लिए किसी का ग्रेजुएट होना बेहद मुश्किल होता है, इसलिए जबतक कोई छात्र ग्रेजुएट होता है उसके ऊपर कर्ज उतारने की जिम्मेदारी आ जाती है. हालांकि कई एक्सपर्ट ये भी कह रहे हैं कि ये कर्जमाफी पर्याप्त नहीं है.
रिपब्लिकन कानूनी चुनौती देने की तैयारी में
बाइडेन की कर्जमाफी की ये योजना रिपब्लिकन पार्टी को कुछ पसंद नहीं आई है. रिपब्लिकन के एरिजोना अटॉर्नी जनरल मार्क ब्रनोविच का कहना है कि "मुझे लगता है कि कोई भी वास्तविक वकील जानता है कि वे जो कर रहे हैं उसे करने का कोई कानूनी आधार नहीं है," उन्होंने नीति को भी मौलिक रूप से अनुचित बताया. ब्रनोविच ने कहा कि "मैं कुछ सहयोगियों के साथ काम कर रहा हूं, जो छात्र कर्ज माफी नीति पर बाइडेन प्रशासन पर मुकदमा चलाने के लिए कानूनी रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं
अमीरों पर ज्यादा टैक्स का प्रस्ताव
जबकि मार्च में राष्ट्रपति बाइडेन ने बिलेनेयर मिनिमम इनकम टैक्स (BMIT) का प्रस्ताव दिया था, जिसमें अमेरिका के रईसों पर कम से कम 20 परसेंट टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया गया था. अभी अमेरिका में अरबपतियों की कमाई पर 8.2% टैक्स ही लगता है. "बिलेनेयर मिनिमम इनकम टैक्स (BMIT) केवल 1 प्रतिशत अमेरिकी परिवारों के टॉप 100वें हिस्से पर लागू होगा, और आधे से अधिक राजस्व $1 बिलियन से ज्यादा वैल्यू वाले लोगों से आएगा. बाइडेन सरकार ऐसा करके अगले 10 सालों में अपना बजट घाटा 360 बिलियन डॉलर तक कम करना चाहती है.
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