होम / बिजनेस / 2000 की नोट वापसी का GDP पर पड़ेगा क्या असर?
2000 की नोट वापसी का GDP पर पड़ेगा क्या असर?
इससे उतनी गिरावट तो नहीं होगी जितनी नोटबंदी में हुई थी लेकिन असर तो होगा. जीडीपी पर उसका नेगेटिव असर देखने को मिलेगा.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
आरबीआई ने 2000 के नोट की लीगल टेंडर वैल्यू को समाप्त कर दी है, अब ये नोट फिलहाल तो बाजार में चलता रहेगा लेकिन इसकी वैद्यता को समाप्त कर दी है. आरबीआई के अनुसार ये नोट 30 सितंबर तक ही मान्य रहेगा. उसी तारीख तक इस नोट को बदला भी जा सकेगा. लेकिन सवाल ये है कि जैसे 2016 में नोट वापसी का असर देश की GDP पर देखने को मिला था क्या इस बार भी सिर्फ 2000 के नोट की वापसी का असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. इसे लेकर जानकारों का मानना है कि उतना तो नहीं लेकिन असर जरूर पड़ेगा क्योंकि इससे कारोबार की स्पीड में कमी तो आएगी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इस कदम का असर देश की अर्थव्यवस्था पर होगा या नहीं इस सवाल के जवाब में प्रोफेसर अरुण कुमार कहते हैं क्योंकि 2000 रुपये के नोट के लीगल टेंडर में न रहने के कारण इसके चलन पर तो असर पड़ेगा. प्रो. अरुण कुमार कहते है कि अब 2000 रुपये के नोट को कोई स्वीकार नहीं करेगा. इससे ट्रेड में परेशानी आनी शुरू हो जाएगी. कोई भी कारोबारी इस बात की परेशानी को नहीं लेगा कि पहले वो ग्राहक से ले और उसके बाद वो बैंक में जमा करे. इसका समाधान वो ये निकालेंगे कि वो लेंगे ही नहीं. वो इसे एक और उदाहरण देकर समझाते हुए कहते हैं कि अगर कोई यूपी का दुकानदार अपना सामान लेने के लिए आया हुआ है और वो अपने साथ कैश में 2000 रुपये का नोट लाया है तो उसके लिए तो परेशानी हो गई है. अब पहले तो वो बैंक से उन्हें चेंज कराए उसके बाद वो अपना काम करे. वो कहते हैं कि अगर ट्रेड पर असर होता है तो जीडीपी गिरेगी. अगर ट्रांजैक्शन कम होगा तो प्रोडक्शन कम होगा. अगर आपकी अर्थव्यवस्था में असर पड़ने लगे तो उसका असर जीडीपी में भी होगा.
क्या कोई और तरीका था
प्रो अरुण कुमार मानते हैं कि सरकार को ऐसा कदम उठाने की कोई जरुरत नहीं थी. ये नोट पहले ही अपने आप खत्म हो रहे थे. ऐसे कुछ ही लोग हैं जिनके पास मौजूदा समय में ये नोट मौजूद हैं. कुछ के पास 1 करोड़ हैं तो कुछ के पांच और कुछ के पास 10 करोड़ रुपये हैं. ऐसे में अगर आप उसका एवरेज भी निकालें तो लगभग 36 हजार लोग ही ऐसे आते हैं जिनके पास ये नोट होंगे. ऐसा नहीं है कि बहुत सारे लोग बहुत सारी होर्डिंग कर रहे हैं. उनका ये भी कहना है कि सरकार 5000 लोगों के पीछे पूरे 140 करोड़ लोगों को परेशान करने की कोई जरूरत नहीं थी. वो ये भी कहते हैं कि अब इससे होगा ये कि बैंकों का काम प्रभावित होगा, हालांकि उतना नहीं होगा जितना उस समय हुआ था. लेकिन फिर भी परेशानी तो होगी ही.
सोमवार से शुरू होगा नोट बदलने का सिलसिला
शुक्रवार को आरबीआई की ओर से जो ऐलान किया गया है उसके बाद मंगलवार से नोटों को बदलने का सिलसिला शुरू होने जा रहा है. ऐसे में अब असली तस्वीर सोमवार से ही देखने को मिलेगी कि आखिर क्या कुछ देखने को मिलता है. क्या पिछली बार की तरह एक बार फिर बैंकों के बाहर लाइन लगती है या दिए गए समय के अनुसार धीरे-धीरे इन्हें बदलने के लिए आते हैं. असली तस्वीर सोमवार को ही दिखेगी.
टैग्स