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अगस्त में धीमी रही सर्विस सेक्टर की चाल, लेकिन फिर भी बेहतर हैं नतीजे
जुलाई में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ के मुकाबले अगस्त के नतीजों में थोड़ा कमी देखने को मिली है. लेकिन मजबूत ऑर्डर बुक के कारण बाजार में सकारात्मकता देखने को मिल रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
हाल ही में आए ग्रोथ रेट के आंकड़ों ने सभी सेक्टरों को सकारात्मकता से भर दिया है. उसका असर एक बार फिर सर्विस सेक्टर पर देखने को मिल रहा है. मंगलवार को सामने आए एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस के सर्वेक्षण के नतीजों से पता चला है कि सेवा क्षेत्र में विस्तार अगस्त में भी जारी रहा है. सर्वे के आंकड़ों के अनुसार भारत का सेवा क्रय प्रबंधन सूचकांक अगस्त में 60.1 पर आ गया है. ये पीएमआई सूचकांक जुलाई से कम रहा है. इस सेक्टर में 50 से ऊपर की रीडिंग बेहतर मानी जाती है.
पिछले कुछ महीनों में कितना रहा है PMI?
अगर अगस्त के PMI आंकड़ों के मुकाबले पिछले कुछ महीनों के पीएमआई आंकड़ों पर नजर डालें तो समझ में आता है कि स्थिति क्या है. अगस्त में जो पीएमआई सूचकांक 60.1 रहा है वो जुलाई में 62.3 रहा, जून में 58.5 रहा, जबकि अगस्त 2022 में पीएमआई के आंकड़ों को देखें तो 56.2 रहा है. एसएंडपी ग्लोबल की ये श्रृंखला सितंबर 2014 से शुरू हुई है. तब से सेवा क्षेत्र में निर्यात में तेजी देखने को मिल रही है. एशिया प्रशांत, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी एशिया ऐसे क्षेत्र बनकर सामने आए हैं जहां मांग ज्यादा देखने को मिली है.
क्या बोली कंपनी की निदेशक?
एडएंडपी ग्लोबल इंटेलीजेंस की निदेशक पोलियाना डी लीमा ने जारी करते हुए कहा कि भारतीय सर्विस सेक्टर की कंपनियों ने अगस्त में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. उनके निर्यात कारोबार में एक जबर्दस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस बढ़ोतरी में कुछ विशेष क्षेत्रों ने ज्यादा योगदान दिया है. उनमें एशिया प्रशांत, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी अमेरिका और पश्चिम एशिया सहित कई देशों ने विशेष योगदान दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 6 सालों में कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिसने नीति निर्माताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. उन्होंने ये भी कहा कि इससे रेपो रेट में कटौती होने की कम संभावना है.
क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट?
सर्वे रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जिन लोगों ने सर्वे में भाग लिया है, उन्होंने ये बताया है कि कंपनियों ने अंशकालिक और पूर्णकालिक दोनों तरह के कर्मचारियों को हॉयर किया है. रिपोर्ट ये भी कहती है कि विज्ञापन की मांग में बढ़ोतरी, कीमतों के निर्धारण में प्रतिस्पर्धा और ग्राहक पूछताछ की अच्छी संख्या ने बाजार की सकारात्मकता को बढ़ावा दिया है.
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