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Russia से कच्चा तेल लेकर Bharat आ रहे जहाजों ने आखिर क्यों डाला बैक गियर?
रूस-यूक्रेन जंग के बाद से भारत बड़े पैमाने पर मॉस्को से कच्चा तेल आयात कर रहा है, क्योंकि रूस डिस्काउंटेड रेट पर क्रूड ऑयल उपलब्ध करा रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
भारत पिछले काफी समय से रूस से कच्चा तेल (Crude Oil) खरीद रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मॉस्को ने सस्ते दामों पर कच्चा तेल ऑफर किया था, तब से भारत लगातार उसका खरीदार बना हुआ है. हालांकि, अब खबर आई है कि रूस से क्रूड ऑयल लेकर भारत आ रहे जहाजों ने अपना रास्ता बदल लिया है. अब ये जहाज पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस और भारत के बीच तेल भुगतान से जुड़ी चिंताओं के बीच कुछ जहाजों ने अपना रूट बदल लिया है.
इन्होंने बदला रास्ता
रिपोर्ट में पोत-ट्रैकिंग डेटा (Vessel-Tracking Data) का हवाला देते हुए बताया गया है कि रूस के सुदूर पूर्व से सोकोल तेल (Sokol Oil) ले जाने वाले पांच जहाज - NS Commander, Sakhalin Island, Krymsk, Nellis और Liteyny Prospect 7 से 10 समुद्री मील की रफ्तार से मलक्का जलडमरूमध्य (Malacca Strait) की ओर बढ़ रहे हैं. जबकि एनएस सेंचुरी के नाम से मशहूर एक छठा सोकोल जहाज अब भी श्रीलंका के करीब है. डेटा इंटेलिजेंस प्रोवाइडर केप्लर के लीड क्रूड एनालिस्ट विक्टर कटोना (Viktor Katona) के अनुसार, ऐसा लगता है कि चीन ने सोकोल कार्गो में अपनी दिलचस्पी दिखाई है. लिहाजा कयास लगाए जा रहे हैं कि ये कार्गो चीन की ओर जा सकते हैं.
आयात में आई गिरावट
तेल भुगतान से जुड़ी चिंताओं के चलते पिछले कुछ महीनों में रूस से भारत आने वाले कच्चे तेल की मात्रा में गिरावट देखने को मिली है. रिपोर्ट बताती है कि रूस से तेल आयात दिसंबर में जनवरी 2023 के बाद सबसे कम रहा. स्थानीय रिफाइनरों से जुड़े भुगतान के चलते इस दौरान एक भी सोकोल कार्गो भारत नहीं पहुंचा. कड़े प्रतिबंधों और भुगतान मुद्दों के कारण सोकोल ग्रेड तेल ले जाने वाले कम से कम छह टैंकर डिलीवरी नहीं कर सके हैं. केप्लर के आंकड़ों के मुताबिक, मई में 2.15 मिलियन बैरल प्रति दिन के रिकॉर्ड हाई तक बढ़ने के बाद, रूस से तेल आयात में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. नवंबर और दिसंबर के रूस से तेल आयात में काफी गिरावट आई थी. पिछले महीने यह 1.48 मिलियन बैरल प्रति दिन तक पहुंच गया.
चीन की ओर बढ़ेंगे 2 जहाज!
क्रूड ऑयल एनालिस्ट विक्टर कटोना का कहना है कि रूस के सुदूर पूर्व से कच्चा तेल निकालने वाली Sakhalin-1 एलएलसी संयुक्त अरब अमीरात में बैंक खाता नहीं खोल पाई, जिससे सहमति के अनुसार दिरहम में भुगतान किया जा सके. वहीं, भारत के तट के पास पहुंच चुके छह टैंकरों में से 2 ने संकेत दिया कि वे चीन की ओर बढ़ सकते हैं. हालांकि, विक्टर ने यह भी कहा कि बाधाओं के बावजूद, रूस और भारत के बीच सोकोल ग्रेड तेल का व्यापार जारी रहने की संभावना है.
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