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क्या वाकई ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने वाली है Modi सरकार?
केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि नई पेंशन स्कीम उनके लिए बड़ा घाटा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 5 months ago
कर्मचारी लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाल करने की मांग कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी पर OPS को पुन: लागू करने का ऐलान किया था, लेकिन इसके बावजूद उसे हार का सामना करना पड़ा. अब सवाल ये उठता है कि क्या मोदी सरकार कर्मचारियों की इस मांग को पूरा करेगी? क्या लोकसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश की जाएगी? सरकार की तरफ से इसका जवाब आ गया है.
2003 में हुई थी समाप्त
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त किए गए सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल करने का केंद्र सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है. यानी एक तरह से यह साफ हो गया है कि सरकार की OPS बहाली की कोई योजना नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को समय-समय पर ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग को लेकर अनुरोध मिलता रहा है. चौधरी ने कहा कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को 22 दिसंबर 2003 को लागू किया गया था. सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए NPS को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं.
इन राज्यों में हुई बहाल
चौधरी ने आगे कहा फाइनेंस सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो NPS के मौजूदा फ्रेमवर्क का अध्ययन कर रही है. गौरतलब है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने OPS को बहाल किया है. पुरानी पेंशन स्कीम में जहां रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50% तक निश्चित पेंशन मिलती है. वहीं, NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है. इसी तरह OPS में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती, जबकि NPS में कर्मचारी के वेतन से कटौती होती है. इसी वजह से कर्मचारी NPS को दोहरा नुकसान करार दे रहे हैं.
OPS से बढ़ जाएगा बोझ
वहीं, आरबीआई की सोमवार को जारी रिपोर्ट 'State Finances: A Study of Budgets of 2023-24' में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर बड़ी बात कही गई है. रिपोर्ट कहती है कि आंतरिक अनुमानों के मुताबिक यदि सभी राज्य ओपीएस बहाल करते हैं तो सरकार का वित्तीय बोझ NPS की तुलना में 4.5 गुना बढ़ सकता है. OPS से साल 2060 तक सालाना अतिरिक्त बोझ GDP का 0.9 प्रतिशत पहुंच जाएगा. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कुछ राज्यों ने ओपीएस बहाल कर दी है और कुछ इस दिशा में बढ़ रहे हैं. लेकिन इससे राज्यों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा और वे विकास कार्यों पर खर्च नहीं कर पाएंगे.
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