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किसी भी इंडस्ट्री में जीरो कार्बन टेक्नोलॉजी का होना बेहद जरूरी है
सस्टेनेबिलिटी एक ऐसा विषय है जिससे सिर्फ इंसान ही प्रभावित नहीं हो रहे हैं बल्कि कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं. इसलिए उनका सस्टेनेबल होना बेहद जरूरी है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 3 months ago
Businessworld के Facility Management इवेंट में पहुंचे इस क्षेत्र के कई दिग्गजों ने सस्टेनेबिलिटी को लेकर उनके प्वॉइंट ऑफ व्यू से तो अवगत कराया ही साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उनकी कंपनियों की ओर से इसे लेकर क्या प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में ये एक ऐसा विषय बनता जा रहा है जिसे लेकर सभी लोग गंभीरता से सोच रहे हैं.
सेना के हर कैट एरिया में ग्रीनरी अहम होती है
नविंदर नारंग, हेड इंफ्रा, फैसिलिटी एंड ईएसजी, ICICI होम फाइनेंस कंपनी लिमिटेड ने कहा कि मैंने सेना में 21 साल तक काम किया. मैं सेना में इंफ्रेंट्री में था और इंफ्रेंट्री में आपके पांव हमेशा ग्राउंड में होते हैं. आप हमेशा अपने बॉर्डर को सुरक्षित करते हैं. आपका ग्राउंड से संपर्क और नेचर से संबंध दूसरे किसी भी प्रोफेशन से ज्यादा होता है. हम हमेशा ही वहां के लोकल लोगों के टच में होते हैं उनकी समस्या को जानते रहते हैं.
आप लोगों में से ज्यादा लोग नहीं जानते होंगे कि ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं. आज से 20 साल बाद जिन पोस्ट पर आज हमारे जवान हैं वो वहां नहीं होंगे. उन ग्लेशियरों से जो पानी निकल रहा है वो नीचे नदियों में आ रहा है. हम ये भी देख रहे हैं कि लगातार हरे पेड़ों को काटा जा रहा है आप लोग जानते होंगे कि आर्मी कैंटोनमेंट एरिया अपने ग्रीन इलाकों के लिए जाने जाते हैं. मैं आपको बताता हूं कि दिल्ली कैंट के इलाकों में बाकी शहर से तापमान 2 डिग्री तक कम होता है. अभी सेना में क्या हो रहा है ये तो मैं नहीं कह सकता लेकिन सेना हमेशा से नेशन बिल्डिंग में शामिल रही है. हमेशा से ही ग्रीन एक्टिविटी में शामिल रही है.
जीरो कार्बन टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ रहे हैं
रवीन्द्र स्वामी, प्रिंसिपल कंसल्टेंट हेड ऑपरेशन, IT infra, large Account Infra ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अपने 27 साल के अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि मुझे कई तरह के डेटा सेंटर में काम करने का मौका मिला है. जहां तक बात है सस्टेनेबिलिटी की और उसमें फैसिलिटी मैनेजमेंट के योगदान की है तो इतना कहा जा सकता है कि वो बहुत ज्यादा है.
अगर सस्टेनेबिलिटी के कारण किसी तरह की ऐसी स्थिति पैदा होती है जिसके कारण बिजनेस प्रभावित होता है तो उसमें हमें डेटा सेंटर को बाहर ट्रांसफर करना पड़ता है. इसलिए हमें फैसिलिटी कैपेसिटी के मामले में हमेशा ही तैयार रहना पड़ता है. फैसिलिटी मैनेजमेंट में हमेशा से ही सस्टेनेबिलिटी की जरूरत पड़ती है. इन दिनों हम लोग जीरो कार्बन टेक्नोलॉजी की ओर आगे बढ़ रहे हैं. इसके लिए हम लोग रिन्यूएबल एनर्जी की ओर देख रहे हैं. हम लोग ऐसी तकनीक और डिवाइस को लेकर काम कर रहे हैं या इस्तेमाल कर रहे हैं जो कार्बन एमीशन को जीरो करती हैं.
40 प्रतिशत गैसें एक कारण से पैदा हो रही हैं
रमेश कुमार भट्ट, हेड फैसिलिटी मैनेजमेंट, DS Group
जहां तक क्लाइमेट चेंज की बात है तो ये टेंपरचर और वेदर शिफ्ट में एक लॉन्ग टर्म शिफ्ट है.अब ये नेचुरल भी हो सकता है और इसका कारण इंसान भी हो सकता है. अगर लोगों की बात करें कि आखिर हम लोग क्या कर रहे हैं तो हम कई तरह की ग्रीन हाउस गैस पैदा कर रहे हैं, जिससे एक तरह का ब्लैंकेट पैदा हो रहा है और तापमान बढ़ रहा है. डेटा बता रहा है कि 40 प्रतिशत ग्रीन हाउस गैसें हैं वो एक कारण से पैदा हो रही है.
उस कारण को खत्म करने को लेकर फैसिलिटी मैनेजमेंट के लोगों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है. जहां तक हमारी अपनी बात है तो हमने इसे लेकर कई तरह के प्रयास शुरू किए हैं. इसी के कारण 2019 में हमने डीप प्लेटिनम सर्टिफिकेट जीता. सर्टिफिकेट के वक्त हमने सबसे ज्यादा क्रेडिट स्कोर जीता था. हमने 100 में से 104 प्वॉइंट जीते थे. हमारी कैटेगिरी एक्सिटिंग बिल्डिंग वर्जन 4 था. आज हम कह सकते हैं कि हम दुनिया की लीडिंग बिल्डिंग हैं. ये हमने जीता ज्यादा से ज्यादा एनर्जी को सेव करके.
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