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आशंका: Air India तक न पहुंच जाए Vistara की आंच, जानें आखिर क्यों मचा हुआ है बवाल
बड़ी संख्या में विस्तारा के पायलट बीमारी का हवाला देकर छुट्टी पर चले गए हैं, जिसकी वजह से फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
टाटा समूह की विस्तारा एयरलाइंस (Vistara Airlines) में इस समय भारी उथल-पुथल मची हुई है. महज 2 दिनों में ही विस्तारा की 100 से ज्यादा फ्लाइट कैंसल हो चुकी हैं. साथ ही कई फ्लाइट्स के देरी से उड़ान भरने की भी खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बड़ी संख्या में कंपनी के पायलट बीमारी का हवाला देकर सिक लीव पर जा रहे हैं. इससे हवाई विमानों को उड़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में पायलट और क्रू मेंबर नहीं हैं. सोमवार और मंगलवार को विस्तारा की 00 से अधिक फ्लाइट कैंसल हो गईं थीं.
सैलरी में कटौती से नाराजगी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विस्तारा के पायलट विस्तारा के एयर इंडिया में विलय को लेकर परेशान हैं. दरअसल, एयर इंडिया का सैलरी स्ट्रक्चर 40 घंटे उड़ान की न्यूनतम एश्योर्ड-पे पर आधारित है. जबकि विस्तारा का न्यूनतम एश्योर्ड-पे 70 घंटे का है. टाटा समूह विलय की गई एयरलाइन के लिए एयर इंडिया के पे-स्ट्रक्चर को अपनाया है. इस वजह से विस्तारा के पायलटों के वेतन में कटौती हुई, जिससे वे काफी नाराज हैं. उन्होंने नौकरी के नए कॉन्ट्रैक्ट का विरोध शुरू कर दिया है और सिक लीव उसी का हिस्सा है.
इन चिंताओं से ग्रस्त हैं पायलट
विलय के चलते विस्तारा के पायलट तमाम तरह की चिंता में घिरे हुए हैं. उन्हें लगता है कि सैलरी, डयूटी ऑवर और भत्तों सहित उन्हें कई तरह के समझौते करने पड़ेंगे. इसके अलावा उन्हें अपनी वरिष्ठता खोने का भी डर है. इसलिए पायलट अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए छुट्टी पर जा रहे हैं. विस्तार के पास 70 विमानों का बेड़ा है, जिसमें 63 विमान एयरबस-320 फैमिली के हैं. इसी फैमिली के अधिकतर सीनियर पायलट अचानक बीमारी का हवाला देकर छुट्टी पर जा रहे हैं. परिणामस्वरूप उड़ानें प्रभावित हो रही हैं.
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कंपनी ने उठाए ये कदम
विस्तारा इस समस्या को जल्द दूर करने की कोशिशों में लगी है. कंपनी ने स्वीकार किया है कि क्रू मेंबर्स की कमी के चलते उसकी कई फ्लाइट कैंसल और डिले हुई हैं. लिहाजा इस संकट से निपटने के लिए कंपनी अपनी कुछ फ्लाइट में कटौती कर रही है. साथ ही वह कुछ रूटों पर बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर और ए-321 जैसे बड़े एयरक्राफ्ट इस्तेमाल कर रही है, ताकि एक ही फ्लाइट में अन्य फ्लाइट के यात्रियों को भी फिट किया जा सके. उधर, DGCA इस मामले पर बारीकी से नजर रखे हुआ है.
मुश्किल में पड़ जाएगा समूह
वहीं, यह आशंका भी जताई जा रही है कि विस्तारा की आंच कहीं एयर इंडिया तक न पहुंच जाए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि जल्द संकट दूर नहीं हुआ, तो एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को भी ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. टाटा समूह तीनों एयरलाइन को मर्ज करने जा रहा है. इसमें एयर इंडिया प्रमुख कंपनी होगी. इस मर्जर के बाद कंपनी में सिंगापुर का शेयर 25.1% होगा और बाकी 74.9% की हिस्सेदारी टाटा समूह की होगी. विस्तार में समस्या विलय को लेकर ही शुरू हुई है, ऐसे में एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस भी इससे प्रभावित हो सकती हैं. यदि ऐसा हुआ, तो टाटा समूह की लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी.
अवसरों की कोई कमी नहीं
एविएशन सेक्टर में प्रतियोगिता काफी बढ़ गई है. फिलहाल भारत के आकाश पर इंडिगो का दबदबा है. उसका मार्केट शेयर टाटा समूह की तीनों कंपनियों से भी ज्यादा है. आकाशा एयर भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है. स्पाइसजेट की स्थिति में सुधार देखने को मिला है. ऐसे में पायलट और अन्य क्रू मेंबर्स के पास अवसरों की कोई कमी नहीं है. भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने बीते कुछ समय में 1620 विमानों का ऑर्डर दिया है. इससे एविएशन सेक्टर के विस्तार का अंदाजा लगाया जा सकता है. पायलट समझते हैं कि उनकी डिमांड काफी ज्यादा है, यही वजह है कि वो अपनी सुविधाओं में किसी भी तरह की कटौती नहीं करना चाहते.
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