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महिलाओं के लिए नौकरी के चयन में ये हैं सबसे अहम मामले, रिमोट वर्किंग है सबसे नापसंदगी
अविवाहित वेतनभोगी महिलायें अपने विवाहित समकक्षों की तुलना में मार्गदर्शन और कैरियर विकास के अवसरों के लिए अधिक सराहना दिखाती हैं। इनमें 16% विवाहित महिलाओं जबकि 26% अविवाहित महिलाएं हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 2 months ago
आज देश का शायद ही कोई सेक्टर है जहां महिलाएं अपनी प्रतिभा का लोहा नहीं मनवा रही हैं. लेकिन नौकरी करने वाली महिलाओं को लेकर हुए एक सर्वे में कई अहम जानकारियां निकलकर सामने आई हैं. क्रिसिल और डीएसबी बैंक की साझेदारी में हुए सर्वे में कई अहम बातें निकलकर सामने आई हैं. सर्वे बताता है कि ज्यादातर महिलाओं कैरियर में आगे बढ़ने की संभावना और सैलरी को देखकर नौकरी का चयन करती हैं. जबकि रिमोट वर्किंग का विकल्प कुछ प्रतिशत महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है.
क्या कहता है ये सर्वे?
DSB BANK ने क्रिसिल (Crisil) के साथ मिलकर जो सर्वे किया उसका नाम महिला और फाइनेंस है. इस सर्वे में जो फाइंडिंग सामने आई है उसे 800 कामकाजी और सेल्फ इम्प्लॉयड महिलाओं के साथ बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है. इसमें 10 शहरों की महिलाओं को शामिल किया गया है. इस रिपोर्ट का पहला भाग जनवरी 2024 में लॉन्च किया जा चुका है. जबकि इसके दूसरे भाग में कामकामजी महिलाओं की महत्वाकांक्षाए, उनकी आदतें और उन बैरियरों के बारे में बताया गया है जिनका वो अपने कामकाजी जीवन में सामना करती हैं. इसमें इस बात पर भी शोध किया गया है कि उम्र सैलरी, वैवाविह स्थिति कैसे उनकी पसंद को बदलती है.
सैलरीड महिलाओं की मासिक चुनौतिया
जब इन महिलाओं ये उनके वर्क प्लेस पर लिंग असमानताओं को लेकर बात की गई तो पता चलता है कि पूरे देश में महिलाओं की सैलरी में जो अंतर था वो 23 प्रतिशत था, जबबिक लैंगिक पूर्वाग्रह का प्रतिशत 16 था. जो महिला सालाना 10 से 25 लाख रुपये तक कमाती हैं उनका 41-55 लाख रुपये कमाने वाली महिलाओं से लिंग वेतन अंतर पर अलग नजरिया है. संपन्न महिलाओं ने Gendre वेतन अंतर के बारे में 30% की उच्च धारणा बताई, जबकि अर्ध-संपन्न महिलाओं में यह 18% थी. जहां तक 30% संपन्न महिलाओं ने दावा किया कि उन्होंने इसका अनुभव किया है, जो कि अर्ध-संपन्न समूह की 12% महिलाओं की तुलना में काफी अधिक है, जिन्होंने समान पूर्वाग्रह महसूस किया था.
क्या बोले कंपनी के एमडी?
डीबीएस बैंक इंडिया के प्रबंध निदेशक, और कंट्री हेड - एचआर, किशोर पोदुरी, ने कहा, वर्कफोर्स में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को आगे बढ़ाना और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और वित्तीय निर्णय लेने में स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है. अध्ययन से प्राप्त अंतर्दृष्टि संगठनों को महिलाओं की आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से समझने और उनकी प्राथमिकताओं के अनुरूप रणनीतियाँ तैयार करने के लिए सशक्त बना सकती है. इससे महिलाओं के लिए अधिक संतुष्टिदायक करियर बन सकता है, कार्यबल में उनकी भागीदारी बढ़ सकती है और उनके संभावित योगदान को अधिकतम किया जा सकता है.
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