होम / एक्सप्लेनर / आपने समय से भर दिया ITR? तब भी लग सकता है भारी जुर्माना; जानें क्या है नियम
आपने समय से भर दिया ITR? तब भी लग सकता है भारी जुर्माना; जानें क्या है नियम
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR के सत्यापन की समय सीमा घटा दी है. पहले रिटर्न दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर ITR को वेरीफाई करवाया जा सकता था, लेकिन अब यह घटकर 30 दिन हो गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
यदि आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न समय पर फाइल कर दिया था और इस बात से खुश हैं कि आप 5 हजार रुपए का जुर्माना भरने से बच गए. तो सावधान हो जाएं. आपकी एक भूल या कहें कि लापरवाही आपको बहुत भारी पड़ सकती है. अगर आप खबरों पर नज़र रखते हैं, तो जानते ही होंगे कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR के सत्यापन की समय सीमा घटा दी है. पहले रिटर्न दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर ITR को वेरीफाई करवाया जा सकता था, लेकिन अब यह घटकर 30 दिन हो गया है.
CBDT की अधिसूचना
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 29 जुलाई को जारी एक अधिसूचना में कहा था कि ITR सत्यापन के संबंध में नया नियम 1 अगस्त, 2022 से प्रभावी हो जाएगा. CBDT की अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि 30 दिनों की समय सीमा 1 अगस्त 2022 को या उसके बाद दाखिल आईटीआर पर लागू होगी. जिन लोगों ने निर्धारित डेडलाइन (31 जुलाई, 2022) पर या इससे पहले ITR फाइल किया है, उनके लिए सत्यापन की अवधि पुरानी यानी कि 120 दिन ही रहेगी.
लागू होंगे दंडात्मक उपाय
सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति 30 दिनों (यानी नई समय सीमा) के बाद आईटीआर का सत्यापन करता है, तो ऐसे मामलों में ई-सत्यापन / ITR-V जमा करने की तारीख को रिटर्न फाइल करने की तारीख के रूप में माना जाएगा. इस स्थिति में आयकर अधिनियम, 1961 के तहत देर से रिटर्न दाखिल करने के सभी दंडात्मक उपाय लागू होंगे.
परिस्थिति -A
इसे इस तरह समझते हैं, यदि आपने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 31 जुलाई की समय सीमा से पहले अपना ITR दाखिल किया है, तो आपके पास रिटर्न सत्यापित करने के लिए 120 दिन हैं. लेकिन यदि आप इस डेडलाइन को मिस कर देते हैं, कहने का मतलब है कि आप 120 दिनों के भीतर ITR सत्यापन करना भूल जाते हैं, तो आपको टैक्स डिपार्टमेंट के समक्ष देरी के लिए माफी संबंधी आवेदन प्रस्तुत करना होगा. अगर आपका आवेदन स्वीकार हुआ, तो ठीक वरना यह माना जाएगा कि आपने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल ही नहीं किया है. उस सूरत में आपको 5 हजार रुपए जुर्माने के साथ रिटर्न फिर से भरना होगा और आपको सग्त्यापन के लिए 30 दिन मिलेंगे.
परिस्थिति -B
अब मान लीजिए कि आप निर्धारित समय सीमा यानी कि 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाए. इस स्थिति में आप लेट फीस के रूप में पांच हजार का भुगतान करके ITR फाइल कर सकते हैं. नए नियम के अनुसार, आपको ITR वेरीफाई करने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा. यदि आप वेरिफिकेशन की डेडलाइन से भी चूक जाते हैं, तो अब आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा, वो इसलिए कि आप पहले ही बतौर शुल्क 5 हजार भर चुके हैं.
परिस्थिति -C
यदि आप उस श्रेणी में आते हैं, जहां ITR फाइल करने के लिए आपके खातों का ऑडिट किया जाना है, तो आपके लिए रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 30 सितंबर है. ITR सत्यापन का नया नियम ऐसे लोगों पर भी लागू होगा. उन्हें इसके लिए 30 दिन का ही समय मिलेगा. अब मान लीजिए, 30 दिन में आप ITR वेरिफिकेशन नहीं कर पाते, तो ITR फाइलिंग की डेट वही मानी जाएगी जिस दिन सत्यापन हुआ है. ऐसी स्थिति में आपको देरी से रिटर्न फाइल करने के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा.
टैग्स