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व्यापार की नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार भारत
सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत का निर्यात 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाए. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें बेहतर प्रशासन की आवश्यकता है.
उर्वी श्रीवास्तव 1 year ago
नई दिल्ली: प्राचीन काल से ही व्यापार हर देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण रहा है. यह बात 21वीं सदी में भी सच है. व्यापार एक अर्थव्यवस्था के कई मापदंडों को निर्धारित करता है, चाहे वो मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में हो या रोजगार में, और यहां तक कि करेंसी की ताकत में भी. भारत सरकार इसे समझती है और इसलिए भारत की व्यापार महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय के तहत एक समिति का गठन किया है.
नया प्रस्ताव क्या हैं?
सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत का निर्यात 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाए. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें बेहतर प्रशासन की आवश्यकता है. इसे प्राप्त करने के लिए, भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए वाणिज्य मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित ट्रेड प्रमोशन बोर्ड की स्थापना की गई है. इस काउंसिल का काम व्यापार से संबंधित पुनर्गठन निकाय को बढ़ावा देना और योजना बनाना होगा. इसका फोकस भारत की ब्रांडिंग और बाजारों को बेहतर बनाने पर है. इनमें लक्षित बाजार के रूप में कपड़ा, आईटी, चमड़ा क्षेत्र वगैरह शामिल हैं.
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने पहले एक 14-खंड की रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें वाणिज्य मंत्रालय को खुद का पुनर्गठन करने के लिए कहा गया था. इस विकास के परिणामस्वरूप 'ट्रेड प्रमोशन बॉडी' का गठन हुआ. इस बॉडी में निजी क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ी शामिल होंगे जिन्हें काम करने की आजादी होगी. वे व्यापार के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे और हर छह महीने में इसकी निगरानी करेंगे, जिसमें राज्य के साथ-साथ क्षेत्रीय स्तर भी शामिल हैं.
ट्रेड प्रमोश बॉडी में 'ब्रांड इंडिया', सरकार से सरकार संपर्क, उद्योग संपर्क और निर्यातक प्रशिक्षण सहित 13 तत्व शामिल होंगे. कई देशों के साथ हमारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार वार्ताएं हैं, बॉडी उसी के पुनर्गठन पर विचार करेगी. निर्यातकों और खरीदारों के लिए बॉडी के पास सिंगल डेटा सोर्स होगा. यह निर्यातकों और खरीदारों के लिए बाजार होगा. ये परिषद की प्राथमिक जिम्मेदारियां होंगी, जो वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करेंगी.
इसमें किस बदलाव की जरूरत है?
वर्ल्ड ट्रेड स्टैटिस्टिकल रिव्यू, 2021 के अनुसार, भारत का वैश्विक निर्यात में 1.6% और आयात का 2.1% हिस्सा है. पहले से ही मौजूद आंकड़ों के अलावा, भारत एक ऐसे चरण में है जहां रेपो दरें बढ़ रही हैं, महंगाई आसमान छू रही है, गैस की कीमतें बढ़ रही हैं और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो रहा है. हम वैश्विक राजनीतिक तनाव और मंदी के डर के बीच भी जी रहे हैं. आज मांग और निर्यात बहुत प्रभावित हो रहे हैं. इन बाधाओं के बावजूद, भारत फार्मा, जेम्स और ज्वेलरी, समुद्री और किसानों के उत्पादों, कपड़ा और चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार उत्पादों और रसायनों में उत्पादन और निर्यात को बढ़ाना चाहता है.
ऐसे माहौल में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ना जरूरी है. भारत को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए वाणिज्य मंत्रालय उसी के आसपास विवेकपूर्ण फैसले ले रहा है. वे वित्त वर्ष 31 तक भारत के निर्यात को $650 बिलियन से $2 ट्रिलियन तक ले जाने की योजना बना रहे हैं. अगर सरकार 2047 तक भारत के 100 ब्रांड्स को ग्लोबल चैंपियन बनाना चाहती है, तो हमें इन सुधारों की आवश्यकता है. कई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के बजाय हमें एक सिंगल बॉडी फंक्शन बनाने की जरूरत है जो एक छतरी के रूप में काम करे और सभी को एक ही स्तर पर लाए. ट्रेड प्रमोशन काउंसिल सफल होगा या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रेड प्रमोशन बॉडी की संरचना कैसे होगी और उनके सुझावों को कैसे लागू किया जाएगा.
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