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ध्वजारोहण करने का क्या है नियम-कानून, अनजाने में कहीं आपसे न हो जाए गलती
सबसे पहले ये जान लीजिए कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन ध्वजारोहण होता है, जबकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा फहराया जाता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पूरे देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है. यहां के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को याद करने और जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की ओर से की जाने वाली एक पहल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले पर ध्वजारोहण करेंगे.
15 अगस्त को सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों, स्कूलों में भी ध्वजारोहण किया जाएगा. इस बार 'हर घर तिरंगा' कैंपेन के दौरान लोग अपने-अपने घरों पर भी तिरंगा फहरा रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ध्वजारोहण करने का सही तरीका और नियम क्या है? आइए जानते हैं ध्वजारोहण के नियम कानून क्या कहते हैं...
ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में क्या अंतर
सबसे पहले ये जान लीजिए कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के दिन ध्वजारोहण होता है, जबकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा फहराया जाता है. इन दोनों में बहुत अंतर होता है. स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडे को रस्सी के सहारे खींचकर नीचे से ऊपर ले जाया जाता है, फिर उसे फहराया जाता है. इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहते हैं. जबकि गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा नीचे की जगह ऊपर ही बंधा रहता है और इसे खोलकर फहराया जाता है.
क्या हैं ध्वजारोहण के नियम कानून
- भारतीय झंडा हाथ से काते गए, हाथ से बुने गए ऊनी/ सूती/ सिल्क या खादी के कपड़े से बना होना चाहिए.
- झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए.
- ध्वजारोहण करते समय झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराना चाहिए.
- बिना आदेश तिरंगे को आधा नहीं फहराया जा सकता.
- किसी को सलामी देने के लिए तिरंगे को झुकाया नहीं जा सकता.
- राष्ट्रीय ध्वज में किसी तरह की तस्वीर, पेंटिंग या फोटोग्राफ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
- फटा हुआ और मैला झंडा प्रदर्शित नहीं कर सकते.
- ध्वज के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए.
- राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए नहीं किया जा सकता है.
- ध्वजारोहण करते समय हमेशा ये ध्यान रखें कि उसके बराबर या उससे ऊंचा कोई और ध्वज नहीं होना चाहिए.
- सूर्यास्त यानी शाम होने के बाद तिरंगे को उतार देना चाहिए.
यदि तिरंगे का हुआ अपमान तो क्या मिलेगी सजा
यदि कोई व्यक्ति तिरंगे के अपमान का दोषी पाया जाता है तो उसे तीन साल की जेल हो सकती है या फिर जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर दोनों हो सकता है.
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