होम / एक्सप्लेनर / 8% की ग्रोथ! BJP की आर्थिक 'आंकड़ेबाजी' या कुछ और

8% की ग्रोथ! BJP की आर्थिक 'आंकड़ेबाजी' या कुछ और

विश्व बैंक ने भारत के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में ग्रोथ अनुमान घटाकर 7.5 परसेंट कर दिया है. जबकि रिजर्व बैंक ने 7.2 परसेंट का अनुमान बरकरार रखा है.

अभिषेक शर्मा 1 year ago

मुंबई: कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि देश 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा, ये काफी नहीं था कि अब गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया है कि भारत 8.2 परसेंट ग्रोथ की रफ्तार से आगे बढ़ेगा, साथ ही भारत इस वक्त दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. 

इन दोनों दिग्गज नेताओं के बयानों ने विशेषज्ञों और आलोचकों के बीच एक जोरदार बहस छेड़ दी है. कुछ अर्थशास्त्री पीयूष गोयल के 30 ट्रिलियन डॉलर वाले दावे से इत्तेफाक रखते हैं, उनका मानना है कि 30 में इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, हालांकि कुछ आलोचकों को लगता है कि ये सिर्फ के राजनीतिक हथकंडा है इससे ज्यादा कुछ नहीं. 

अमित शाह की बात करें तो उनके मुताबिक भारत की इकोनॉमी ने पिछले वित्त वर्ष (2021-22) में 8.7 परसेंट की ग्रोथ हासिल की थी, जबकि इसके पिछले साल 6.6 परसेंट की गिरावट दर्ज हुई थी. अमित शाह का कहना है कि "8.2 परसेंट की ग्रोथ के साथ, भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और देश का कोयला और खनन क्षेत्र वर्तमान आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है."

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 30 सालों में 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकती है, इस दावे ने कई लोगों के बीच एक बहस छेड़ दी. पीयूष गोयल का कहना था कि अगर भारत हर साल कंपाउंड एनुअल ग्रोथ के आधार पर 8 परसेंट से आगे बढ़ता है तो इकोनॉमी 9 साल में दोगुनी हो जाएगी. जो कि अभी 3.2 ट्रिलियन डॉलर ही है, और 9 साल बाद ये करीब 6.5 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी. 

हालांकि कई प्रकांड अर्थशास्त्री ये कहते हैं कि रूस-यूक्रेन जंग के बीच जो भी वैश्विक चुनौतियां पैदा हुई हैं, उसके बावजूद बेहतर कृषि उत्पादन और मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था के दम पर भारत की इकोनॉमी इस वित्त वर्ष में 7 परसेंट से 7.8 परसेंट की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है. 

अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी के मोदी सरकार के दावों के बीच वित्त मंत्रालय का ये भी कहना है कि भारत की इकोनॉमी में फिलहाल सुस्ती देखने को मिलेगी लेकिन दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले ज्यादा ही रहेगी. हाल ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की जिससे रेपो रेट 4.9 परसेंट हो गया. 

चूंकि इस वक्त भारत ऊंची महंगाई, जियो पॉलिटिकल संकट और सप्लाइ चेन में दिक्कतों का सामना कर रहा है, वर्ल्ड बैंक ने भारत का आर्थिक ग्रोथ अनुमान घटाकर 7.5 परसेंट कर दिया है. साथ ही, रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 7.2 परसेंट पर बरकरार रखा है और जियो पॉलिटिकल संकट और ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती को लेकर चेतावनी भी जारी की है. 

भारतीय अर्थव्यवस्था की अभी क्या स्थिति है. BW Businessworld ने कुछ एक्सपर्ट्स से बात की और इन आंकड़ों को समझने की कोशिश की. 

ICICI Securities के चीफ इकोनॉमिस्ट प्रसेनजीत के बासु का कहना है कि भारत दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (G20) में से सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, 
जैसा कि पिछले 7 वर्षों में से 4 वर्षों में हुआ है - पिछले 75 वर्षों में केवल 4 वर्षों में भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है. तो हां, अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है. वित्त वर्ष 2022 में एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 44 परसेंट बढ़ा है, जो कि किसी भी दूसरी एशियाई इकोनॉमी के मुकाबले सबसे तेज है. वित्त वर्ष 2022 में नॉमिनल GDP 19.5 परसेंट की रफ्तार से बढ़ी है और रियल GDP 8.7 परसेंट की तेजी से बढ़ी है. ये तेजी तब है जब इकोनॉमी ने कोविड-19 की दो लहरों का सामना किया है. 

YES Bank के चीफ इकोनॉमिस्ट इंद्रनील पान का भी मानना है कि कोई शक नहीं कि सर्विसेज सेक्टर अच्छा कर रहे हैं, जैसा कि सर्विसेज सेक्टर के PMI में बढ़ोतरी से संकेत मिलता है. सर्विसेज के अंदरही कुछ सेक्टर्स जैसे की ट्रैवल और टूरिज्म काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जो कि मोटे तौर पर 'रिवेंज स्पेंडिंग' का नतीजा है.

पान का कहना है कि दूसरी तरफ मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में ऐसी तेजी नहीं दिख रही है. मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए जून की PMI 53.0 दर्ज की गई. जरूर ये एक विस्तारवादी क्षेत्र को दर्शाता है, हालांकि ये आंकड़ा मई के 54.4 से कम है. ये मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की कुछ आंतरिक कमजोरियों को दिखाता है, आप ये भी देखिए कि हाल फिलहाल की ज्यादातर सरकारी नीतियों (कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती, PLI स्कीम वगैरह) को मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को ध्यान में रखकर ही लाया गया. 

जून में रिजर्व बैंक ने रियल जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 2022-23 के लिए 7.2 प्रतिशत, पहली तिमाही के लिए 16.2 प्रतिशत, Q2 के लिए 6.2 प्रतिशत पर; Q3 के लिए 4.1 प्रतिशत और Q4 के लिए 4.0 प्रतिशत पर बरकरार रखा. 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मार्च 2022 की तिमाही में क्षमता उपयोग में 74.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि तीसरी तिमाही में यह 72.4 प्रतिशत थी और इसके और आगे बढ़ने की उम्मीद है.

विश्व बैंक के पूर्व चीफ इकोनॉमिस्ट कौशिक बसु ने ट्विटर पर लिखा है कि विश्व बैंक के आंकड़ों का विश्लेषण भारत की अर्थव्यवस्था को लड़खड़ाता हुआ दिखाता है. 2020-22 में सालाना ग्रोथ 0.8 परसेंट है. यह चीन/वियतनाम/बांग्लादेश समेत कई देशों से कम है. ये इस बात पर गहरी चोट करता है क्योंकि शीर्ष के 1 परसेंट अच्छा कर रहे हैं. भारत की कई क्षमताएं हैं. ये प्राथमिकताओं को गलत तरीके से लेने का नतीजा है. 

घरेलू आर्थिक गतिविधियों में सुधार के बीच रिजर्व बैंक ने कहा कि सामान्य दक्षिण-पश्चिम मॉनसून और कृषि संभावनाओं में सुधार की उम्मीद से ग्रामीण खपत को फायदा मिलना चाहिए. 

आगे चलकर कॉन्टैक्ट इंटेंसिव सर्विसेज में फिर से तेजी लौटने के चलते शहरी खपत में तेजी आने की उम्मीद है. आरबीआई के एक बयान में कहा गया है कि निवेश गतिविधि  को क्षमता उपयोग में सुधार, सरकार के कैपेक्स बढ़ाने और बैंक क्रेडिट को मजबूत करने से सहारा मिलने की उम्मीद है. 

इस बीच, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 जीडीपी डेटा दर्शाता है कि देश ने पूर्व-महामारी जीडीपी स्तर (स्थिर कीमतों पर) को पार कर लिया है, और वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 1.5 परसेंट की ग्रोथ रेट दर्ज की है.

मुल्तानी का कहना है कि वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले काफी ज्यादा थी. ये रिकवरी Q4 FY2022 के दौरान और FY2023 के पहले दो महीनों के दौरान कई आर्थिक और बिजनेस इंडिकेटर्स के प्रदर्शन से भी स्पष्ट हो जाती है. 

मुल्तानी का कहना है कि आर्थिक गतिविधि में ये आदर्श रिकवरी की तुलना अगर कोविड-19 महामारी की गिरावटों से करें तो पाएंगे कि ये सरकार और रिजर्व बैंक के बीते 2 सालों में रिफॉर्म को लेकर किए गए प्रयासों से ही संभव हुआ है. 

YES Bank के पान का कहना है कि इस समस्या की जड़ में निजी खपत खर्चों का लगातार कमजोर रहना है और इस पर महंगाई और ऊंची ब्याज दरों की एक और मार पड़ सकती है. वैश्विक सुस्ती के चलते एक्सपोर्ट्स का प्रदर्शन भी बेहतर नहीं रहेगा. 

Kotak Institutional Equities के सीनियर इकोनॉमिस्ट सुवोदीप रक्षित का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे रिकवर हो रही है. संपर्क-आधारित सेवाएं जो कोविड -19 के कारण पिछड़ रही थीं, वे पिछले कुछ महीनों में ठीक हो रही हैं. PMI, GST कलेक्शन, हवाई यात्री यातायात वगैरह आदि जैसे इंडिकेटर संकेत दे रहे हैं कि रिकवरी बढ़ रही है.

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीने में घरेलू और विदेशी डिमांड कमजोर रहने के आसार हैं. निजी निवेश कुछ हद तक सुधर सकता है क्योंकि क्षमता उपयोग करीब 75 परसेंट के स्तर पर पहुंच चुका है, लेकिन ब्याज दरों में बढ़ोतरी से ये पटरी से उतर भी सकता है. 

पान का कहना है कि कुल मिलाकर इकोनॉमी को इकलौता कमाई का जरिया मिल सकता है वो सरकार के पूंजीगत खर्चों से होगा और बजट की स्थिति सरकार को अपने पूंजीगत खर्चों को बहुत तेजी से बढ़ाने की छूट नहीं देती है. वित्त वर्ष 2023 के लिए हम अनुमान लगा रहे हैं कि ग्रोथ 7.0 परसेंट होगी, जिसका झुकाव नीचे की ओर होगा. 

और सबसे सबसे बड़ी मुश्किल ये कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक रिटेल कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) यानी खुदरा महंगाई दर बेस इफेक्ट की वजह से जून में हल्की राहत के साथ 7.01 परसेंट रही है जो कि मई में 7.04 परसेंट थी. ये आंकड़े बताते हैं कि खाने के सस्ते तेल और महंगे ईंधन से खाद्य लागत और सेवाएं महंगी हुईं, जिसकी वजह से महंगाई अब भी लगातार 6 महीनों से RBI की लक्ष्मण रेखा से कहीं आगे है. रिटेल महंगाई दर मई में 7.04 परसेंट थी जबकि अप्रैल में 7.79 परसेंट थी. 

रिजर्व बैंक ने 8 जून को महंगाई का अनुमान वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 100 बेसिस प्वाइंट यानी पूरा 1 परसेंट बढ़ाकर 6.7 परसेंट कर दिया, जो कि अप्रैल में 5.7 परसेंट था. पहली तिमाही में महंगाई दर का अनुमान 7.5 परसेंट, दूसरी तिमाही में 7.4 परसेंट, तीसरी तिमाही में 6.2 परसेंट और चौथी तिमाही में 5.8 परसेंट है. 

रक्षित का कहना है कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि 1HFY23 के लिए महंगाई 7 परसेंट के आसपास रहेगी. सीजनल ट्रेंड्स के मुताबिक फूड आइटम्स के दाम बढ़ते हुए दिखेंगे. पिछले महीने से प्राइस मोमेंटम में नरमी आने से कोर महंगाई दर सपाट 6.2 परसेंट रही थी.  

इस बीच विशेषज्ञों का अनुमान है कि महंगाई 2HFY23 में धीरे-धीरे कमी आएगी. अगस्त की पॉलिसी में रेपो रेट 35 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया जा सकता है और रिजर्व बैंक को CY2022 में रेपो रेट को 5.75 परसेंट तक पहुंचाने के रास्ते पर बने रहना चाहिए. 


 


टैग्स
सम्बंधित खबरें

यूपी के बंटवारे की माया की इच्छा यदि पूरी हुई, तो कितना बदल जाएगा उत्तर प्रदेश?

मायावती ने लोकसभा चुनाव के बीच एक बार फिर से अवध और पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का मुद्दा छेड़ा है.

22 hours ago

HNG Insolvency: जस्टिस नरीमन ने कहा कानून के विपरित है AGI रिज्युलेशन प्लान

COC ने CCI की मंजूरी से पहले AGI ग्रीनपैक की समाधान योजना को मंजूरी दे दी, जो दिवाला दिवालियापन संहिता के अनुसार अनिवार्य है.

4 days ago

आखिर Indigo की चिंगारी Vistara होते हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस तक कैसे पहुंच गई?

टाटा समूह की एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सिक लीव पर जाने वाले अपने 25 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है.

5 days ago

अगर BJP नहीं पहुंची 400 के पार, तो कैसा होगा शेयर बाजार का हाल?

विदेशी निवेशक लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय बाजार में पैसा लगाने के प्रति सावधानी बरत रहे हैं.

1 week ago

यूएस प्रेसिडेंट ने Bharat को बताया Xenophobic, आखिर क्या है इसका मतलब?

यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन का कहना है कि भारत जैसे देश जेनोफोबिक हैं और इसका उनकी इकॉनमी पर असर पड़ा है.

1 week ago


बड़ी खबरें

Dubai Unlocked: दुबई के रियल एस्टेट पर किसका है राज, पहली बार सामने आए नाम

दुबई में 'डर्टी मनी' से प्रॉपर्टी खरीदने वालों की बाढ़ आ गई है. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यहां अपराधियों से लेकर कई सफेदपोशों ने संपत्ति बनाई है.

15 minutes ago

इस Bank ने लॉन्च किया अपना पहला वर्चुअल क्रेडिट कार्ड, ऐसे करें आवेदन

HDFC Bank ने नया वर्चुअल क्रेडिट कार्ड 'Pixel' लॉन्च किया है. यह 100 प्रतिशत डिजिटल है. इसके साथ यूजर्स को कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा.

56 minutes ago

CBI ने इस कंपनी के पूर्व डायरेक्टर को गिरफ्तार, 34000 करोड़ घोटाले का है आरोप

धीरज वाधवान पर 17 बैंकों के साथ 34000 करोड़ का लोन फ्रॉड करने का मामला है. इससे पहले भी वाधवान यस बैंक भ्रष्टाचार मामले में जेल जा चुके हैं और बेल पर बाहर थे.

1 hour ago

जिनसे मिलने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं दुनियाभर के रईस, वो PM मोदी खुद कितने हैं अमीर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया है. उन्होंने बताया है कि उनके पास कुल कितनी संपत्ति है.

4 hours ago

LIC को SEBI से ऐसी क्‍या मिली खुशखबरी कि झूम उठे कंपनी के शेयर? 

एलआईसी के शेयरों की स्थिति पर नजर डालें तो बुधवार को उनमें 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिली. बुधवार को कंपनी का शेयर 977.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. 

45 minutes ago