होम / एक्सपर्ट ओपिनियन / BW Gen AI समिट: 'Why, When AI नहीं, बल्कि How AI पर होनी चाहिए बात'
BW Gen AI समिट: 'Why, When AI नहीं, बल्कि How AI पर होनी चाहिए बात'
AI के अवसरों की बात करते हुए डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि AI का ग्लोबल मार्केट साइज 2030 तक 1811.8 बिलियन डॉलर हो सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
BW Businessworld द्वारा दिल्ली में Gen AI समिट आयोजित की जा रही है. इस समिट में AI एक्सपर्ट्स अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. इसी क्रम में InMobi Group की चीफ कॉर्पोरेट अफेयर्स एवं पब्लिक पॉलिसी ऑफिसर Dr. Subi Chaturvedi ने AI में मौजूद अवसरों पर बात की. उन्होंने कहा कि AI पर चर्चा का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता. AI तेजी से हम सभी के जीवन को प्रभावित कर रही है.
यह क्षमता के बारे में बातचीत है
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डॉ चतुर्वेदी ने कहा - मैं उस कंपनी का प्रतिनिधित्व करती हूं जो देश के पहले यूनिकॉर्न में से एक है. हमारी कंपनी 2011 में यूनिकॉर्न बनी थी. जब आप स्माल और लार्ज लैंग्वेज मॉडल और AI को मिल रहे हाइप की बात करते हैं, तो यह एक टेस्टिमोनी है कि क्या संभव है. यह उम्मीद के बारे में बातचीत है, यह भारत की क्षमता के बारे में बातचीत है. यह केवल वेस्ट में होने इनोवेशन के बारे में ही बातचीत नहीं है.
Genuine है AI को मिल रही हाइप
उन्होंने आगे कहा कि हम कोरोना के बाद की दुनिया में AI के बारे में बात कर रहे हैं, जहां टेक्नोलॉजी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. तो यहां हमारे लिए कई अवसर हैं. AI को लेकर जो हाइप है, वो पूरी तरह से वास्तविक है. ऐसा इसलिए कि AI का इस्तेमाल डेमोक्रेटिक हो गया है. आज मेरी मां लखनऊ में बैठकर यह जान सकती हैं कि फलां प्लांट कौनसा है, इसका सीजन क्या है, इसके लिए किस तरह की मिटटी चाहिए आदि. तो आजकल हर कोई लार्ज लैंग्वेज मॉडल आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. इसने टेक्नोलॉजी को पहुंच योग्य बनाया है.
ये भी पढ़ें - BW Gen AI Summit: डॉ. बत्रा ने पहले AI पर खुलकर की बात, फिर बताया फिट रहने का फॉर्मूला
टेक्नोलॉजी को लेकर नहीं हैं चिंतित
Dr. Subi Chaturvedi के मुताबिक, बात इस पर होनी चाहिए कि Gen AI के प्रकार क्या हैं और सम्पूर्ण रूप में AI क्या है, जिसका हमारा देश लाभ उठा सकता है, और कैसे इसे विकसित भारत, विजन 2047 से जोड़ा जा सकता है. इसलिए Why, When AI नहीं, बल्कि How AI पर बात होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे देश की 57% कंपनियां पहले ही AI को अडॉप्ट कर चुकी हैं. इससे पता चलता है कि हम टेक्नोलॉजी पर विश्वास कर रहे हैं, हम इसे लेकर चिंतित नहीं हैं. और हमें बदलाव से कोई परेशानी नहीं है.
इतना बड़ा हो सकता है AI का बाजार
AI के अवसरों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि AI का ग्लोबल मार्केट साइज 2030 तक 1811.8 बिलियन डॉलर हो सकता है. 2027 तक भारत का AI बाजार 117 बिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसका योगदान 2030 तक 15.7 ट्रिलियन डॉलर हो सकता है. ये निश्चित तौर पर छोटा आंकड़ा नहीं है. हमें यह समझना होगा कि हम ऐसा क्या कर सकते हैं, जिससे हमारे संगठन को वास्तव में फायदा हो. हालांकि, यह सबके लिए यूनिफार्म नहीं होगा. AI से नौकरियों में कटौती पर उन्होंने कहा कि AI से जॉब्स नहीं जाएंगी, बल्कि वो ट्रांसफॉर्म होंगी. हमारे पास पर्याप्त टैलेंट है, हमें केवल उन्हें अपस्केल करना है. कुछ कंपनियां इसके लिए ब्रिज की तरह काम कर रही हैं. वो चंद महीनों में आपकी वर्कफोर्स अपस्केल कर देंगी. AI का सबसे ज्यादा इस्तेमाल मार्केटिंग और कंज्यूमर बिहेवियर को समझने में हो रहा है.
टैग्स