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महिलाओं से जुड़े भेदभावों के बारे में क्या बोले CJI चंद्रचूड़?
उन्होंने कहा कि लोग महिलाओं को नौकरी देने से डरते थे कि कहीं उन पर यौन उत्पीड़न का इल्जाम न लग जाए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
हाल ही में भारत के CJI (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) डॉक्टर डी वाई चंद्रचूड़ ने उन भेदभावों के बारे में बात की जिनका सामना महिलाओं को अपने ऑफिस या काम करने की जगहों पर करना पड़ता है और जिनकी वजह से जॉब मिलने में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. CJI डॉक्टर डी वाई चंद्रचूड़ तमिलनाडु राज्य के मदुरै जिला अदालत कैम्पस की अतिरिक्त बिल्डिंग के शिलान्यास समारोह में मौजूद थे और इसी दौरान उन्होंने इन भेदभावों के बारे में अपने विचार व्यक्त किये.
महिलाओं को नौकरी देने से डरते थे लोग
कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की कम संख्या के लिए CJI चंद्रचूड़ ने घिसे पिटे पुराने विचारों (Stereotype) को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि लोग महिलाओं को नौकरी देने से डरते थे कि कहीं उन पर यौन उत्पीड़न का इल्जाम न लग जाए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रेगनेंसी के दौरान लोगों को महिलाओं की जरूरतों को समझना चाहिए. हमें महिलाओं का समर्थन करना चाहिए ताकि वह अपने काम और अपने परिवार के बीच सही संतुलन बना सकें.
सबको मिलना चाहिए न्याय
मदुरै जिला अदालत के शिलान्यास समारोह के दौरान बोलते हुए CJI ने अपने संबोधन में आगे जोर देते हुए कहा कि सीनियर वकीलों को अपने जूनियर वकीलों को सही सैलरी देनी चाहिए ताकि जूनियर वकील भी मुकदमों की प्रैक्टिस कर सकें. अगर अदालत में अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करने के दौरान वकीलों को मुश्किल हो तो उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. अपने संबोधन के दौरान आगे CJI ने बताया कि, क्षेत्रीय भाषाओं में आदेश ट्रांसलेट करने से न्यायपालिका का कायापलट भी हो रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि देश के सभी लोगों को न्याय मिल सके.
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