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डॉन का दी एंड: कभी Ansari के आतंक से कांपता का UP, दौलत का लगा दिया था अंबार
पूर्वांचल का डॉन मुख्तार अंसारी इस दुनिया से रुखसत हो गया है. जेल में बंद अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत हो गई है. यूपी की बांदा जेल में बंद अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से गुरुवार रात दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. मुख्तार को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे बचाने की कोशिश लेकिन सफल नहीं हो पाए. गाजीपुर में जन्मे मुख्तार अंसारी ने भले ही अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनाई, लेकिन उसके परिवार की अपनी एक अलग प्रतिष्ठा थी. मुख्तार के दादा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और स्वतंत्रता सेनानी थे. मु्ख्तार अंसारी पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज थे और वो जेल से ही अपना गैंग चलाया करता था.
पांच बार विधायक भी रहा
मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया से राजनीति में भी एंट्री ली थी और पांच बार विधायक भी रहा. उसने तीन बार तो जेल में ही रहकर चुनाव जीता था. 2022 का विधानसभा चुनाव मुख्तार ने खुद नहीं लड़ा, बल्कि अपने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को इस सीट से लड़वाया और जीत भी दिलवाई. अब्बास इस वक्त जेल में बंद है. जबकि मुख्तार की पत्नी शाइस्ती परवीन और छोटा बेटा उमर अंसारी फरारा चल रहे है. दोनों के ऊपर कई मुकदमे दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी ने केवल यूपी ही नहीं बल्कि कई राज्यों में अपना नेटवर्क स्थापित किया था. मुंबई, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, दिल्ली और मध्य प्रदेश तक उसके गैंग की पहुंच थी.
ऐसे फैलाया अपना नेटवर्क
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्तार अंसारी ने महाराष्ट्र में तेल के कारोबार में करीबी शूटर मुन्ना बजरंगी के बल पर दबदबा कायम किया था. 1994 से वर्ष 2016 तक पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में आतंक मचाने वाले गैंगस्टर जसविंदर सिंह राकी से माफिया मुख्तार अंसारी के रिश्ते जगजाहिर थे. रॉकी की मदद से मुख्तार ने पंजाब, हरियाण और राजस्थान में सक्रिय अपराधियों को अपने नेटवर्क में शामिल किया था. इसी तरह, पूर्वांचल के मछली बाजार पर भी मुख्तार गैंग ने सालों तक राज किया. यूपी में अंसारी का इतना खौफ था कि कोई उसके खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं कर पाता था. अपराध की दुनिया से अंसारी ने दौलत का पहाड़ खड़ा कर लिया था.
योगी सरकार ने तोड़ी कमर
मुख्तार अंसारी पांच बार विधायक रहा था. एक रिपोर्ट के अनुसार, उसने अपने चुनावी हलफनामे में बताया था कि उसकी नेटवर्थ 21 करोड़ रुपए है. हालांकि, ये केवल वो कमाई थी जिसका जिक्र उसने किया था, इसके अलावा भी उसने भी इतना कमाया था जिसकी जानकारी वो सार्वजनिक नहीं कर सकता था. यूपी में योगी सरकार बनने के बाद मुख्तार अंसारी के सही मायनों में बुरे दिनों की शुरुआत हुई. मुख्तार अंसारी गैंग के सदस्यों पर 150 से ज्यादा FIR दर्ज हुईं. मुख्तार की करीब 600 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई और 2100 से अधिक के अवैध कारोबार को बंद किया गया. बीते 18 महीनों में उसे 8 मामलों में सजा हुई थी. कुछ मीडिया रिपोर्टस की मानें तो अंसारी के 186 सहयोगियों को योगी सरकार जेल भेज चुकी है.
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