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फायदे की खान है BH सीरीज, इसके लिए नितिन गडकरी को थैंक यू तो बनता है
यदि आप ट्रांसफरेबल जॉब में हैं, तो BH सीरीज आपके लिए ही बनी है. इससे आपकी कई परेशानियां दूर हो जाएंगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने BH सीरीज लॉन्च करके उन लोगों की बहुत बड़ी परेशानी खत्म कर दी है, जिनका एक राज्य से दूसरे में ट्रांसफर होता रहता है. BH सीरीज के नंबर प्लेट के जरिए कारों का रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुका है. हालांकि, अब भी बड़ी संख्या में लोगों को सरकार की इस पहल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. लिहाजा, समझते हैं कि BH यानी भारत सीरीज कितनी फायदेमंद है.
दूर हो जाएगी ये परेशानी
यदि आप ऐसी नौकरी में हैं, जहां ट्रांसफर होते रहते हैं. कहने का मतलब है कि आपको एक स्टेट से दूसरी स्टेट में जाना पड़ता है और आप अपनी कार को भी साथ ले जाते हैं. तो BH सीरीज आपके लिए ही बनी है. महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ट्रैफिक पुलिस दूसरे राज्यों के वाहनों को लेकर सख्त रहती है. हर चौराहे पर कोई न कोई पुलिसकर्मी आपको रोककर NOC यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मांगता है. NOC उस स्टेट के RTO द्वारा जारी की जाती है, जहां आपकी गाड़ी पंजीकृत है. ट्रांसफरेबल जॉब वाले लोगों के लिए हर बार NOC निकलवाना आसान नहीं और इसके बिना उन्हें ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. वैसे, मौजूदा नियम के मुताबिक, वर्तमान में एक व्यक्ति को उस राज्य के अलावा किसी भी राज्य में अधिकतम 12 महीने तक वाहन रखने की अनुमति है, जहां वह पंजीकृत है, लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा परेशान करना आम बात है. अब जिनके पास BH सीरीज का नंबर होगा, उन्हें इस तरह की कोई परेशानी नहीं होगी.
किन वाहनों के लिए है BH?
अब समझते हैं कि आखिर BH सीरीज किन वाहनों के लिए है और कौन इसे हासिल कर सकता है. बीएच सीरीज की नंबर प्लेट केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी ले सकते हैं. इसके साथ ही BHEL, बीईएल, ONGC, BSNL सहित NHPC जैसे पीएसयू में काम कर रहे लोग भी BH सीरीज वाली नंबर प्लेट ले सकते हैं. इसके साथ ही सेना, रक्षा बल के स्टाफ, निजी क्षेत्र की कंपनी या संगठन के ऐसे कर्मचारी भी BH सीरीज के तहत रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, जिनका अक्सर ट्रांसफर होता रहता है. इसके अलावा, ऐसी कंपनियां जिनके 4 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेश में दफ्तर हों, उनका स्टाफ भी बीएच नंबर प्लेट ले सकता है. BH नंबर प्लेट सिर्फ नए निजी और नॉन-ट्रांसपोर्ट व्हीकल के लिए ही उपलब्ध है.
पहचानना बेहद आसान
BH नंबर प्लेट पहचानने में बहुत आसान है. वैसे, देखने में यह सामान्य नंबर प्लेट की तरह लगती है, लेकिन नंबर लिखने का तरीका थोड़ा अलग है. नंबर प्लेट पर सबसे पहले रजिस्ट्रेशन का वर्ष लिखा होगा, जैसे यदि आपने कार 2022 में ली है, तो आखिरी के दो अंक यानी 22. इसके बाद भारत सीरीज का कोड BH लिखा होगा और फिर वाहन का नंबर होगा. अब इसकी आवेदन प्रक्रिया को भी समझ लेते हैं. यदि आप सरकारी स्टाफ हैं, तो आपको BH नंबर प्लेट के लिए अपना ऑफिशियल पहचान पत्र देना होगा. जबकि निजी सेक्टर में काम करने वालों को कार डीलर को फॉर्म 60 भरकर देना होगा.
ये भी है एक फायदा
अब बात करते हीब BH सीरीज के एक और फायदे की. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साधारण नंबर प्लेट की नई कार खरीदने पर 15 वर्ष का रोड टैक्स चुकाना होता है, जो वाहन की लंबाई, इंजन की क्षमता और उसके प्रकार पर निर्भर करता है. BH सीरीज नंबर प्लेट लेने पर पहले आगामी दो सालों का ही रोड टैक्स जमा कराना होगा. इसके बाद हर दो साल में रोड टैक्स फिर से जमा कराना होता है. खास बात ये है कि BH सीरीज वाली गाड़ियों पर रोड टैक्स, वाहन की कुल कीमत से जीएसटी हटाकर आंका जाता है. ऐसे में अगर आप BH सीरीज लेते हैं, तो आपको रोड टैक्स कम अदा करना होगा. पेट्रोल वाली 10 लाख से कम की गाड़ियों पर 8%, 10 से 20 लाख की कीमत वाली कारों पर 10% और 20 लाख से ज्यादा कीमत की गाड़ियों पर 12 प्रतिशत रोड टैक्स लगता है. डीजल वाली गाड़ियों पर 2 फीसदी टैक्स बढ़ जाता है, तो इलेक्ट्रिक कार पर 2 फीसदी टैक्स कम देना पड़ता है.
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