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बार-बार KYC का झंझट होगा खत्म, कॉमन KYC लाने की तैयारी, समझिये क्या है प्लान

एक बार अपना KYC जमा कर दिए जाने के बाद उसका इस्तेमाल अलग अलग वित्तीय संस्थानों में अलग अलग जरूरतों के लिए कई बार किया जा सकता है

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

नई दिल्ली:  अब अलग बैंकों, वित्तीय संस्थानों के लिए अलग KYC प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, इसके लिए सरकार 'कॉमन KYC' योजना पर काम कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि विभिन्न वित्तीय संस्थानों के बीच लेनदेन को आसान बनाने के लिए एकसमान ‘अपना ग्राहक जानो’ (KYC) को लागू करने की दिशा में काम चल रहा है. सरकार और रेगुलेटर्स इस योजना पर मिलकर काम कर रहे हैं

कॉमन KYC जल्द लागू करने की तैयारी
उद्योग संगठन FICCI लीड्स सम्मेलन के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि एक ही KYC का विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए इस्तेमाल किए जाने की व्यवस्था लागू करने की दिशा में कोशिश जारी है. वित्त मंत्री ने कहा कि एक केंद्रीय संग्राहक (repository) है जो KYC का ध्यान रखता है. अब हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि ग्राहक की तरफ से एक बार अपना KYC जमा कर दिए जाने के बाद उसका इस्तेमाल अलग अलग वित्तीय संस्थानों में अलग अलग जरूरतों के लिए कई बार किया जा सकता है. आपको हर बार अलग संस्थानों में लेनदेन के लिए अपना KYC नहीं देना होगा. 

कॉमन KYC से क्या फायदा
दरअसल, अक्सर देखा गया है कि बैंक ग्राहकों से समय समय पर KYC अपडेट करने कहता है, फिर वही बैंक क्रेडिट कार्ड या दूसरी सेवाओं के लिए भी KYC अलग से मांगता है. ऐसे ही बीमा कंपनियां, म्यूचुअल फंड कंपनियां, प्रॉविडेंड फंड के लिए अलग अलग KYC करवाने की अनिवार्यता है. जिससे ग्राहकों को काफी परेशानी होती है. जिस बैंक में आपका खाता है अगर आप उसी से होम लोन लेते हैं तो वो भी अलग KYC से देने को कहता है, जो कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के अनुरूप ही है, लेकिन बार बार KYC अपडेट की जगह एक कॉमन KYC होने से वित्तीय संस्थाओं का काम भी आसान होगा और ग्राहकों का सिरदर्द भी थोड़ा कम होगा.  

रेगुलेटर्स के साथ सलाह-मशवरा
वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले सप्ताह अलग अलग वित्तीय क्षेत्र के रेगुलेटर्स के साथ बैठक में बैंकिंग, बीमा और पूंजी बाजारों के लिए एक कॉमन KYC के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया था. इस तरह के सिस्टम से कई सेवाओं जैसे बैंक या डीमैट खाता खोलने या नए निवेश करने के लिए कागजी काम काफी हद तक कम हो जाएगा. इससे आम लोगों को तो सहूलियत होगी ही, कारोबारियों का पेपरवर्क घटेगा और कंप्लायंस का बोझ भी कम होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े रेगुलेटर्स सभी को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही है जिससे कारोबारी सुगमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

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