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Cold Chains पर चर्चा में एक्सपर्ट्स ने साझा किए अपने अनुभव, बताया कैसे बेहतर होंगे हालात 

BW बिजनेस वर्ल्ड द्वारा आयोजित इवेंट में अलग-अलग सेक्टर्स की दिग्गज हस्तियां अपने विचार साझा कर रही हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago

BW Businessworld की तरफ से दिल्ली में Supply Chain Competitiveness Sumit & Awards 2023 का आयोजन किया जा रहा है. अलग-अलग सेक्टर्स के मार्केट लीडर इस आयोजन में शिरकत कर रहे हैं. साथ ही वह 'सप्लाई चेन' को लेकर अपने विचार भी व्यक्त कर रहे हैं. इस दौरान, पैनल डिस्कशन भी आयोजित किए जा रहे हैं. ऐसे ही एक डिस्कशन में FreshR की को-फाउंडर अंबिका सतपथी, Coca Cola India Limited में INSWA सप्लाई चेन ऑपरेशन लीड दर्पण खुराना, Nestle के सप्लाई चेन प्रमुख Jaikishan Gianani, Mother Dairy Fruit & Vegetable के सप्लाई चेन मैनेजमेंट प्रमुख Shampayan Ghosh, Papa John's International में EMENA डायरेक्टर R&D मिडिल ईस्ट एवं एशिया और Barbeque Nation Hospitality Limited के वाइस प्रेसिडेंट - Sourcing & Supply Chain गिरीश कृष्णकुमार ने भाग लिया. जबकि सेशन चेयर की भूमिका BW Businessworld की सीनियर एसोसिएट एडिटर ज्योत्सना शर्मा ने निभाई. 

ऐसे दूर की परेशानियां 
Building Efficiencies in Cold Chains विषय पर पैनल डिस्कशन की शुरुआत ज्योत्सना शर्मा कोरोना के बाद कोल्ड चेन, सप्लाई चेन की चुनौतियों से जुड़े सवाल के साथ की. इसका जवाब देते हुए Barbeque Nation के गिरीश कृष्णकुमार ने कहा कि कई चुनौतियों से कुछ हद तक निपटा जा चुका है. उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि Barbeque Nation में हमने शुरुआत में सप्लाई चेन को ध्यान में रखते हुए योजना नहीं बनाई थी. हम मुख्यतौर पर दो परेशानियों को दूर करने में लगे थे, जो आउटलेट लेवल पर थीं. पहली, हमारे आउटलेट्स से उत्पन्न होने वाले गीला कचरा और दूसरी, किचन प्रोडक्टिविटी. जैसे कि हम फल, सब्जी आदि इस्तेमाल करते हैं, तो गीला कचरा काफी ज्यादा होता था, हम तकरीबन 4.5 टन गीला कचरा उत्पन्न कर रहे थे. इसका निपटारा भी एक चुनौती थी. वहीं, किचन प्रोडक्टिविटी के मुद्दे पर भी हमारा काफी समय खर्च होता था. उदाहरण के तौर पर misa pla के लिए शेफ कई घंटे पहले आ जाते थे, ये तैयारी से जुड़ी प्रक्रिया है. जब बात फूड एवं वेजिटेबल कैटेगरी की आती है, तो सभी जानते हैं कि ब्रोकली या गोभी जैसे उत्पादों में से केवल 45-50% की इस्तेमाल होता है. सप्लाई चेन में आपको प्रोडक्ट के साथ उन चीजों को भी लेना पड़ता है, जिन्हें आप इस्तेमाल नहीं कर सकते. हमने इस पूरी प्रक्रिया में कमी लाने का फैसला किया. इसके लिए सबसे पहले हमने ये जाना कि क्या इस प्रक्रिया को खेतों के पास करने और वहां से कोल्ड चेन ले जाने से कोई फायदा होगा? हमने 2 से 3 साल पहले इस पर अमल किया. जो प्रक्रिया हम अपने आउटलेट्स में करते थे, वही सोर्स साइट पर होने लगी. अब हमारे पास प्रोडक्ट प्रोजन रूप में आते हैं. इससे हमें आर्थिक फायदा भी हुआ, हमने अपना गीला कचरा 25% तक कम कर लिया. इसके अलावा misa pla में लगने वाला समय भी बचा. आज के समय में कई ऐसे प्रोडक्ट हैं, जिनके लिए आउटलेट पर कोई अतिरिक्त समय खर्च नहीं करना पड़ता. 

आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग  
Mother Dairy के Shampayan Ghosh ने कहा कि मैंने 2005 में मदर डेयरी ज्वाइन की थी. मैं 17 सालों से कोल्ड चेन बिजनेस में हूं, तो मैंने इस सेक्टर में हुए बदलावों को अच्छे से देखा है. हम कई तरह के प्रोडक्ट हैंडल करते हैं, जैसे कि आइसक्रीम और हर प्रोडक्ट के लिए अलग तापमान होता है. एक केस स्टडी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कलकत्ता में अपने फ्रेश डेयरी प्रोडक्ट्स, खासकर मिष्टी दोई के लॉन्च में हमें कई तरह के चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि कलकत्ता एक असंगठित बाजार है. हमारे प्रोडक्ट हापुड़ के पास तैयार होते हैं, जिसमें दही, लस्सी आदि शामिल हैं. इन उत्पादों को 4 डिग्री में रखा जाता है और उसी तापमान पर डेस्टिनेशन पर ले जाना होता है. चुनौती ये थी कि हापुड़ के पास फैक्ट्री में उत्पादों को 24 घंटे में कलकत्ता में कैसे वितरित किया जाए. लेकिन आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग के चलते हमने यह कर दिखाया. मदर डेयरी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने स्वीट और ब्रेड कैटेगरी में इवेस्ट किया और बेहतर परिणाम पाए. आज हमारा आइसक्रीम का कारोबार ही अकेले 400 करोड़ रुपए का है. मदर डेयरी अमूल के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी डेयरी कंपनी है. वहीं, Coca Cola की दर्पण खुराना ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आमतौर पर जब आप कोल्ड चेन की बात करते हैं, तो चर्चा स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन पर होकर रह जाती है, लेकिन मिष्टी दोई को चार डिग्री पर बनाना और उसी पर कलकत्ता पहुंचाना कोल्ड चेन का एक अलग विषय है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए.

मिड मार्केट प्लेयर की कमी दूर की 
FreshR की को-फाउंडर अंबिका सतपथी ने कहा - हमने एक साल पहले ही दिल्ली बाजार मे एंट्री ली है. इससे पहले हमारा फोकस ईस्ट इंडिया था और हमारे खेत भी वहीं हैं. दिल्ली आने के बाद यह समझने में हमें एक महीने लगा कि चुनौतियां क्या हैं. हमारी प्राइमरी कैटेगरी मीट है और अब हम फ्रूट्स एवं वेजिटेबल पर भी आ रहे हैं. कोल्ड चेन पर चर्चा, विश्वास पर चर्चा है. अंबिका ने गिरीश की बातों का जिक्र करते हुए आगे कहा कि हर किसी में इतनी क्षमता नहीं होती कि सब्जियों को खेतों में ही काटें, फ्रोजन बनाए और ट्रांसपोर्ट कराए. आदर्श रूप से इसके लिए एक कंपनी होनी चाहिए, जो ये सब करे और ग्राहक को विश्वास करना चाहिए कि मेरा उत्पाद मी हिसाब से प्रोसेस्ड, स्टोर और ट्रांसपोर्ट किया गया है. जब हमने दिल्ली में एंट्री ली तो पाया कि प्रोडक्ट जैसे कि फ्रोजन मीट सप्लायर अधिकांश मंडी वाले थे, क्योंकि वे सस्ते पड़ते हैं. बड़े सप्लायर भी हैं, जो गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखते हैं. ऐसे सप्लायर के पास क्वालिटी पसंद लोग पहुंचते हैं. तो बाजार में ऐसे बड़े और मंडी वाले यानी छोटे सप्लायरों के बीच का एक गैप था. एक मिड मार्केट प्लेयर की जरूरत थी, जो ज्यादा दाम लिए बिना वही ट्रस्ट निर्मित करे. हमने इस गैप को भरा है.  

तीन एलिमेंट पर फोकस जरूरी 
Nestle के सप्लाई चेन प्रमुख Jaikishan Gianani ने कोल्ड चेन को बेहतर बनाने पर अपनी बात करते हुए कहा कि तीन एलिमेंट हैं जिन पर काम होना चाहिए. नीति - जहां हमें तय करना होता है कि क्या करना है. रेगुलेशन - जहां हम गेम के नियम तय करते हैं और तीसरा है फाइनेंसिंग. उन्होंने आगे कहा -एक जमाना था जब हम अनब्रांडेड आटा-दाल खरीदते थ, लेकिन जैसे-जैसे ग्राहक समझदार होते गए उन्होंने ब्रांडेड उत्पाद खरीदना शुरू कर दिया.  आज बहुत ही कम लोग आटा पिसवाने चक्की जाते होंगे. इसी तरह कोल्ड चेन में, जैसा कि दर्पण ने कहा हम कोल्ड स्टोरेज में अटक गए थे. इसलिए कोई एंड टू एंड नहीं था और कोई डिमांड नहीं थी, मगर जैसे ही ग्राहक जागरुक बना डिमांड आनी शुरू हुई और नीति की जरूरत महसूस हुई. अब समय आ गया है कि नियम बनाए जाएं कि ये इंडस्ट्री कैसे चलेगी. रेगुलेशन के दृष्टिकोण से, यह स्पष्ट है कि इसे इंटीग्रेटेड होना होगा, एंड टू एंड होना होगा और इसे कोल्ड चेन कांसेप्ट होना होगा. रेगुलेशन ऐसे तय होने चाहिए जो बड़े से लेकर छोटे तक सबका ख्याल रखें. इस तरह की वैल्यू चेन बनाना काफी महंगा है, तो इसके लिए पर्याप्त पैसा भी चाहिए.  

China का दिया उदाहरण
वहीं, ने Jaikishan Gianani की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि चीन में Demonstration जोन पार्क बनाए गए हैं. इन जोन में चीन ने कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर सेटअप किया है, ताकि सिस्टम को अवेयर किया जा एके. हमें भी इसकी जरूरत है. शहरी के साथ-साथ हमें ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी जरूरत है. जब आप किसान आदि के लिए इस तरह की व्यवस्था करेंगे, तो वह जानेंगे कि कोल्ड चेन में सबसे पहले क्या होता है. इसके अलावा, डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ उठाना भी कोल्ड चेन के लिए महत्वपूर्ण है. 


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