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क्या भारत की उम्मीद के मुताबिक सुधर पाएगी Moody's की निवेश रेटिंग, भारत आशान्वित
हर साल जारी होने वाली Moody's की सावरेन रेटिंग को लेकर भारत ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के सामने अपना पक्ष रख दिया है. भारत को उम्मीद है कि इस साल उसकी रेटिंग में और सुधार हो पाएगा.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
किसी भी देश के लिए निवेश जुटाने में रेटिंग एजेंसी की भूमिका अहम होती है. हर देश चाहता है कि उसकी रेटिंग बेहतर हो जिससे उसके वहां ज्यादा निवेश आए. इसी को बेहतर बनाने के लिए हर साल दुनिया की सबसे बड़ी रेटिंग एजेंसी Moody's हर देश को रेटिंग देती है. इसी रेटिंग को लेकर राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार की विसतार से चर्चा हुई. भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने नई दिल्ली में मूडीज के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में उन्होंने मूडीज के अधिकारियों के सामने भारत का पक्ष रखा. भारत इस बार पहले से बेहतर रेटिंग की उम्मीद कर रहा है. वर्तमान में, भारत के लिए मूडीज की रेटिंग 'स्थिर' दृष्टिकोण के साथ 'बीएए3' के निम्नतम निवेश ग्रेड में है.
भारत को आखिर क्यों है अपग्रेड की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (सीईए) को मूडीज से रेटिंग अपग्रेड की उम्मीद है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार CEA ने मूडीज से चर्चा की है कि इंडोनेशिया जैसे देशों की रेटिंग भारत से बेहतर कैसे हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, मूडीज के साथ बातचीत अनुकूल रही. साथ ही, मीडिया रिपोर्ट ये भी बता रही हैं कि मूडीज को भारतीय अर्थव्यवस्था की सकारात्मकता के बारे में बताया गया है. यही नहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत को इस बार मूडीज ये काफी सकारात्म रूख देखने को मिला है.
बाकी एजेंसियो की क्या है रेटिंग
अगर भारत के लिए अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों की स्थिति को देखें तो वर्तमान में, भारत के लिए मूडीज की रेटिंग ‘स्थिर’ दृष्टिकोण के साथ ‘बीएए3’ के निम्नतम न्यूनतम निवेश ग्रेड में है. यह अन्य रेटिंग एजेंसियों जैसे 'बीबीबी-' पर S&P और फिच द्वारा दी गई रेटिंग के समान है. साथ ही, भारत के लिए DBRS की क्रेडिट रेटिंग BBB (निम्न) है जिसका आउटलुक समान है.
ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स के अनुसार, सामान्य तौर पर, क्रेडिट रेटिंग का उपयोग सॉवरेन वेल्थ फंड, पेंशन फंड और अन्य निवेशकों द्वारा भारत की क्रेडिट योग्यता को मापने के लिए किया जाता है, जिससे देश की उधार लागत पर बड़ा प्रभाव पड़ता है.
चौथी तिमाही में सामने आए हैं बेहतर नतीजे
31 मार्च, 2023 को समाप्त तिमाही के लिए भारत की अर्थव्यवस्था ने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की और अनुमान से बेहतर रही. FY23 की चौथी तिमाही में भारत की ग्रोथ रेट 6.1% रही थी जबकि क्वार्टर 3 में ये ग्रोथ रेट 4.4% रही थी। कुल मिलाकर, FY23 वित्तीय वर्ष में वृद्धि 7.2% की अपेक्षा बेहतर है. हालाँकि, FY23 की वृद्धि FY22 में 9.5% की वृद्धि से धीमी हो गई है. 31 मई को, जीडीपी डेटा के बाद, नागेश्वरन ने कहा था, हम व्यापक आर्थिक, वित्तीय और राजकोषीय स्थिरता के साथ हमने इस साल बेहतरीन प्रदर्शन किया है और हम आने वाले एक और साल में भी सभी के बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं.
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