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Future Retail के खिलाफ दिए SEBI के आदेश को SAT ने किया रद्द!
जांच में सामने आये तथ्यों के आधार पर एक साल तक Future Retail और इसकी शाखाओं को सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
फ्यूचर रिटेल (Future Retail) मामले में इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर आ रही है कि सिक्योरिटीज अपील ट्रिब्यूनल यानी SAT ने सिक्योरिटीज एवं एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा फ्यूचर रिटेल के खिलाफ दिए आदेश को रद्द कर दिया है.
SEBI का आदेश
इसके साथ ही SAT ने कंपनी के प्रमोटर ग्रुप फ्यूचर कॉर्पोरेट रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड (Future Corporate Resources Private Limited) के फाउंडर किशोर बियानी और डायरेक्टर अनिल बियानी को आदेश दिया गया है कि वह गैर-कानूनी कमाई के रूप में दिए गए 17.78 करोड़ रुपयों को वापस प्राप्त कर लें. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि SEBI ने इनसाइडर-ट्रेडिंग के आरोपों के बाद फ्यूचर रिटेल पर जांच करनी शुरु की थी और बाद में जांच में सामने आये तथ्यों के आधार पर एक साल तक कंपनी और इससे संबंधित कुछ अन्य शाखाओं को सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया था.
SAT ने क्या कहा?
कल आदेश देते हुए SAT ने SEBI द्वारा दिए गए इस आदेश को रद्द कर दिया था और कहा है कि कंपनी और इनसे संबंधित इकाइयों ने अप्रकाशित प्राइस-सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन (UPSI) के आधार पर ट्रेड नहीं किया है, क्योंकि विनिवेश से संबंधित जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से पब्लिक वेबसाइटों पर भी उपलब्ध थी. SAT ने अपने आदेश में कहा है कि हम संतुष्ट हैं कि विनिवेश से संबंधित जानकारी पब्लिक वेबसाइटों पर उपलब्ध थी और इंटरव्यू एवं खबरों के सामने आने के बाद अपील कर्ताओं द्वारा की गई ट्रेडिंग को UPSI से जोड़कर नहीं देखा जा सकता. इसीलिए कारण बताओं नोटिस में बताये गए आरोप असफल हो जाते हैं और WTM द्वारा की गई जांच में सामने आई जानकारी को साबित नहीं किया जा सकता.
क्या था पूरा मामला?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि SEBI द्वारा फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Limited) की जांच की गई थी ताकि यह बताया लगाया जा सके कि 10 मार्च 2017 से लेकर 20 अप्रैल 2017 के बीच कुछ निश्चित इकाइयों का व्यापार हुआ है या नहीं? इसी दौरान फ्यूचर रिटेल और ब्लूरॉक ई-सर्विसेज की एक शाखा, होमटाउन और फ्यूचर एंटरप्राइसेज की ही एक अन्य इकाई के मर्जर के बारे में भी विचार किया जा रहा था. SEBI ने कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया था कि UPSI की अवधी 10 मार्च 2017 से लेकर 20 अप्रैल 2017 के बीच थी.
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