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आखिर कौन है वो Singham जिससे मिलने को बेकरार है ED, दोबारा भेज दिया समन?
प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने दूसरी बार नेविल रॉय सिंघम को समन भेजा है. ED उनसे 'न्यूजक्लिक' से जुड़े मामले में पूछताछ करना चाहती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने न्यूज पोर्टल 'न्यूजक्लिक' से जुड़े मामले में अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम (Neville Roy Singham) को समन भेजा है. हालांकि, सिंघम इस समय यूएस में नहीं हैं, उन्होंने चीन को अपना ठिकाना बनाया हुआ है. क्योंकि अमेरिका में उन पर चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप है. 'न्यूजक्लिक' का नाम हाल ही में तब चर्चा में आया था जब एजेंसी ने कथित तौर पर भारत-विरोधी एजेंडा चलाने के लिए फंडिंग के आरोपों में संस्था से जुड़े लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. अब ED इसी मामले में नेविल रॉय सिंघम से भी पूछताछ करना चाहती है.
चीन नहीं कर रहा सहयोग
ED 'न्यूजक्लिक' और नेविल रॉय सिंघम के रिश्ते की जांच करना चाहती है, इसलिए सिंघम को समन जारी किया गया है. वैसे, ये कोई पहली बार नहीं है जब ED ने यह कोशिश की है. इससे पहले भी चीन के शंघाई में रह रहे इस अमेरिकी उद्योगपति को समन भेजा गया था, लेकिन चीनी अथॉरिटीज ने उसे सर्व करने से इनकार कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से नेविल रॉय सिंघम को दोबारा समन भेजकर दिल्ली आकर आरोपों पर अपना बयान दर्ज कराने को कहा है. दरअसल, विदेश में रहने किसी व्यक्ति को सीधे समन नहीं भेजा जा सकता. इसके लिए विदेश मंत्रालय के जरिए संबंधित देश की अथॉरिटी के पास समन को लेकर अनुरोध पत्र भेजा जाता है, जिसे लेटर रोगेटरी (LR) कहते हैं.
ऐसी खुलीं मामले की परतें
ED ने पिछले साल भी चीनी अथॉरिटीज के पास लेटर रोगेटरी भेजकर सिंघम को जांच में शामिल होने को कहा था, लेकिन चीनी सरकार उस लेटर को दबाए बैठी रही. इस बार भी उम्मीद कम ही है कि उसके रुख में बदलाव आएगा. क्यूबाई-श्रीलंकाई मूल के अमेरिकी नागरिक नेविल रॉय सिंघम पर भारत-विरोधी एजेंडा चलाने के लिए फंडिंग का आरोप है. बताया जा रहा है कि वो चीन के इशारे पर भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए पैसा खर्च कर रहे हैं. इस पूरे मामले की परतें तब खुलीं जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसी साल अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अमेरिका में चीन का एजेंडा आगे बढ़ाने के आरोपों को लेकर स्थानीय एजेंसियां सिंघम और उनकी एक्टिविस्ट पत्नी के खिलाफ जांच कर रही हैं. हालांकि, सिंघम ने इससे इनकार किया था.
क्या हैं सिंघम पर आरोप?
नेविल रॉय सिंघम पर भारत में भी चीनी प्रोपेगेंडा चलाने का भी आरोप लगा, इसके बाद भारत में सिंघम से जुड़े लिंक तलाशने की शुरुआत हुई और 'न्यूजक्लिक' से जुड़े लोगों पर कार्रवाई हुई. दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के प्रमोटर प्रबीर पुरकायस्थअ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को अपने न्यूज पोर्टल पर चीनी प्रोपेगेंडा चलाने के लिए 3 अक्टूबर को आतंकरोधी कानून UAPA (अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट) के तहत हिरासत में लिया था. ED का दावा है कि सिंघम के नियंत्रण वाली संस्थाओं के जरिए न्यूजक्लिक को चीन का प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए भारी-भरकम पैसा मिला था. जबकि न्यूजक्लिक ने इन आरोपों को खारिज किया है.
कारोबारी और एक्टिविस्ट
ED ने पुरकायस्थ से अमेरिकी कंपनी वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स LLC के साथ उनके संबंधों को लेकर पूछताछ की थी. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि वर्ल्डवाइड मीडिया ने अप्रैल 2018 में न्यूजक्लिक में 9.6 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जबकि 3 महीने पहले ही ये न्यूज पोर्टल अस्तित्व में आया था. न्यूजक्लिक के प्रमुख निवेशकों में गौतम नवलखा भी शामिल हैं, जो पुणे के भीमा कोरेगांव केस में आरोपी हैं. अब वापस नेविल रॉय सिंघम पर लौटते हैं. 13 मई, 1954 में जन्मे Singham बिजनेसमैन के साथ-साथ सोशल एक्टिविस्ट भी हैं. वो आईटी कंसल्टिंग कंपनी ThoughtWorks के फाउंडर एवं चेयरमैन हैं. सिंघम के पिता का नाम Archibald Wickeramaraja Singham, जो श्रीलंका Brooklyn College of City University में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर थे. नेविल रॉय सिंघम ने 2017 में Jodie Evans से जमैका में शादी रचाई थी. Jodie अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की पॉलिटिकल एडवाइजर रही हैं.
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